"नगरीय कुटीर उद्योग": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('{{पुनरीक्षण}} {{tocright}} '''नगरीय कुटीर उद्योग''' [[कुटीर उद्यो...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 14: | पंक्ति 14: | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत में उद्योग और व्यापार}} | |||
[[Category:कुटीर उद्योग]] | [[Category:कुटीर उद्योग]] | ||
[[Category:उद्योग और कल कारख़ाने]] | [[Category:उद्योग और कल कारख़ाने]] |
14:00, 6 मई 2012 का अवतरण
![]() |
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
नगरीय कुटीर उद्योग कुटीर उद्योगों के दो प्रकारों में से एक प्रकार है। ग्रामीण उद्योगों की भांति नगरीय कुटीर उद्योगों के भी दो वर्ग हैं-
- किंचित् नगरीय कुटीर उद्योग
- शहरी कुटीर उद्योग
किंचित् नगरीय कुटीर उद्योग
किंचित् नगरीय कुटीर उद्योगों में परम्परागत कुशलता एवं कारीगरी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जैसे वाराणसी का ज़री उद्योग, लखनऊ का चिकन, जयपुर की रजाइयों का निर्माण आर्दि।
शहरी कुटीर उद्योग
शहरी कुटीर उद्योग में आधुनिकता का समावेश रहता है तथा ये आधुनिक यान्त्रिक उद्योगों की समानता करते हैं, जैसे मदुरै का हथकरघा उद्योग।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख