"रवीन्द्र प्रभात": अवतरणों में अंतर
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रवीन्द्र प्रभात हिन्दी के लोकप्रिय कवि,कथाकार और मुख्य ब्लॉग विश्लेषक हैं। ये पिछले लगभग दो दशक से हिन्दी में निरंतर लेखन कर रहे हैं। | ==परिचय== | ||
== | रवीन्द्र प्रभात अंतर्जाल पर सक्रिय लेखकों मे अग्रणी और चर्चित हैं । इनका जन्म साढ़े चार दशक पूर्व महींदवारा गाँव, सीतामढ़ी जनपद बिहार के एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ । इनका मूल नाम रवीन्द्र कुमार चौबे है । रवीन्द्र प्रभात हिन्दी के लोकप्रिय कवि,कथाकार और मुख्य ब्लॉग विश्लेषक हैं। ये पिछले लगभग दो दशक से हिन्दी में निरंतर लेखन कर रहे हैं। इनके अबतक 2 उपन्यास, एक काव्य संग्रह,दो गजल संग्रह,दो संपादित पुस्तक और एक ब्लागिंग का इतिहास प्रकाशित है । | ||
==योगदान== | |||
रवीन्द्र प्रभात ब्लॉग जगत में सिर्फ एक कुशल रचनाकार के ही रूप में नहीं जाने जाते हैं, उन्होंने ब्लॉगिंग के क्षेत्र में कुछ विशिष्ट कार्य भी किये हैं। वर्ष 2007 में उन्होंने ब्लॉगिंग में एक नया प्रयोग प्रारम्भ किया और ‘ब्लॉग विश्लेषण’ के द्वारा ब्लॉग जगत में बिखरे अनमोल मोतियों से पाठकों को परिचित करने का बीड़ा उठाया। 2007 में पद्यात्मक रूप में प्रारम्भ हुई यह कड़ी 2008 में गद्यात्मक हो चली और 11 खण्डों के रूप में सामने आई। वर्ष 2009 में उन्होंने इस विश्लेषण को और ज्यादा व्यापक रूप प्रदान किया और विभिन्न प्रकार के वर्गीकरणों के द्वारा 25 खण्डों में एक वर्ष के दौरान लिखे जाने वाले प्रमुख ब्लागों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। इसी प्रकार वर्ष 2010 में भी यह अनुष्ठान उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ सम्पन्न किया और 21 कडियों में ब्लॉग जगत की वार्षिक रिपोर्ट को प्रस्तुत करके एक तरह से ब्लॉग इतिहास लेखन का सूत्रपात किया। ब्लॉग जगत की सकारात्मक प्रवृत्तियों को रेखांकित करने के उद्देश्य से अभी तक जितने भी प्रयास किये गये हैं, उनमें ‘ब्लॉगोत्सव’ एक अहम प्रयोग है। अपनी मौलिक सोच के द्वारा रवीन्द्र प्रभात ने इस आयोजन के माध्यम से पहली बार ब्लॉग जगत के लगभग सभी प्रमुख रचनाकारों को एक मंच पर प्रस्तुत किया और गैर ब्लॉगर रचनाकारों को भी इससे जोड़कर समाज में एक सकारात्मक संदेश का प्रसार किया। | |||
==कार्यक्षेत्र== | ==कार्यक्षेत्र== | ||
विश्व के एक बड़े व्यावसायिक समूह सहारा इंडिया परिवार,लखनऊ मे ये प्रशासनिक पद पर कार्यरत हैं । | |||
== प्रकाशित रचनाएँ/पुस्तकें: == | |||
हिन्दी के मुख्य ब्लॉग विश्लेषक के रूप में चर्चित रवीन्द्र प्रभात विगत दो-ढाई दशक से निरंतर साहित्य की विभिन्न विधाओं में लेखनरत हैं । इनकी रचनाएँ भारत तथा विदेश से प्रकाशित लगभग सभी प्रमुख हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा उनकी कविताएँ लगभग डेढ़ दर्जन चर्चित काव्य संकलनों में संकलित की गई । लखनऊ से प्रकाशित हिन्दी दैनिक जनसंदेश टाईम्स और डेली न्यूज एक्टिविस्ट के ये नियमित स्तंभकार हैं, व्यंग्य पर आधारित इनका साप्ताहिक स्तंभ चौबे जी की चौपालकाफी लोकप्रिय है । विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन के साथ-साथ वर्ष-1991 में हमसफ़र(ग़ज़ल संग्रह), 1995 में समकालीन नेपाली साहित्य(संपादित), 1999 में मत रोना रमज़ानी चाचा (ग़ज़ल संग्रह) प्रकाशित। अनियतकालीन उर्विजा और फागुनाहट का सम्पादन। हिन्दी मासिक संवाद तथा साहित्यांजलि का विशेष सम्पादन। ड्वाकरा की टेली डक्यूमेंटरी फ़िल्म नया विहान के पटकथा लेखक. लगभग दो दर्ज़न सहयोगी संकालनों में रचनाएँ संकालित। वर्ष 2002 में स्मृति शेष ( काव्य संग्रह) कथ्यरूप प्रकाशन इलाहाबाद द्वारा प्रकाशित। साथ ही वर्ष २०११ में ताकि बचा रहे लोकतंत्र( उपन्यास ) हिन्द युग्म द्वारा प्रकाशित हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास प्रकाशित तथा हिन्दी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति सम्पादित। हिन्दी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति हिन्दी ब्लॉग जगत की पहली मूल्यांकन परक पुस्तक है, जिसकी १५० प्रतियाँ प्रकाशन से पूर्व ही बिक गयी यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है । इसे हिन्दी साहित्य निकेतन बिजनौर ने प्रकाशित किया है । वर्ष २०१२ में प्रेम न हाट बिकाए ( उपन्यास ) हिन्द युग्म द्वारा प्रकाशित। | |||
==अन्य गतिविधियाँ == | ==अन्य गतिविधियाँ == | ||
उन्होंने लगभग सभी साहित्यिक विधाओं में लेखन किया है परंतु व्यंग्य, कविता और ग़ज़ल लेखन में प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। उनकी रचनाएँ भारत तथा विदेश से प्रकाशित लगभग सभी प्रमुख हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा उनकी कविताएँ लगभग दो दर्जन चर्चित काव्य संकलनों में संकलित की गई हैं। साहित्यिक संस्था काव्य संगम के प्रकाशन सचिव के साथ-साथ ये प्रगतिशील बज्जिका लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव और लख़नऊ ब्लॉगर एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं । ये अन्तरजाल की वहुचर्चित ई-पत्रिका हमारी वाणीके सलाहकार सम्पादक तथा प्रमुख सांस्कृतिक संस्था अन्तरंग के राष्ट्रीय सचिव भी है। लखनऊ से प्रकाशित समकालीन साहित्य-संस्कृति और कला को समर्पित त्रैमासिक पत्रिका वटवृक्ष और हिन्दी के प्रमुख न्यू मीडिया पोर्टल परिकल्पना ब्लॉगोत्सव के ये प्रधान सम्पादक भी हैं | समाजिक रूढियों को तोड़ने में तकनीक का योगदान किसी से छिपा नहीं है। जब कभी किसी नई तकनीक का विकास होता है, तो वह अंजाने में ही पहले से चली आ रही परम्पराओं के लिए चुनौती बन कर प्रस्तुत हो जाती है। इसके फलस्वरूप उसे आलोचना का शिकार होना पड़ता है, उसकी खिल्ली उड़ाई जाती है। लेकिन बावजूद इसके तकनीक किसी से हार नहीं मानती और देखते ही देखते लोगों के दिलो-दिमाग पर छाती चली जाती है। ऐसा ही कुछ रहा है ‘ब्लॉगिंग’ की तकनीक का सफर। इस सफर के स्वर्णिम भविष्य को जिन लोगों ने समय रहते पहचाना और उसके विकास में अपने स्तर से महत्वपूर्ण योगदान दिया, उनमें लखनऊ निवासी रवीन्द्र प्रभात का नाम उल्लेखनीय है। ‘परिकल्पना’ उनका चर्चित ब्लॉग है, जिसमें उनकी संवेदनाओं को, ब्लॉगिंग की हलचलों को और उसके विविध पहलुओं को नजदीक से देखा जा सकता है। रवीन्द्र प्रभात मूलत: