"स्वाति नक्षत्र": अवतरणों में अंतर

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स्वाति [[नक्षत्र]] आकाश मंडल में 15वाँ नक्षत्र होकर इसका स्वामी राहु यानी अधंकार है।
<poem>अर्थ - झुंड में अग्रणी बकरी
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देव -  वायु</poem>
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*स्वाति [[नक्षत्र]] आकाश मंडल में 15वाँ नक्षत्र होकर इसका स्वामी राहु यानी अधंकार है।
*कहावत भी है कि जब स्वाति नक्षत्र में ओंस की बूँद सीप पर गिरती है तो मोती बनता है। दरअसल मोती नहीं बनता बल्कि ऐसा जातक मोती के समान चमकता है।
*कहावत भी है कि जब स्वाति नक्षत्र में ओंस की बूँद सीप पर गिरती है तो मोती बनता है। दरअसल मोती नहीं बनता बल्कि ऐसा जातक मोती के समान चमकता है।
*स्वाति नक्षत्र के देवता राहु को माना जाता है।  
*स्वाति नक्षत्र के देवता राहु को माना जाता है।  
*अर्जुन के पेड  को स्वाति नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और स्वाति नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अर्जुन वृक्ष की पूजा करते है।  
*अर्जुन के पेड  को स्वाति नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और स्वाति नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अर्जुन वृक्ष की पूजा करते है।  
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में अर्जुन के पेड को लगाते है।  
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में अर्जुन के पेड को लगाते है।  




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13:45, 3 मई 2012 का अवतरण

स्वाति नक्षत्र आकाश मंडल में 15वाँ नक्षत्र होकर इसका स्वामी राहु यानी अधंकार है।

अर्थ - झुंड में अग्रणी बकरी
देव - वायु

  • कहावत भी है कि जब स्वाति नक्षत्र में ओंस की बूँद सीप पर गिरती है तो मोती बनता है। दरअसल मोती नहीं बनता बल्कि ऐसा जातक मोती के समान चमकता है।
  • स्वाति नक्षत्र के देवता राहु को माना जाता है।
  • अर्जुन के पेड को स्वाति नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और स्वाति नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अर्जुन वृक्ष की पूजा करते है।
  • इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में अर्जुन के पेड को लगाते है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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