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*अगरुपत्र [[प्राचीन भारत लेखन सामग्री|प्राचीन भारत की लेखन सामग्री]] है। | *अगरुपत्र [[प्राचीन भारत लेखन सामग्री|प्राचीन भारत की लेखन सामग्री]] है। | ||
*अगरु वृक्ष की छाल भी, जिसे [[असम]] में 'सांचीपात' कहते हैं, ग्रन्थ लिखने और चित्र बनाने के लिए प्रयोग होती थी। | *अगरु वृक्ष की छाल भी, जिसे [[असम]] में 'सांचीपात' कहते हैं, [[ग्रन्थ]] लिखने और [[चित्र कला|चित्र]] बनाने के लिए प्रयोग होती थी। | ||
* | *[[पूर्वोत्तर भारत]] में इस छाल का हस्तलिपि-लेखन के लिए काफ़ी उपयोग हुआ है। | ||
*अगरु की छाल लिखने के लिए तैयार करने में बहुत श्रम करना पड़ता था। | *अगरु की छाल लिखने के लिए तैयार करने में बहुत श्रम करना पड़ता था। | ||
*सांचीपातीय हस्तलिपियाँ बड़ी संख्या में प्राप्त हुई हैं। | *सांचीपातीय हस्तलिपियाँ बड़ी संख्या में प्राप्त हुई हैं। |
08:47, 1 अप्रैल 2012 का अवतरण
- अगरुपत्र प्राचीन भारत की लेखन सामग्री है।
- अगरु वृक्ष की छाल भी, जिसे असम में 'सांचीपात' कहते हैं, ग्रन्थ लिखने और चित्र बनाने के लिए प्रयोग होती थी।
- पूर्वोत्तर भारत में इस छाल का हस्तलिपि-लेखन के लिए काफ़ी उपयोग हुआ है।
- अगरु की छाल लिखने के लिए तैयार करने में बहुत श्रम करना पड़ता था।
- सांचीपातीय हस्तलिपियाँ बड़ी संख्या में प्राप्त हुई हैं।
- इनमें से कुछ हस्तलिपियाँ विदेशों में भी पहुँच गई हैं।
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