"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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{[[झारखण्ड]] में [[सविनय अवज्ञा आन्दोलन]] वर्ष [[1930]] में कहाँ मनाया गया?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 264, प्र. 31) | {[[झारखण्ड]] में [[सविनय अवज्ञा आन्दोलन]] वर्ष [[1930]] में कहाँ मनाया गया?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 264, प्र. 31) | ||
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-रामगढ़ | -रामगढ़ | ||
||[[चित्र:View-Of-Ranchi.jpg|right|120px|राँची का एक दृश्य]][[राँची]] शहर, पश्चिम-मध्य [[झारखण्ड]] राज्य, [[पूर्वोत्तर भारत]] में स्थित है। यह शहर [[स्वर्णरेखा नदी]] के किनारे घाटी में स्थित है और नवगठित झारखण्ड राज्य की राजधानी है। मुख्य रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा होने के कारण यह शहर, इस क्षेत्र का [[कृषि]], [[कपास]] व [[चाय]] के व्यापार का केन्द्र है। रेशम व लाख उत्पादन और भारी मशीन उपकरण यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राँची]] | ||[[चित्र:View-Of-Ranchi.jpg|right|120px|राँची का एक दृश्य]][[राँची]] शहर, पश्चिम-मध्य [[झारखण्ड]] राज्य, [[पूर्वोत्तर भारत]] में स्थित है। यह शहर [[स्वर्णरेखा नदी]] के किनारे घाटी में स्थित है और नवगठित झारखण्ड राज्य की राजधानी है। मुख्य रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा होने के कारण यह शहर, इस क्षेत्र का [[कृषि]], [[कपास]] व [[चाय]] के व्यापार का केन्द्र है। रेशम व लाख उत्पादन और भारी मशीन उपकरण यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राँची]] | ||
{[[असहयोग आन्दोलन]] के दौरान [[झारखण्ड]] के किस क्षेत्र को अशांत घोषित किया गया था?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 264, प्र. 30) | |||
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-[[पलामू]] | |||
+[[साहिबगंज ज़िला|साहिबगंज]] | |||
-[[कोडरमा ज़िला|कोडरमा]] | |||
-नोआमुंडी | |||
{वर्ष [[1940]] ई. में [[कांग्रेस]] का वार्षिक [[कांग्रेस अधिवेशन|अधिवेशन]] कहाँ सम्पन्न हुआ था?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 264, प्र. 33) | {वर्ष [[1940]] ई. में [[कांग्रेस]] का वार्षिक [[कांग्रेस अधिवेशन|अधिवेशन]] कहाँ सम्पन्न हुआ था?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 264, प्र. 33) | ||
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-महेशपुर की रानी | -महेशपुर की रानी | ||
-प्रतिमा सिन्हा | -प्रतिमा सिन्हा | ||
{किस [[प्रधानमंत्री]] के कार्यकाल में 'झारखण्ड क्षेत्रीय स्वायत्त परिषद' का गठन किया गया था?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 267, प्र. 42) | {किस [[प्रधानमंत्री]] के कार्यकाल में 'झारखण्ड क्षेत्रीय स्वायत्त परिषद' का गठन किया गया था?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 267, प्र. 42) | ||
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-[[इन्द्र कुमार गुजराल]] | -[[इन्द्र कुमार गुजराल]] | ||
