"इतिहास सामान्य ज्ञान 18": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 21: | पंक्ति 21: | ||
-शैक्षणिक परिवेश में विकृति लाने की नीति। | -शैक्षणिक परिवेश में विकृति लाने की नीति। | ||
+[[भारत]] से धन निष्कासन की नीति। | +[[भारत]] से धन निष्कासन की नीति। | ||
||[[चित्र:DadaBhai-Naoroji.jpg|right| | ||[[चित्र:DadaBhai-Naoroji.jpg|right|120px|दादाभाई नौरोजी]][[1868]] ई. में सर्वप्रथम [[दादाभाई नौरोजी]] ने ही [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा [[भारत]] के 'धन की निकासी' की ओर सभी भारतीयों का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने [[2 मई]], [[1867]] ई. को [[लंदन]] में आयोजित 'ईस्ट इंडिया एसोसिएशन' की बैठक में अपने पत्र, जिसका शीर्षक था- 'इंग्लैण्ड डिब्यूट टू इंडिया' को पढ़ते हुए पहली बार धन के बहिर्गमन के सिद्धान्त को प्रस्तुत किया। [[1905]] ई. में उन्होंने कहा था कि "धन का बहिर्गमन समस्त बुराइयों की जड़ है और भारतीय निर्धनता का मुख्य कारण।" दादाभाई नौरोजी ने धन निष्कासन को 'अनिष्टों का अनिष्ट' की संज्ञा दी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दादाभाई नौरोजी]] | ||
{[[भारत]] में [[कृषि]] का प्राचीनतम साक्ष्य कहाँ से | {[[भारत]] में [[कृषि]] का प्राचीनतम साक्ष्य कहाँ से मिला है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- [[हड़प्पा]] | -[[हड़प्पा]] | ||
+ मेहरगढ़ | +[[मेहरगढ़]] | ||
- | -[[कालीबंगा]] | ||
- बुर्ज़होम | -[[बुर्ज़होम]] | ||
||'मेहरगढ़' उस स्थान पर स्थित है, जहाँ [[सिंधु नदी]] के कछारी मैदान और वर्तमान [[पाकिस्तान]] और [[ईरान]] के सीमांत प्रदेश के [[पठार]] मिलते हैं। इस प्रकार मेहरगढ़ पाक़िस्तान के [[बलूचिस्तान]] प्रांत में '[[बोलन दर्रा|बोलन दर्रे]]' के निकट स्थित है। यहाँ से कृषक समुदाय के उद्भव के भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे प्राचीन प्रमाण प्राप्त हुए हैं। यह स्थान अस्थायी मानव आवास के रूप प्रयुक्त हुआ था तथा सम्भवत: सातवीं सहस्त्राब्दी ई.पू. में यहाँ एक मानव बस्ती अस्तित्व में आ गयी थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मेहरगढ़]] | |||
{अब तक [[सिंधु सभ्यता]] में कुल कितनी फ़सलों के उगाये जाने का संकेत मिल चुका है? | {अब तक [[सिंधु सभ्यता]] में कुल कितनी फ़सलों के उगाये जाने का संकेत मिल चुका है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- तीन | -तीन | ||
- पाँच | -पाँच | ||
+ नौ | +नौ | ||
- ग्यारह | -ग्यारह | ||
{उत्तरोत्तर [[हड़प्पा]] | {उत्तरोत्तर [[हड़प्पा संस्कृति]] के [[अवशेष]] कहाँ से मिलते हैं? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ [[रंगपुर (गुजरात)|रंगपुर]] | +[[रंगपुर (गुजरात)|रंगपुर]] | ||
- [[कालीबंगा]] | -[[कालीबंगा]] | ||
- [[लोथल]] | -[[लोथल]] | ||
- [[रोपड़]] | -[[रोपड़]] | ||
{[[सूरकोटदा]] किस लिए प्रसिद्ध है? | {[[भारतीय इतिहास]] में [[सूरकोटदा]] किस लिए प्रसिद्ध है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- परिपक्व हड़प्पा संस्कृति के | -परिपक्व [[हड़प्पा संस्कृति]] के लिए। | ||
+ घोड़े की हड्डियों के अवशेष के | +घोड़े की हड्डियों के [[अवशेष]] के लिए। | ||
- युगल शवाधान के | -युगल शवाधान के लिए। | ||
- उपर्युक्त सभी के | -उपर्युक्त सभी के लिए। | ||
{अमरकोश में कुल कितने प्रकार की भूमि का वर्णन मिलता है? | {[[अमरकोश]] में कुल कितने प्रकार की भूमि का वर्णन मिलता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-16 | -16 | ||
पंक्ति 58: | पंक्ति 59: | ||
-14 | -14 | ||
