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*ऊपरी [[हिमालय]] पर टांडी में चंन्द्र और भाग नदियाँ मिलती हैं जो चिनाब नदी कहलाती है।
 
*यह [[जम्मू कश्मीर]] से होती हुई [[पंजाब]] में बहती है।  
'''चिनाब नदी''' [[जम्मू कश्मीर]] से होती हुई [[पंजाब]] राज्य में बहने वाली नदी है। इस नदी को [[वैदिक साहित्य]] में '[[असिक्नी नदी|असिक्नी]]' नाम से सम्बोधित किया गया है। ऊपरी [[हिमालय]] पर टांडी में 'चन्द्र' और 'भाग' नदियाँ मिलती हैं, जो चिनाब नदी कहलाती हैं।
*इसको वैदिक साहित्य में असिक्नी कहा गया है।  
*[[महाभारत]] काल में इसका नाम चंद्रभागा भी प्रचलित हो गया था-'शतद्रूं चंद्रभागा च यमुना च महानदीम्, दृषद्ववतीं विपाशां च विपापां स्थूलवालुकाम्'।<ref>[[भीष्म पर्व महाभारत|भीष्मपर्व]] 9, 15</ref>  
*[[महाभारत]] काल में इस नदी का नाम 'चंद्रभागा' भी प्रचलित हो गया था-
*[[भागवत पुराण|श्रीमदभागवत्]]<ref>श्रीमदभागवत्  5, 19, 18</ref> में चन्द्रभागा और असिक्नी दोनों का नाम एक ही स्थान में है - 'शतद्रूश्चंद्रभागा मरूदवृधा वितस्ता-असिक्नी विश्वेति महानद्यः'
<blockquote>'शतद्रूं चंद्रभागा च यमुना च महानदीम्, दृषद्ववतीं विपाशां च विपापां स्थूलवालुकाम्'।<ref>[[भीष्म पर्व महाभारत|भीष्मपर्व]] 9, 15</ref></blockquote>  
*यहाँ चंद्रभागा के ही दूसरे नाम असिक्नी का उल्लेख है।  
*[[श्रीमद्भागवत|श्रीमदभागवत]]<ref>श्रीमदभागवत्  5, 19, 18</ref> में चन्द्रभागा और असिक्नी दोनों का नाम एक ही स्थान में है-
*ग्रीक लेखकों ने इस नदी को अकेसिनीज लिखा है। जो असिक्नी का ही स्पष्ट रूपांतर है।  
<blockquote>'शतद्रूश्चंद्रभागा मरूदवृधा वितस्ता-असिक्नी विश्वेति महानद्यः'</blockquote>
*चंद्रभागा नदी मानसरोवर (तिब्बत) के निकट [[चंद्रभाग|चंद्रभाग पर्वत]] नामक पर्वत से निस्सृत होती है और [[सिंधु नदी]] में गिर जाती है।  
 
*श्रीमदभागवत् में शायद इसी नदी की ऊपरी धारा को चंद्रभागा कहकर, पुनः शेष नदी का प्राचीन वैदिक नाम असिक्नी कहा गया है।  
यहाँ चंद्रभागा के ही दूसरे नाम असिक्नी का भी उल्लेख है। ग्रीक लेखकों ने इस नदी को 'अकेसिनीज' लिखा है, जो असिक्नी का ही स्पष्ट रूपांतर है। चंद्रभागा नदी [[कैलाश मानसरोवर|मानसरोवर]] ([[तिब्बत]]) के निकट चंद्रभाग नामक [[पर्वत]] से निस्सृत होती है और [[सिंधु नदी]] में गिर जाती है। श्रीमदभागवत में शायद इसी नदी की ऊपरी धारा को चंद्रभागा कहकर, पुनः शेष नदी का प्राचीन वैदिक नाम असिक्नी कहा गया है। यह भी संभव है कि प्रस्तुत उल्लेख में चंद्रभागा से [[दक्षिण भारत]] की भीमा का अभिप्राय हो, किंतु यहाँ दिए गए अन्य नामों के कारण यह संभावना कम जान पड़ती है।
*यह भी संभव है कि प्रस्तुत उल्लेख में चंद्रभागा से दक्षिण [[भारत]] की भीमा का अभिप्राय हो किंतु यहाँ दिए गए अन्य नामों के कारण यह संभावना कम जान पड़ती है।  
 