||[[चित्र:Narsing-Rao.jpg|right|100px|पी. वी. नरसिम्हा राव]]पी. वी. नरसिम्हा राव [[भारत]] के नौवें [[प्रधानमंत्री]] के रूप में जाने जाते हैं। [[पी. वी. नरसिम्हा राव]] का जन्म [[28 जून]], [[1921]] को [[आंध्र प्रदेश]] के 'वांगरा' ग्राम करीम नगर में हुआ था। इनका पूरा नाम 'परबमुल पार्थी वेंकट नरसिम्हा राव' था। इन्हें पूरे नाम से बहुत कम लोग ही जानते थे। इनके [[पिता]] का नाम पी. रंगा था। नरसिम्हा राव ने 'उस्मानिया विश्वविद्यालय' तथा [[नागपुर]] और मुम्बई विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]] और [[हिन्दी]] में कविताएँ भी लिखी थीं। समग्र रूप से इन्हें साहित्य में भी काफ़ी रुचि थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पी. वी. नरसिम्हा राव]] | ||[[चित्र:Narsing-Rao.jpg|right|100px|पी. वी. नरसिम्हा राव]]पी. वी. नरसिम्हा राव [[भारत]] के नौवें [[प्रधानमंत्री]] के रूप में जाने जाते हैं। [[पी. वी. नरसिम्हा राव]] का जन्म [[28 जून]], [[1921]] को [[आंध्र प्रदेश]] के 'वांगरा' ग्राम करीम नगर में हुआ था। इनका पूरा नाम 'परबमुल पार्थी वेंकट नरसिम्हा राव' था। इन्हें पूरे नाम से बहुत कम लोग ही जानते थे। इनके [[पिता]] का नाम पी. रंगा था। नरसिम्हा राव ने 'उस्मानिया विश्वविद्यालय' तथा [[नागपुर]] और मुम्बई विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]] और [[हिन्दी]] में कविताएँ भी लिखी थीं। समग्र रूप से इन्हें साहित्य में भी काफ़ी रुचि थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पी. वी. नरसिम्हा राव]] | ||
{[[जयप्रकाश नारायण]] अपने साथियों के साथ [[हज़ारीबाग़]] जेल से कब फरार हो गए?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 265, प्र. 38) | |||
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+[[9 नवम्बर]], [[1942]] ई. में | |||
-[[9 नवम्बर]], [[1943]] ई. में | |||
-[[11 नवम्बर]], [[1943]] ई. में | |||
-[[11 दिसम्बर]], [[1944]] ई. में | |||
{[[बिहार]] विधान सभा में पहली बार 'पृथक झारखण्ड' प्रस्ताव कब पारित हुआ?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 267, प्र. 43) | {[[बिहार]] विधान सभा में पहली बार 'पृथक झारखण्ड' प्रस्ताव कब पारित हुआ?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 267, प्र. 43) | ||
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-[[22 जुलाई]], [[1997]] को | -[[22 जुलाई]], [[1997]] को | ||
+[[20 जुलाई]], [[1997]] को | +[[20 जुलाई]], [[1997]] को | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सी [[झारखण्ड]] राज्य की मुख्य फ़सल है?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 271, प्र. 15) | |||
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-[[गेहूँ]] | |||
+धान | |||
-[[चना]] | |||
-[[मक्का]] | |||
{[[झारखण्ड]] राज्य की भौगोलिक सीमा को स्पर्श नहीं करने वाला राज्य है-(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 270, प्र. 40) | {[[झारखण्ड]] राज्य की भौगोलिक सीमा को स्पर्श नहीं करने वाला राज्य है-(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 270, प्र. 40) | ||
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-[[बिहार]] | -[[बिहार]] | ||
