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*तुसम से गुप्तकालीन अभिलेख प्राप्त हुआ है, जो सम्भवतः चौथीं या पाँचवीं शती का है, जिसमें आचार्य सोमत्रात द्वारा भगवान [[विष्णु]] के मंदिर के लिए दो तड़ागों तथा एक भवन के निर्माण किये जाने का उल्लेख है।  
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*जब प्रथम बार [[कनिंघम]] ने इस अभिलेख को प्रकाशित किया था। तो यह समझा जाता था कि इसमें प्रथम गुप्त नरेश महाराज घटोत्कचगुप्त का उल्लेख है, किंतु गुप्त अभिलेखों के विशेषज्ञ फ़्लीट के मत में यह 'दानवांगना' है।  
*जब प्रथम बार [[कनिंघम]] ने इस अभिलेख को प्रकाशित किया था। तो यह समझा जाता था कि इसमें प्रथम गुप्त नरेश महाराज घटोत्कचगुप्त का उल्लेख है, किंतु गुप्त अभिलेखों के विशेषज्ञ फ़्लीट के मत में यह 'दानवांगना' है।  


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तुसम एक ऐतिहासिक स्थान जो पंजाब के हिसार ज़िले में स्थित है।

  • तुसम से गुप्तकालीन अभिलेख प्राप्त हुआ है, जो सम्भवतः चौथीं या पाँचवीं शती का है, जिसमें आचार्य सोमत्रात द्वारा भगवान विष्णु के मंदिर के लिए दो तड़ागों तथा एक भवन के निर्माण किये जाने का उल्लेख है।
  • जब प्रथम बार कनिंघम ने इस अभिलेख को प्रकाशित किया था। तो यह समझा जाता था कि इसमें प्रथम गुप्त नरेश महाराज घटोत्कचगुप्त का उल्लेख है, किंतु गुप्त अभिलेखों के विशेषज्ञ फ़्लीट के मत में यह 'दानवांगना' है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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