"तख्त श्री पटना साहिब": अवतरणों में अंतर
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'''तख्त श्री पटना साहिब''' को 'तख्त श्री हरमन्दिरजी साहिब' और 'पटना सहिब' के नामों से भी जाना जाता हैं। | '''तख्त श्री पटना साहिब''' को 'तख्त श्री हरमन्दिरजी साहिब' और 'पटना सहिब' के नामों से भी जाना जाता हैं। | ||
*तख्त श्री पटना साहिब [[बिहार]] राज्य के [[पटना]] शहर में स्थित एक गुरुद्वारा है। | *तख्त श्री पटना साहिब [[बिहार]] राज्य के [[पटना]] शहर में स्थित एक गुरुद्वारा है। |
11:43, 6 अप्रैल 2012 का अवतरण
तख्त श्री पटना साहिब को 'तख्त श्री हरमन्दिरजी साहिब' और 'पटना सहिब' के नामों से भी जाना जाता हैं।
- तख्त श्री पटना साहिब बिहार राज्य के पटना शहर में स्थित एक गुरुद्वारा है।
- पटना साहिब सिक्खों के दसवें और अन्तिम गुरु गोविंद सिंह का जन्म वर्ष 1664 ई. में हुआ था।
- यह स्थान सिक्ख धर्मावलंबियों के लिए बहुत पवित्र है। सिक्खों के लिए हरमंदिर साहब पाँच प्रमुख तख्तों में से एक है।
- गुरुद्वारे का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने करवाया था। सिक्खों का यह पवित्रतम स्थल है।
- बालक गोविन्दराय के बचपन का पंगुरा (पालना), लोहे के चार तीर, तलवार, पादुका तथा 'हुकुमनामा' गुरुद्वारे में सुरक्षित है।
- गुरु नानक देव की वाणी से अतिप्रभावित पटना के श्री सलिसराय जौहरी ने अपने महल को धर्मशाला बनवा दिया। भवन के इस हिस्से को मिलाकर गुरुद्वारे का निर्माण किया गया है।
- यहाँ गुरु गोविंद सिंह से संबंधित अनेक प्रमाणिक वस्तुएँ रखी हुई है। इसकी बनावट गुंबदनुमा है।
- यह स्थान दुनिया भर में फैले सिक्ख धर्मावलंबियों के लिए बहुत पवित्र है।
- प्रकाशोत्सव के अवसर पर पर्यटकों की यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है।
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