"भोगेश्वरी देवी फुकन": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "फौज" to "फ़ौज") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "कब्जा " to "क़ब्ज़ा ") |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
*भोगेश्वरी देवी ने 70 वर्ष की वृद्धा-वस्था में 1942 ई. के भारत छोड़ो आन्दोलन के समय [[असम]] में नौगाँव ज़िले के बेहरामपुर कस्बे में [[अंग्रेज|अंग्रेजों]] के विरुद्ध विद्रोह का नेतृत्व कर अनोखी मिसाल कायम की थी। | *भोगेश्वरी देवी ने 70 वर्ष की वृद्धा-वस्था में 1942 ई. के भारत छोड़ो आन्दोलन के समय [[असम]] में नौगाँव ज़िले के बेहरामपुर कस्बे में [[अंग्रेज|अंग्रेजों]] के विरुद्ध विद्रोह का नेतृत्व कर अनोखी मिसाल कायम की थी। | ||
*उन्होंने कस्बे की महिलाओं का संगठन बनाया तथा उन्हें घर की चहारदीवारी से बाहर आकर आन्दोलन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। | *उन्होंने कस्बे की महिलाओं का संगठन बनाया तथा उन्हें घर की चहारदीवारी से बाहर आकर आन्दोलन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। | ||
*उनके नेतृत्व में विद्रोहियों ने [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा सील किए गए कांग्रेस कार्यालय का सील तोड़ा और दफ्तर पर | *उनके नेतृत्व में विद्रोहियों ने [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा सील किए गए कांग्रेस कार्यालय का सील तोड़ा और दफ्तर पर क़ब्ज़ा कर लिया। | ||
*[[13 सितम्बर]] को [[विजयादशमी]] के दिन समारोह में एकत्रित भीड़ पर पुलिस दल ने अचानक आकर लाठियाँ बरसानी शुरू कर दीं। | *[[13 सितम्बर]] को [[विजयादशमी]] के दिन समारोह में एकत्रित भीड़ पर पुलिस दल ने अचानक आकर लाठियाँ बरसानी शुरू कर दीं। | ||
*यह समाचार सुनते ही [[कस्बा|कस्बे]] की महिलाओं का नेतृत्व करती हुई भोगेश्वरी देवी [[तिरंगा]] हाथ में लेकर अंग्रेज़ फ़ौज के सामने जा पहुँची अंग्रेज़ कप्तान फिंस ने उग्र होती भीड़ को देखकर गोली चलाने का आदेश दे दिया। | *यह समाचार सुनते ही [[कस्बा|कस्बे]] की महिलाओं का नेतृत्व करती हुई भोगेश्वरी देवी [[तिरंगा]] हाथ में लेकर अंग्रेज़ फ़ौज के सामने जा पहुँची अंग्रेज़ कप्तान फिंस ने उग्र होती भीड़ को देखकर गोली चलाने का आदेश दे दिया। |
13:43, 9 अप्रैल 2012 का अवतरण
- भोगेश्वरी देवी फुकन का जन्म सन् 1872 में हुआ था।
- भोगेश्वरी देवी ने 70 वर्ष की वृद्धा-वस्था में 1942 ई. के भारत छोड़ो आन्दोलन के समय असम में नौगाँव ज़िले के बेहरामपुर कस्बे में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का नेतृत्व कर अनोखी मिसाल कायम की थी।
- उन्होंने कस्बे की महिलाओं का संगठन बनाया तथा उन्हें घर की चहारदीवारी से बाहर आकर आन्दोलन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
- उनके नेतृत्व में विद्रोहियों ने अंग्रेज़ों द्वारा सील किए गए कांग्रेस कार्यालय का सील तोड़ा और दफ्तर पर क़ब्ज़ा कर लिया।
- 13 सितम्बर को विजयादशमी के दिन समारोह में एकत्रित भीड़ पर पुलिस दल ने अचानक आकर लाठियाँ बरसानी शुरू कर दीं।
- यह समाचार सुनते ही कस्बे की महिलाओं का नेतृत्व करती हुई भोगेश्वरी देवी तिरंगा हाथ में लेकर अंग्रेज़ फ़ौज के सामने जा पहुँची अंग्रेज़ कप्तान फिंस ने उग्र होती भीड़ को देखकर गोली चलाने का आदेश दे दिया।
- कुद्ध भोगेश्वरी देवी ने झपटकर झण्डे के डंडे से फिंस पर हमला कर दिया घायल फिंस ने भोगेश्वरी देवी को गोलियों से छलनी कर दिया और वह महान वीरांगना 1942 में वीरगति को प्राप्त हो गई।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख