"सीमन्तोन्नयन संस्कार": अवतरणों में अंतर

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[[हिन्दू धर्म संस्कार|हिन्दू धर्म संस्कारों]] में सीमन्तोन्नयन संस्कार तृतीय संस्कार है। इस संस्कार का उद्देश्य है गर्भिणी स्त्री की शारीरिक, मानसिक तथा बौद्धिक स्वस्थता, संयम, संतुष्टि एवं गर्भस्थ शिशु की शरीरवृद्धि का उपाय करना। अतः छठे या आठवें मास में इस संस्कार को अवश्य कर लेना चाहिये।  
*<u>[[हिन्दू धर्म संस्कार|हिन्दू धर्म संस्कारों]] में सीमन्तोन्नयन संस्कार तृतीय संस्कार है।</u>
*इस संस्कार का उद्देश्य है गर्भिणी स्त्री की शारीरिक, मानसिक तथा बौद्धिक स्वस्थता, संयम, संतुष्टि एवं गर्भस्थ शिशु की शरीरवृद्धि का उपाय करना। अतः छठे या आठवें मास में इस संस्कार को अवश्य कर लेना चाहिये।  
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12:17, 29 मई 2010 का अवतरण

  • हिन्दू धर्म संस्कारों में सीमन्तोन्नयन संस्कार तृतीय संस्कार है।
  • इस संस्कार का उद्देश्य है गर्भिणी स्त्री की शारीरिक, मानसिक तथा बौद्धिक स्वस्थता, संयम, संतुष्टि एवं गर्भस्थ शिशु की शरीरवृद्धि का उपाय करना। अतः छठे या आठवें मास में इस संस्कार को अवश्य कर लेना चाहिये।

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