"चित्र:Palace-At-Farrukhabad.jpg": अवतरणों में अंतर
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10:03, 1 अगस्त 2012 का अवतरण
विवरण (Description) | महल, फ़र्रुख़ाबाद |
दिनांक (Date) | 1814-15 |
स्रोत (Source) | www.columbia.edu |
चित्रकार (Painter) | सीता राम |
अन्य विवरण | ज्वालामुखी भूपटल पर वह प्राकृतिक छेद या दरार है, जिससे होकर पृथ्वी का विघला पदार्थ लावा, राख, वाष्प तथा अन्य गैसें बाहर निकलती हैं। बाहर हवा में उड़ा हुआ लावा शीघ्र ही ठंडा होकर छोटे ठोस टुकड़ों में बदल जाता है, जिसे 'सिंडर' कहते हैं। उद्गार में निकलने वाली गैसों में वाष्प का प्रतिशत सर्वाधिक होता है। |
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चित्र का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
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वर्तमान | 09:58, 1 अगस्त 2012 | 976 × 624 (205 KB) | फ़ौज़िया ख़ान (वार्ता | योगदान) |
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