"हथकरघा उद्योग": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('{{पुनरीक्षण}} '''हथकरघा उद्योग''' प्राचीनकाल से ही भरत की...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत में उद्योग और व्यापार}} | |||
[[Category:हस्तशिल्प उद्योग]] | [[Category:हस्तशिल्प उद्योग]] | ||
[[Category:कुटीर उद्योग]] | [[Category:कुटीर उद्योग]] |
13:57, 6 मई 2012 के समय का अवतरण
![]() |
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
हथकरघा उद्योग प्राचीनकाल से ही भरत की उन्नति एवं कारीगरों की आजीविका के लिए आधार प्रदान करता आया हे। इसके अन्तर्गत-
- मलमल के लिए चन्देरी, कोटा, रोहतक, मेरठ, मथुरा, मदुरै, वाराणसी, अम्बाला, कुड़प्पा, सिकन्दराबाद, पिलखुआ तथा फ़र्रुख़ाबाद।
- छींट के लिए मछलीपटनम।
- दरियों के लिए आगरा, बरेली, झांसी, अलीगढ़, पुणे, गोरखपुर, कालीकट, अम्बाला आदि।
- खादी के लिए अमरोहा, अकबरपुर, कालीकट, देवबन्द, पुणे, सण्डीला आदि प्रसिद्ध हैं।
हथकरघा उद्योग से निर्मित सामानों का विदेशों का भी निर्यात किया जाता है। इस उद्योग के विभिन्न कार्यो में लगभग 7 लाख व्यक्ति लगे हुए हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख