"उकसाव का इमोशनल अत्याचार -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 14: | पंक्ति 14: | ||
"नये क़ैदी की क्या ख़बर है हवलदार ? उसको टॉर्चर किया कि नहीं ?" | "नये क़ैदी की क्या ख़बर है हवलदार ? उसको टॉर्चर किया कि नहीं ?" | ||
"जी सर ! आतंकवादियों को टॉर्चर करने के लिए रूल-बुक में तीन तरीक़े दिए गए हैं। हमने तीनों कर लिए। ऑडर की कंप्लाइंस हो गयी सर, लेकिन उस पर कोई असर नहीं हुआ सर..." | "जी सर ! आतंकवादियों को टॉर्चर करने के लिए रूल-बुक में तीन तरीक़े दिए गए हैं। हमने तीनों कर लिए। ऑडर की कंप्लाइंस हो गयी सर, लेकिन उस पर कोई असर नहीं हुआ सर !..." | ||
"क्या-क्या किया तुमने ?" | "क्या-क्या किया तुमने ?" | ||
"सर ! पहले तो हमने 'लाफ़्टर असॉल्ट' याने 'हास्यास्त्र' यूज़ किया; इसमें मुल्ज़िम को गुदगुदी की जाती है, जिससे ज़्यादा हँसेगा तो ज़्यादा परेशान होगा... लेकिन वो हँसा ही नहीं... बात ये है सर कि उसको गुदगुदी होती ही नहीं है।" | "सर ! पहले तो हमने 'लाफ़्टर असॉल्ट' याने 'हास्यास्त्र' यूज़ किया; इसमें मुल्ज़िम को गुदगुदी की जाती है, जिससे ज़्यादा हँसेगा तो ज़्यादा परेशान होगा... लेकिन वो हँसा ही नहीं... बात ये है सर कि उसको गुदगुदी होती ही नहीं है।" | ||
पंक्ति 22: | पंक्ति 22: | ||
"और तो सर 'फूड कोर्ट पॉलिसी' बचती है, वो भी हमने दे दी... एक से एक बढ़िया खाने की चीजें उसके सामने रख दी कि शायद ज़्यादा खाने से परेशान हो जाए... पर ऐसा हुआ नहीं।" | "और तो सर 'फूड कोर्ट पॉलिसी' बचती है, वो भी हमने दे दी... एक से एक बढ़िया खाने की चीजें उसके सामने रख दी कि शायद ज़्यादा खाने से परेशान हो जाए... पर ऐसा हुआ नहीं।" | ||
"और भी कुछ किया ?" | "और भी कुछ किया ?" | ||
"इससे ज़्यादा टॉर्चर हम किसी आतंकवादी को नहीं कर सकते, सर... एच. आर. सी. याने ह्यूमन राइट्स कमीशन की परमीशन नहीं है।" | "इससे ज़्यादा टॉर्चर हम किसी आतंकवादी को नहीं कर सकते, सर !... एच. आर. सी. याने ह्यूमन राइट्स कमीशन की परमीशन नहीं है।" | ||
"इसकी फ़ॅमली का पता चला ?" | "इसकी फ़ॅमली का पता चला ?" | ||
"इसकी फ़ॅमली में कोई नहीं है सर। माँ पहले ही मर गयी, बाप को इसने 13 साल की उमर में मार दिया था... रह गये थे भाई और इसकी बीवी... उन दोनों को भी इसने मार दिया।" | "इसकी फ़ॅमली में कोई नहीं है सर। माँ पहले ही मर गयी, बाप को इसने 13 साल की उमर में मार दिया था... रह गये थे भाई और इसकी बीवी... उन दोनों को भी इसने मार दिया।" | ||
पंक्ति 45: | पंक्ति 45: | ||
"शाबास ! आगे बताओ कैसे टॅकिल किया ?" | "शाबास ! आगे बताओ कैसे टॅकिल किया ?" | ||
"मैंने डाइरेक्ट उसके पैर पकड़ लिये... और तब तक नहीं छोड़े जब तक कि उसने अपने मुँह से ये नहीं कह दिया कि वो मेरे बाल-बच्चों से कुछ नहीं कहेगा..." | "मैंने डाइरेक्ट उसके पैर पकड़ लिये... और तब तक नहीं छोड़े जब तक कि उसने अपने मुँह से ये नहीं कह दिया कि वो मेरे बाल-बच्चों से कुछ नहीं कहेगा..." | ||
"गुड !तो इसका मतलब है कि आतंकवादी के पैर पकड़ कर, उससे अपनी बातें मनवाई जा सकती हैं !" | "गुड ! तो इसका मतलब है कि आतंकवादी के पैर पकड़ कर, उससे अपनी बातें मनवाई जा सकती हैं !" | ||
"जी सर ! इस तरीक़े से दूसरे आतंकवादी मान जाते होंगे पर ये तो फिर भी नहीं माना था सर !... बाद में, मेरे मोबाइल | "जी सर ! इस तरीक़े से दूसरे आतंकवादी मान जाते होंगे पर ये तो फिर भी नहीं माना था सर !... बाद में, मेरे मोबाइल से न जाने कितने इंटरनेशनल कॉल किए, तब कहीं जाकर बड़ी मुश्किल से राज़ीनामा हुआ" | ||
"तुम्हारा तो बिल बहुत बन गया होगा... उसके लिए इंटरनेट की व्यवस्था करवा दो ना, इंटरनेट कॉल बहुत सस्ता पड़ता है।" | "तुम्हारा तो बिल बहुत बन गया होगा... उसके लिए इंटरनेट की व्यवस्था करवा दो ना, इंटरनेट कॉल बहुत सस्ता पड़ता है।" | ||
"अब कुछ सुविधाएँ तो देनी ही पड़ेंगी ना इसको... उसकी वजह ये है सर कि बहुत सी बातों में इसकी आदत भाईचारे वाली है।" | "अब कुछ सुविधाएँ तो देनी ही पड़ेंगी ना इसको... उसकी वजह ये है सर कि बहुत सी बातों में इसकी आदत भाईचारे वाली है।" |
14:57, 31 मार्च 2012 का अवतरण
|
|