||[[चित्र:Charminar-Hyderabad-1.jpg|right|120px|चार मीनार ,हैदराबाद ]]स्वतंत्रता के पश्चात [[तेलुगु भाषा|तेलुगु भाषी]] क्षेत्र को [[मद्रास]] प्रांत से अलग करके [[1 अक्तूबर]], [[1953]] को नए प्रदेश का निर्माण किया गया, जिसका नाम [[आंध्र प्रदेश]] रखा गया। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 बनने के बाद [[हैदराबाद]] राज्य को आंध्र प्रदेश में मिला कर [[1 नवंबर]], 1956 में 'आंध्र प्रदेश' राज्य का निर्माण हुआ। आंध्र प्रदेश के उत्तर में [[उड़ीसा]] राज्य और [[छत्तीसगढ़]], पश्चिम में [[महाराष्ट्र]] और [[कर्नाटक]], दक्षिण में [[तमिलनाडु]] और पूर्व में लगभग 975 किलोमीटर की तट रेखा [[बंगाल की खाड़ी]] है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आन्ध्र प्रदेश]] | ||[[चित्र:Charminar-Hyderabad-1.jpg|right|120px|चार मीनार ,हैदराबाद ]]स्वतंत्रता के पश्चात [[तेलुगु भाषा|तेलुगु भाषी]] क्षेत्र को [[मद्रास]] प्रांत से अलग करके [[1 अक्तूबर]], [[1953]] को नए प्रदेश का निर्माण किया गया, जिसका नाम [[आंध्र प्रदेश]] रखा गया। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 बनने के बाद [[हैदराबाद]] राज्य को आंध्र प्रदेश में मिला कर [[1 नवंबर]], 1956 में 'आंध्र प्रदेश' राज्य का निर्माण हुआ। आंध्र प्रदेश के उत्तर में [[उड़ीसा]] राज्य और [[छत्तीसगढ़]], पश्चिम में [[महाराष्ट्र]] और [[कर्नाटक]], दक्षिण में [[तमिलनाडु]] और पूर्व में लगभग 975 किलोमीटर की तट रेखा [[बंगाल की खाड़ी]] है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आन्ध्र प्रदेश]] | ||
{[[झारखण्ड]] में [[एशिया]] की सबसे बड़ी [[लोहा|लोहे]] की खान है। यह कहाँ स्थित है?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 272, प्र. 11) | {[[झारखण्ड]] में [[एशिया]] की सबसे बड़ी [[लोहा|लोहे]] की खान है। यह कहाँ स्थित है?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 272, प्र. 11) | ||
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-शासन | -शासन | ||
-सारण | -सारण | ||
{[[झारखण्ड]] की किस नदी को 'बंगाल का शोक' कहा जाता था?(भारतकोश) | {[[झारखण्ड]] की किस नदी को 'बंगाल का शोक' कहा जाता था?(भारतकोश) | ||
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-[[गोंड]] | -[[गोंड]] | ||
+उराँव | +उराँव | ||
{[[पारसनाथ शिखर|पारसनाथ]] किस [[धर्म]] के लिए पवित्र स्थल है?(अरिहंत, झा.वि.अ., पृ. 280, प्र. 31) | |||
|type="()"} | |||
-[[हिन्दू]] | |||
-[[बौद्ध]] | |||
+[[जैन]] | |||
-[[ईसाई]] | |||
||[[चित्र:Parasnath-Hills.jpg|right|120px|पारसनाथ पहाड़ी]][[जैन धर्म]] [[भारत]] की श्रमण परम्परा से निकला [[धर्म]] और [[दर्शन]] है। प्राचीन समय से ही जैन धर्म का प्रचार-प्रसार भारत में होने लगा था। जैन धर्म के सातवें [[तीर्थंकर]] [[सुपार्श्वनाथ]] का विहार [[मथुरा]] में हुआ था। विहार-स्थल पर 'कुबेरा देवी' द्वारा जो [[स्तूप]] बनाया गया था, वह जैन धर्म के इतिहास में बड़ा प्रसिद्ध रहा है। [[पारसनाथ पहाड़ी]], जो कि [[झारखण्ड]] राज्य के [[बोकारो]] शहर में स्थित है, जैन लोगों का एक प्रमुख दार्शनिक स्थल है। इस पवित्र स्थान को '[[सम्मेद शिखर]]' भी कहा जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जैन]] | |||
{'झारखण्ड विकास मोर्चा' की स्थापना किसने की थी?(भारतकोश) | {'झारखण्ड विकास मोर्चा' की स्थापना किसने की थी?(भारतकोश) |
08:03, 2 जुलाई 2012 का अवतरण
झारखण्ड सामान्य ज्ञान
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