"दशकुमारचरित": अवतरणों में अंतर

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*‘दशकुमार चरित’ गद्यकाव्य है, जो [[संस्कृत]] साहित्य के रचनाकार [[दंडी]] की रचना है।  
'''दशकुमार चरित''' गद्यकाव्य है, जो [[संस्कृत]] साहित्य के रचनाकार [[दंडी]] की रचना है।  
*इसमें दस कुमारों ने अपनी-अपनी यात्राओं के विचित्र अनुभवों तथा पराक्रमों का मनोरंजक वर्णन किया है।  
*इसमें दस कुमारों ने अपनी-अपनी यात्राओं के विचित्र अनुभवों तथा पराक्रमों का मनोरंजक वर्णन किया है।  
*विनोद और व्यंग्य के माध्यम से इसमें तत्कालीन समाज का भी चित्रण किया गया है।  
*विनोद और व्यंग्य के माध्यम से इसमें तत्कालीन समाज का भी चित्रण किया गया है।  
*दशकुमार रचना को [[दंडी]] की प्रारम्भिक रचना माना जाता है, लेकिन इसी के बल पर दंडी को [[संस्कृत]] का पहला गद्यकार भी कहा जाता है।  
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10:39, 4 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण

दशकुमार चरित गद्यकाव्य है, जो संस्कृत साहित्य के रचनाकार दंडी की रचना है।

  • इसमें दस कुमारों ने अपनी-अपनी यात्राओं के विचित्र अनुभवों तथा पराक्रमों का मनोरंजक वर्णन किया है।
  • विनोद और व्यंग्य के माध्यम से इसमें तत्कालीन समाज का भी चित्रण किया गया है।
  • दशकुमार रचना को दंडी की प्रारम्भिक रचना माना जाता है, लेकिन इसी के बल पर दंडी को संस्कृत का पहला गद्यकार भी कहा जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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