*[[विष्णु पुराण]]<ref>विष्णुपुराण 2, 3, 10</ref> में भी चंद्रभागा का उल्लेख है- 'शतद्रू चंद्रभागाद्याः हिमवत् पादनिर्गताः'। यहाँ इस नदी को हिमाचल से उदभुत माना है।  
[[विष्णु पुराण]]<ref>विष्णुपुराण 2, 3, 10</ref> में भी चंद्रभागा का उल्लेख निम्न प्रकार से है-
*विष्णु पुराण<ref>विष्णु पुराण 4, 24, 69 ('सिंधु दार्विकोर्वी चंद्रभागाकाश्मीर विषयांश्चव्रात्यम्लेच्छशूद्रादयो भोक्ष्यन्ति'</ref> से ज्ञात होता है कि चंद्रभागा नदी का तटवर्ती प्रदेश पूर्वगुप्तकाल में म्लेच्छों तथा यवन-शकादि द्वारा शासित था।  
<blockquote>'शतद्रू चंद्रभागाद्याः हिमवत् पादनिर्गताः'</blockquote>
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उपर्युक्त में इस नदी को [[हिमाचल प्रदेश|हिमाचल]] से उदभुत माना गया है। विष्णु पुराण<ref>विष्णु पुराण 4, 24, 69 ('सिंधु दार्विकोर्वी चंद्रभागाकाश्मीर विषयांश्चव्रात्यम्लेच्छशूद्रादयो भोक्ष्यन्ति'</ref> से ज्ञात होता है कि चंद्रभागा नदी का तटवर्ती प्रदेश पूर्व [[गुप्त काल]] में म्लेच्छों तथा [[यवन]]-[[शक]] आदि द्वारा शासित था।  
 
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07:08, 21 मई 2012 के समय का अवतरण

चिनाव नदी

चिनाब नदी जम्मू कश्मीर से होती हुई पंजाब राज्य में बहने वाली नदी है। इस नदी को वैदिक साहित्य में 'असिक्नी' नाम से सम्बोधित किया गया है। ऊपरी हिमालय पर टांडी में 'चन्द्र' और 'भाग' नदियाँ मिलती हैं, जो चिनाब नदी कहलाती हैं।

  • महाभारत काल में इस नदी का नाम 'चंद्रभागा' भी प्रचलित हो गया था-

'शतद्रूं चंद्रभागा च यमुना च महानदीम्, दृषद्ववतीं विपाशां च विपापां स्थूलवालुकाम्'।[1]

  • श्रीमदभागवत[2] में चन्द्रभागा और असिक्नी दोनों का नाम एक ही स्थान में है-

'शतद्रूश्चंद्रभागा मरूदवृधा वितस्ता-असिक्नी विश्वेति महानद्यः'

यहाँ चंद्रभागा के ही दूसरे नाम असिक्नी का भी उल्लेख है। ग्रीक लेखकों ने इस नदी को 'अकेसिनीज' लिखा है, जो असिक्नी का ही स्पष्ट रूपांतर है। चंद्रभागा नदी मानसरोवर (तिब्बत) के निकट चंद्रभाग नामक पर्वत से निस्सृत होती है और सिंधु नदी में गिर जाती है। श्रीमदभागवत में शायद इसी नदी की ऊपरी धारा को चंद्रभागा कहकर, पुनः शेष नदी का प्राचीन वैदिक नाम असिक्नी कहा गया है। यह भी संभव है कि प्रस्तुत उल्लेख में चंद्रभागा से दक्षिण भारत की भीमा का अभिप्राय हो, किंतु यहाँ दिए गए अन्य नामों के कारण यह संभावना कम जान पड़ती है।

विष्णु पुराण[3] में भी चंद्रभागा का उल्लेख निम्न प्रकार से है-

'शतद्रू चंद्रभागाद्याः हिमवत् पादनिर्गताः'

उपर्युक्त में इस नदी को हिमाचल से उदभुत माना गया है। विष्णु पुराण[4] से ज्ञात होता है कि चंद्रभागा नदी का तटवर्ती प्रदेश पूर्व गुप्त काल में म्लेच्छों तथा यवन-शक आदि द्वारा शासित था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भीष्मपर्व 9, 15
  2. श्रीमदभागवत् 5, 19, 18
  3. विष्णुपुराण 2, 3, 10
  4. विष्णु पुराण 4, 24, 69 ('सिंधु दार्विकोर्वी चंद्रभागाकाश्मीर विषयांश्चव्रात्यम्लेच्छशूद्रादयो भोक्ष्यन्ति'

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