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| '''राजा महेन्द्र प्रताप''' (जन्म: [[1 दिसम्बर]] [[1886]], मुरसान, [[उत्तर प्रदेश]] - मृत्यु: [[29 अप्रैल]], [[1979]]) एक सच्चे देशभक्त, क्रान्तिकारी, पत्रकार और समाज सुधारक थे। ये 'आर्यन पेशवा' के नाम से प्रसिद्ध थे। उनका जन्म 1 दिसम्बर 1886 को मुरसान ([[अलीगढ]] के पास, [[उत्तर प्रदेश]] में) के राजा घनश्याम सिंह के घर मेँ हुआ। [[हाथरस]] के राजा हरनारायण सिंह ने कोई संतान न होने पर उन्हेँ गोद ले लिया । इस प्रकार महेन्द्र प्रताप मुरसान राज्य को छोडकर हाथरस राज्य के राजा बने। जिँद [[हरियाणा]] की राजकुमारी से उनका विवाह हुआ । राजा महेन्द्रप्रताप आर्यन पेशवा थे । उन्होंने अपनी आर्य परम्परा का निर्वाह करते हुए 32 वर्ष देश, देश से बाहर रहकर, अंग्रेज़ सरकार को न केवल तरह - तरह से ललकारा बल्कि [[अफ़ग़ानिस्तान]] में बनाई। अपनी [[आजाद हिन्द फौज]] द्वारा कबाइली इलाकों पर हमला करके कई इलाके अंग्रेजों से छिनकर अपने अधिकार में ले लिये थे और ब्रिटिस सरकार को क्रान्तिकारियोँ की शक्ति का अहसास करा दिया था ।
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| <references/>
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| ==बाहरी कड़ियाँ==
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| ==संबंधित लेख==
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| [[Category:नया पन्ना जून-2012]]
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