"करील": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
छोNo edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 14: | पंक्ति 14: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{वृक्ष}} | |||
[[Category: | {{भारतीय संस्कृति के प्रतीक}} | ||
[[Category:वनस्पति_विज्ञान]][[Category:वनस्पति]][[Category:वनस्पति_कोश]] | |||
[[Category:वृक्ष]][[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
10:26, 25 अप्रैल 2012 का अवतरण
आपको नया पन्ना बनाने के लिए यह आधार दिया गया है
- करील यह एक दुर्लभ पौराणिक वृक्ष है।
- भगवान राम ने वन गमन के समय करील वृक्ष के नीचे विश्राम कि या था।
- भगवान राम सभी सुख भोगों से वंचित रहने का प्रण लिया था इसलिए भगवान राम ने फूल, फल, पत्ती विहीन इस उदासीन वृक्ष के नीचे ही विश्राम करना उचित समझा।
- ग्रंथ रामचरितमानस में भी करील का वर्णन है। वन गमन के समय सीता जी को समझाते हुए भगवान राम ने कहा था-नव रसाल वन विहरन शीला सोह कि कोकिल विपिन करीला।
- इस वृक्ष का आयुर्वेदिक उपयोग है|कुष्ठरोग तथा अन्य चर्मरोगो में इसका उपयोग रामबाण इलाज के लिए किया जाता है|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख