"कर चले हम फ़िदा": अवतरणों में अंतर
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साँस थमती गई नब्ज़ जमती गई | साँस थमती गई नब्ज़ जमती गई | ||
फिर भी बढ़ते | फिर भी बढ़ते क़दम को न रुकने दिया | ||
कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं | कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं | ||
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया | सर हिमालय का हमने न झुकने दिया |
14:16, 11 मई 2012 का अवतरण
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(कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों |
- फ़िल्म : हकीक़त (1964)
- संगीतकार : मदन मोहन
- गायक : मो रफी
- रचनाकार :
- गीतकार : कैफी आज़मी
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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