एक कवि हैं और गजल विधा से गहराई से जुड़े रहे हैं, किन्तु उन्होंने लगभग सभी साहित्यिक विधाओं में लेखन किया है परंतु व्यंग्य, कविता और ग़ज़ल लेखन में प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। उनकी रचनाएँ भारत तथा विदेश से प्रकाशित लगभग सभी प्रमुख हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा उनकी कविताएँ लगभग दो दर्जन चर्चित काव्य संकलनों में संकलित की गई हैं। साहित्यिक संस्था काव्य संगम के प्रकाशन सचिव के साथ-साथ ये प्रगतिशील बज्जिका लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव और लख़नऊ ब्लॉगर एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं । ये अन्तरजाल की वहुचर्चित ई-पत्रिका हमारी वाणीके सलाहकार सम्पादक तथा प्रमुख सांस्कृतिक संस्था अन्तरंग के राष्ट्रीय सचिव भी है। लखनऊ से प्रकाशित समकालीन साहित्य-संस्कृति और कला को समर्पित त्रैमासिक पत्रिका वटवृक्ष और हिन्दी के प्रमुख न्यू मीडिया पोर्टल परिकल्पना ब्लॉगोत्सव के ये प्रधान सम्पादक भी हैं । | ||
==सम्मन/पुरस्कार== | |||
संवाद सम्मान-2009, सृजनश्री सम्मान-2011, हिन्दी साहित्यश्री सम्मान-2011, बाबा नागार्जुन जन्मशती कथा सम्मान-2012, प्रबलेस चिट्ठाकारिता शिखर सम्मान-2012 आदि। | |||
==विशेष सम्मान== | |||
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के फुरामा सिलोम होटल के सभागार में दिनांक १६ से २१ दिसंबर २०११ तक आयोजित चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन में हिंदी के मुख्य ब्लॉग विश्लेषक एवं वहुचर्चित साहित्यकार रवीन्द्र प्रभात को हिंदी ब्लॉगिंग में उल्लेखनीय योगदान हेतु सृजन श्री सम्मान से अलंकृत किया गया। उन्हें इस सम्मान के अंतर्गत स्मृति चिन्ह, मान पत्र, अंग वस्त्र और एक निश्चित धनराशि के साथ साहित्यिक कृतियाँ भेंट की गयी। उल्लेखनीय है कि लखनऊ निवासी रवीन्द्र प्रभात ने हिंदी ब्लॉगिंग के क्षेत्र में कुछ विशेष कार्य किये हैं। हिंदी ब्लॉगिंग की पहली मूल्यांकनपरक पुस्तक के वे संपादक तथा हिंदी ब्लॉगिंग के पहले इतिहासकार हैं। |
13:06, 4 अगस्त 2012 का अवतरण
रवीन्द्र प्रभात
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जन्म | 05 अप्रैल 1969 |
जन्म भूमि | महिन्द्वारा, सीतमढी जिला,बिहार |
पति/पत्नी | माला चौबे |
कर्म भूमि | लखनऊ |
कर्म-क्षेत्र | हिन्दि साहित्यकार |
मुख्य रचनाएँ | 'हम सफर', 'मत रोना रमजानी चाचा', 'स्मृतिशेष', 'ताकि बचा रहे लोकतन्त्र', 'प्रेम न हाट बिकाय', 'हिन्दी ब्लोगिन्ग अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति','हिन्दी ब्लोगिन्ग का इतिहास आदि। |
विषय | हिन्दी पद्य और गद्य लेखन के साथ-साथ ब्लागिंग |
भाषा | हिन्दी |
शिक्षा | पत्रकारिता तथा जन सन्चार मे स्नात्कोत्तर |
पुरस्कार-उपाधि | संवाद सम्मान-2009, सृजनश्री सम्मान-2011, हिन्दी साहित्यश्री सम्मान-2011, बाबा नागार्जुन जन्मशती कथा सम्मान-2012, प्रबलेस चिट्ठाकारिता शिखर सम्मान-2012 आदि |
प्रसिद्धि | न्यु मिडिया विशेषज्ञ के रूप में |
विशेष योगदान | हिन्दी ब्लोगिंग में ब्लॉग विश्लेषण जैसे नए प्रयोग |