{भारतीय | {भारतीय मजदूरों के असंतोष की अभिव्यक्ति सर्वप्रथम कहाँ के मज़दूरों की हड़ताल के रूप में देखने को मिलती है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[नागपुर]] | +[[नागपुर]] | ||
पंक्ति 64: | पंक्ति 65: | ||
-[[अहमदाबाद]] | -[[अहमदाबाद]] | ||
-[[बम्बई]] | -[[बम्बई]] | ||
||[[चित्र:Diksha-Bhoomi-Nagpur.jpg|right|100px|दीक्षाभूमि, नागपुर]]'नागपुर' शहर की स्थापना '[[देवगढ़]]' (छिंदवाड़ा) के [[गोंड]] शासक ने थी। [[संतरा|संतरे]] की राजधानी के रूप में विख्यात [[नागपुर]] [[महाराष्ट्र]] का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। पर्यटन की दृष्टि से यह महाराष्ट्र के अग्रणी शहरों में शुमार किया जाता है। राजा भोंसले के उपरान्त नागपुर [[मराठा साम्राज्य]] में शामिल हो गया। 19वीं सदी में [[अंग्रेज़]] हुकुमत ने नागपुर को मध्य प्रान्त व [[बरार]] की राजधानी बनाया। आज़ादी के बाद राज्य पुर्नरचना ने नागपुर को महाराष्ट्र की उपराजधानी बना दिया। नागपुर 'राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ' और 'विश्व हिन्दू परिषद' जैसी राष्ट्रवादी संघटनाओ का एक प्रमुख केंद्र है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नागपुर]] | |||
{[[मोहन जोदड़ो]] की सबसे बड़ी इमारत निम्न में से कौन सी है? | {[[मोहन जोदड़ो]] की सबसे बड़ी इमारत निम्न में से कौन-सी है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ अन्नागार | +अन्नागार | ||
- स्नानागार | -स्नानागार | ||
- ईटों से बना सभा भवन | -ईटों से बना सभा भवन | ||
- उपर्युक्त में से कोई नहीं | -उपर्युक्त में से कोई नहीं | ||
{[[सिंधु सभ्यता]] में कुम्भकारों के भट्ठों के अवशेष कहाँ मिलते हैं? | {[[सिंधु सभ्यता]] में कुम्भकारों के भट्ठों के अवशेष कहाँ से मिलते हैं? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- [[हड़प्पा]] में | -[[हड़प्पा]] में | ||
- [[कालीबंगा]] में | -[[कालीबंगा]] में | ||
+ [[ | +[[मोहनजोदाड़ो]] में | ||
- [[लोथल]] में | -[[लोथल]] में | ||
|| [[चित्र:King-priest-mohenjo-daro.jpg|right|100px|प्रधान अनुष्ठानकर्ता मोहनजोदाड़ो 2000 ई.पू.]] [[मोहनजोदाड़ो]], जिसका | ||[[चित्र:King-priest-mohenjo-daro.jpg|right|100px|प्रधान अनुष्ठानकर्ता मोहनजोदाड़ो 2000 ई.पू.]][[मोहनजोदाड़ो]], जिसका अर्थ है- 'मुर्दो का टीला', 2600 ईसा पूर्व की एक सुव्यवस्थित नगरीय सभ्यता थी। इस सभ्यता के ध्वंसावशेष [[पाकिस्तान]] के [[सिन्ध प्रांत|सिन्ध प्रान्त]] के 'लरकाना ज़िले' में [[सिंधु नदी]] के दाहिने किनारे पर प्राप्त हुए हैं। यह नगर क़रीब 5 कि.मी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। मोहनजोदाड़ो के पश्चिमी भाग में स्थित दुर्ग टीले को 'स्तूप टीला' भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ पर [[कुषाण]] शासकों ने एक [[स्तूप]] का निर्माण करवाया था। मोहनजोदाड़ो से प्राप्त अन्य अवशेषों में कुम्भकारों के 6 भट्टों के अवशेष, सूती कपड़ा, [[हाथी]] का कपाल खण्ड, गले हुए तांबें के ढेर, सीपी की बनी हुई पटरी एवं कांसे की नृत्यरत नारी की मूर्ति के [[अवशेष]] मिले हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोहनजोदाड़ो]] | ||
{सैन्धव निवासियों का प्रिय पशु निम्न में से कौन-सा था? | {सैन्धव निवासियों का प्रिय पशु निम्न में से कौन-सा था? |
06:00, 2 मई 2012 का अवतरण
- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- इतिहास प्रांगण, इतिहास कोश, ऐतिहासिक स्थान कोश
पन्ने पर जाएँ
