"पुनर्वसु नक्षत्र": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "{{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भि�) |
||
पंक्ति 10: | पंक्ति 10: | ||
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में बांस के पेड को लगाते है। | *इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में बांस के पेड को लगाते है। | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक= | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | {{संदर्भ ग्रंथ}} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
07:28, 27 जुलाई 2012 का अवतरण
अर्थ - पुनः शुभ
देव - अदिति
- पुनर्वसु सातवाँ नक्षत्र है।
- मिथुन राशि में इसके चारों चरण आते हैं।
- इस नक्षत्र का स्वामी गुरु है।
- पुनर्वसु में अदिति का व्रत और पूजन किया जाता है।
- पुनर्वसु नक्षत्र के देवता वृहस्पति को माना जाता है।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बांस के पेड को पुनर्वसु नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है।
- पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग बांस के वृक्ष की पूजा करते है।
- इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में बांस के पेड को लगाते है।
|
|
|
|
|