नागरिकता | भारतीय |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
परिचय
रवीन्द्र प्रभात अंतर्जाल पर सक्रिय लेखकों मे अग्रणी और चर्चित हैं । इनका जन्म साढ़े चार दशक पूर्व महींदवारा गाँव, सीतामढ़ी जनपद बिहार के एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ । इनका मूल नाम रवीन्द्र कुमार चौबे है । रवीन्द्र प्रभात हिन्दी के लोकप्रिय कवि,कथाकार और मुख्य ब्लॉग विश्लेषक हैं। ये पिछले लगभग दो दशक से हिन्दी में निरंतर लेखन कर रहे हैं। इनके अबतक 2 उपन्यास, एक काव्य संग्रह,दो गजल संग्रह,दो संपादित पुस्तक और एक ब्लागिंग का इतिहास प्रकाशित है ।
योगदान
रवीन्द्र प्रभात ब्लॉग जगत में सिर्फ एक कुशल रचनाकार के ही रूप में नहीं जाने जाते हैं, उन्होंने ब्लॉगिंग के क्षेत्र में कुछ विशिष्ट कार्य भी किये हैं। वर्ष 2007 में उन्होंने ब्लॉगिंग में एक नया प्रयोग प्रारम्भ किया और ‘ब्लॉग विश्लेषण’ के द्वारा ब्लॉग जगत में बिखरे अनमोल मोतियों से पाठकों को परिचित करने का बीड़ा उठाया। 2007 में पद्यात्मक रूप में प्रारम्भ हुई यह कड़ी 2008 में गद्यात्मक हो चली और 11 खण्डों के रूप में सामने आई। वर्ष 2009 में उन्होंने इस विश्लेषण को और ज्यादा व्यापक रूप प्रदान किया और विभिन्न प्रकार के वर्गीकरणों के द्वारा 25 खण्डों में एक वर्ष के दौरान लिखे जाने वाले प्रमुख ब्लागों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। इसी प्रकार वर्ष 2010 में भी यह अनुष्ठान उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ सम्पन्न किया और 21 कडियों में ब्लॉग जगत की वार्षिक रिपोर्ट को प्रस्तुत करके एक तरह से ब्लॉग इतिहास लेखन का सूत्रपात किया। ब्लॉग जगत की सकारात्मक प्रवृत्तियों को रेखांकित करने के उद्देश्य से अभी तक जितने भी प्रयास किये गये हैं, उनमें ‘ब्लॉगोत्सव’ एक अहम प्रयोग है। अपनी मौलिक सोच के द्वारा रवीन्द्र प्रभात ने इस आयोजन के माध्यम से पहली बार ब्लॉग जगत के लगभग सभी प्रमुख रचनाकारों को एक मंच पर प्रस्तुत किया और गैर ब्लॉगर रचनाकारों को भी इससे जोड़कर समाज में एक सकारात्मक संदेश का प्रसार किया।
कार्यक्षेत्र
विश्व के एक बड़े व्यावसायिक समूह सहारा इंडिया परिवार,लखनऊ मे ये प्रशासनिक पद पर कार्यरत हैं ।
प्रकाशित रचनाएँ/पुस्तकें:
हिन्दी के मुख्य ब्लॉग विश्लेषक के रूप में चर्चित रवीन्द्र प्रभात विगत दो-ढाई दशक से निरंतर साहित्य की विभिन्न विधाओं में लेखनरत हैं । इनकी रचनाएँ भारत तथा विदेश से प्रकाशित लगभग सभी प्रमुख हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा उनकी कविताएँ लगभग डेढ़ दर्जन चर्चित काव्य संकलनों में संकलित की गई । लखनऊ से प्रकाशित हिन्दी दैनिक जनसंदेश टाईम्स और डेली न्यूज एक्टिविस्ट के ये नियमित स्तंभकार हैं, व्यंग्य पर आधारित इनका साप्ताहिक स्तंभ चौबे जी की चौपालकाफी लोकप्रिय है । विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन के साथ-साथ वर्ष-1991 में हमसफ़र(ग़ज़ल संग्रह), 1995 में समकालीन नेपाली साहित्य(संपादित), 1999 में मत रोना रमज़ानी चाचा (ग़ज़ल संग्रह) प्रकाशित। अनियतकालीन उर्विजा और फागुनाहट का सम्पादन। हिन्दी मासिक संवाद तथा साहित्यांजलि का विशेष