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213| 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237| 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321 | 322 | 323 | 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339 | 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 346 | 347 | 348 | 349 | 350 | 351 | 352 | 353 | 354 | 355 | 356 | 357 | 358 | 359 | 360 | 361 | 362 | 363 | 364 | 365 | 366 | 367 | 368 | 369 | 370 | 371 | 372 | 373 | 374 | 375 | 376 | 377 | 378 | 379 | 380 | 381 | 382 | 383 | 384 | 385 | 386 | 387 | 388 | 389 | 390 | 391 | 392 | 393 | 394 | 395 | 396 | 397 | 398 | 399 | 400 | 401 | 402 | 403 | 404 | 405 | 406 | 407 | 408 | 409 | 410 | 411 | 412 | 413 | 414 | 415 | 416 | 417 | 418 | 419 | 420 | 421 | 422 | 423 | 424 | 425 | 426 | 427 | 428 | 429 | 430 | 431 | 432 | 433 | 434 | 435 | 436 | 437 | 438 | 439 | 440 | 441 | 442 | 443 | 444 | 445 | 446 | 447 | 448 | 449 | 450 | 451 | 452 | 453 | 454 | 455 | 456 | 457 | 458 | 459 | 460 | 461 | 462 | 463 | 464 | 465 | 466 | 467 | 468 | 469 | 470 | 471 | 472 | 473 | 474 | 475 | 476 | 477 | 478 | 479 | 480 | 481 | 482 | 483 | 484 | 485 | 486 | 487 | 488 | 489 | 490 | 491 | 492 | 493 | 494 | 495 | 496 | 497 | 498 | 499 | 500 | 501 | 502 | 503 | 504 | 505 | 506 | 507 | 508 | 509 | 510 | 511 | 512 | 513 | 514 | 515 | 516 | 517 | 518 | 519 | 520 | 521 | 522 | 523 | 524 | 525 | 526 | 527 | 528 | 529 | 530 | 531 | 532 | 533 | 534 | 535 | 536 | 537 | 538 | 539 | 540 | 541 | 542 | 543 | 544 | 545 | 546 | 547 | 548 | 549 | 550 | 551 | 552 | 553 | 554 | 555 | 556 | 557 | 558 | 559 | 560 | 561 | 562 | 563 | 564 | 565 | 566
|
पन्ने पर जाएँ
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213| 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237| 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321 | 322 | 323 | 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339 | 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 346 | 347 | 348 | 349 | 350 | 351 | 352 | 353 | 354 | 355 | 356 | 357 | 358 | 359 | 360 | 361 | 362 | 363 | 364 | 365 | 366 | 367 | 368 | 369 | 370 | 371 | 372 | 373 | 374 | 375 | 376 | 377 | 378 | 379 | 380 | 381 | 382 | 383 | 384 | 385 | 386 | 387 | 388 | 389 | 390 | 391 | 392 | 393 | 394 | 395 | 396 | 397 | 398 | 399 | 400 | 401 | 402 | 403 | 404 | 405 | 406 | 407 | 408 | 409 | 410 | 411 | 412 | 413 | 414 | 415 | 416 | 417 | 418 | 419 | 420 | 421 | 422 | 423 | 424 | 425 | 426 | 427 | 428 | 429 | 430 | 431 | 432 | 433 | 434 | 435 | 436 | 437 | 438 | 439 | 440 | 441 | 442 | 443 | 444 | 445 | 446 | 447 | 448 | 449 | 450 | 451 | 452 | 453 | 454 | 455 | 456 | 457 | 458 | 459 | 460 | 461 | 462 | 463 | 464 | 465 | 466 | 467 | 468 | 469 | 470 | 471 | 472 | 473 | 474 | 475 | 476 | 477 | 478 | 479 | 480 | 481 | 482 | 483 | 484 | 485 | 486 | 487 | 488 | 489 | 490 | 491 | 492 | 493 | 494 | 495 | 496 | 497 | 498 | 499 | 500 | 501 | 502 | 503 | 504 | 505 | 506 | 507 | 508 | 509 | 510 | 511 | 512 | 513 | 514 | 515 | 516 | 517 | 518 | 519 | 520 | 521 | 522 | 523 | 524 | 525 | 526 | 527 | 528 | 529 | 530 | 531 | 532 | 533 | 534 | 535 | 536 | 537 | 538 | 539 | 540 | 541 | 542 | 543 | 544 | 545 | 546 | 547 | 548 | 549 | 550 | 551 | 552 | 553 | 554 | 555 | 556 | 557 | 558 | 559 | 560 | 561 | 562 | 563 | 564 | 565 | 566