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| '''आदिग्रंथ''' [[सिक्ख धर्म]] का एक प्रमुख पवित्र [[ग्रंथ]] है। इस ग्रंथ को 'गुरु ग्रंथ साहिब' के नाम से भी जाना जाता है। यह ग्रंथ [[सिक्ख|सिक्खों]] का श्रद्धेय धर्मग्रंथ है। आदिग्रंथ के प्रथम संग्रहकर्ता पाँचवें [[गुरु अर्जुन देव]] जी हुए थे, उनके बाद 'भाई गुरुदास' इसके सम्पादक हुए।
| | #REDIRECT [[गुरु ग्रंथ साहिब]] |
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| *[[16 अगस्त]], 1604 ई. को [[हरिमंदिर साहिब]], [[अमृतसर]] में आदिग्रंथ की स्थापना हुई थी।
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| *1705 ई. में 'दमदमा साहिब' में [[गुरु गोविंद सिंह]] ने [[गुरु तेग बहादुर सिंह|गुरु तेगबहादुर]] के 116 शब्दों को और जोड़कर इस ग्रंथ को पूर्ण किया।
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| *इस ग्रंथ मे कुल 1430 पृष्ठ हैं। मात्र सिक्ख गुरुओं के ही नहीं, अपितु 30 अन्य [[हिन्दू]] और [[मुस्लिम]] [[भक्त|भक्तों]] की वाणियाँ भी इस ग्रंथ में हैं।
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| *आदिग्रंथ में जहाँ [[जयदेव]] और [[परमानंद दास|परमानंद]] के समान [[ब्राह्मण]] भक्तों की वाणियाँ हैं, वहीं दूसरी ओर जाति-पांति के भेदभाव से ग्रस्त तत्कालीन समाज में हेय समझी जाने वाली जातियों की दिव्य आत्माओं, जैसे- [[कबीर]], [[रविदास]], [[नामदेव]], सघना और धन्ना आदि की भी वाणियाँ समाहित है।
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| *शेख़ फ़रीद, जो कि पाँचों समय की [[नमाज़]] पढ़ने में यकीन करते थे, उनके भी कई [[श्लोक]] आदिग्रंथ में शामिल हैं।
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| *इस [[ग्रंथ]] की [[भाषा]] बड़ी ही सरल, सुबोध, सटीक और जन-समुदाय को आकर्षित करने वाली है।
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| {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| <references/>
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| ==संबंधित लेख==
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| {{सिक्ख धर्म}}
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| [[Category:सिक्ख धर्म]]
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| [[Category:सिक्ख धर्म कोश]]
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| [[Category:धर्मशास्त्रीय ग्रन्थ]]
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