"मगध शक्तिपीठ": अवतरणों में अंतर
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*[[पटना]] की बड़ी पटनेश्वरी देवी को ही शक्तिपीठ माना जाता है। | *[[पटना]] की बड़ी पटनेश्वरी देवी को ही शक्तिपीठ माना जाता है। | ||
*यह मंदिर पटना सिटी चौक से लगभग 5 कि.मी. पश्चिम में महाराज गंज (देवघर) में स्थित है। | *यह मंदिर पटना सिटी चौक से लगभग 5 कि.मी. पश्चिम में महाराज गंज (देवघर) में स्थित है। |
12:27, 17 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण
मगध शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।
- पटना की बड़ी पटनेश्वरी देवी को ही शक्तिपीठ माना जाता है।
- यह मंदिर पटना सिटी चौक से लगभग 5 कि.मी. पश्चिम में महाराज गंज (देवघर) में स्थित है।
- यहाँ सती के "दाहिने जंघे" का पतन हुआ था।
- यहाँ की सती 'सर्वानन्दकारी' तथा शिव 'व्योमकेश' हैं।
- ऐसा माना जाता है कि बिहार के मुँगेर में सती के नेत्रों का पतन हुआ था, जबकि तंत्र चूड़ामणि के अनुसार नेत्रों का पतन करवीर में हुअ था।
- बिहार की राजधानी पटना हावड़ा, दिल्ली रेलमार्ग पर स्थित है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