"भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
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<div style="font-size:16px; text-align:center;">[[भारतकोश सम्पादकीय 28 अप्रॅल 2012]]</div> | |||
[[चित्र:Ghost.jpg|right|border|100px|link=भारतकोश सम्पादकीय 28 अप्रॅल 2012]] | |||
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[[भारतकोश सम्पादकीय 28 अप्रॅल 2012|मैं तो एक भूत हूँ]] | |||
अभी-अभी मरे हो...नये-नये भूत बने हो... और एक दम से रहने के लिए फ़्लॅट चाहिए ? रूल तो रूल है... सबके लिए बराबर है तुमको बताया ना ! पहले 10 लोगों को डराओ तो खटिया मिलेगी सोने को... उसके बाद 25 लोगों को डरा लोगे तो एक कमरा मिल जायेगा इसी तरह 100 पर फ़्लॅट और 500 पर बंगला और नौकर-चाकर भी... [[भारतकोश सम्पादकीय 28 अप्रॅल 2012|पूरा पढ़ें]] | |||
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14:50, 28 अप्रैल 2012 का अवतरण
भारतकोश साप्ताहिक सम्पादकीय लेख सूची
मैं तो एक भूत हूँ |
सफलता का शॉर्ट-कट |
एक महान डाकू की शोक सभा |
सत्ता का रंग |
उकसाव का इमोशनल अत्याचार |
गुड़ का सनीचर |
ज़माना |
राज की नीति |
कौऔं का वायरस |
छापाख़ाने का आभार |
बात का घाव |
चिल्ला जाड़ा |