सम्पादन। ड्वाकरा की टेली डक्यूमेंटरी फ़िल्म नया विहान के पटकथा लेखक. लगभग दो दर्ज़न सहयोगी संकालनों में रचनाएँ संकालित। वर्ष 2002 में स्मृति शेष ( काव्य संग्रह) कथ्यरूप प्रकाशन इलाहाबाद द्वारा प्रकाशित। साथ ही वर्ष २०११ में ताकि बचा रहे लोकतंत्र( उपन्यास ) हिन्द युग्म द्वारा प्रकाशित हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास प्रकाशित तथा हिन्दी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति सम्पादित। हिन्दी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति हिन्दी ब्लॉग जगत की पहली मूल्यांकन परक पुस्तक है, जिसकी १५० प्रतियाँ प्रकाशन से पूर्व ही बिक गयी यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है । इसे हिन्दी साहित्य निकेतन बिजनौर ने प्रकाशित किया है । वर्ष २०१२ में प्रेम न हाट बिकाए ( उपन्यास ) हिन्द युग्म द्वारा प्रकाशित।
अन्य गतिविधियाँ
समाजिक रूढियों को तोड़ने में तकनीक का योगदान किसी से छिपा नहीं है। जब कभी किसी नई तकनीक का विकास होता है, तो वह अंजाने में ही पहले से चली आ रही परम्पराओं के लिए चुनौती बन कर प्रस्तुत हो जाती है। इसके फलस्वरूप उसे आलोचना का शिकार होना पड़ता है, उसकी खिल्ली उड़ाई जाती है। लेकिन बावजूद इसके तकनीक किसी से हार नहीं मानती और देखते ही देखते लोगों के दिलो-दिमाग पर छाती चली जाती है। ऐसा ही कुछ रहा है ‘ब्लॉगिंग’ की तकनीक का सफर। इस सफर के स्वर्णिम भविष्य को जिन लोगों ने समय रहते पहचाना और उसके विकास में अपने स्तर से महत्वपूर्ण योगदान दिया, उनमें लखनऊ निवासी रवीन्द्र प्रभात का नाम उल्लेखनीय है। ‘परिकल्पना’ उनका चर्चित ब्लॉग है, जिसमें उनकी संवेदनाओं को, ब्लॉगिंग की हलचलों को और उसके विविध पहलुओं को नजदीक से देखा जा सकता है। रवीन्द्र प्रभात मूलत: एक कवि हैं और गजल विधा से गहराई से जुड़े रहे हैं, किन्तु उन्होंने लगभग सभी साहित्यिक विधाओं में लेखन किया है परंतु व्यंग्य, कविता और ग़ज़ल लेखन में प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। उनकी रचनाएँ भारत तथा विदेश से प्रकाशित लगभग सभी प्रमुख हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा उनकी कविताएँ लगभग दो दर्जन चर्चित काव्य संकलनों में संकलित की गई हैं। साहित्यिक संस्था काव्य संगम के प्रकाशन सचिव के साथ-साथ ये प्रगतिशील बज्जिका लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव और लख़नऊ ब्लॉगर एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं । ये अन्तरजाल की वहुचर्चित ई-पत्रिका हमारी वाणीके सलाहकार सम्पादक तथा प्रमुख सांस्कृतिक संस्था अन्तरंग के राष्ट्रीय सचिव भी है। लखनऊ से प्रकाशित समकालीन साहित्य-संस्कृति और कला को समर्पित त्रैमासिक पत्रिका वटवृक्ष और हिन्दी के प्रमुख न्यू मीडिया पोर्टल परिकल्पना ब्लॉगोत्सव के ये प्रधान सम्पादक भी हैं ।
सम्मन/पुरस्कार
संवाद सम्मान-2009, सृजनश्री सम्मान-2011, हिन्दी साहित्यश्री सम्मान-2011, बाबा नागार्जुन जन्मशती कथा सम्मान-2012, प्रबलेस चिट्ठाकारिता शिखर सम्मान-2012 आदि।
विशेष सम्मान
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के फुरामा सिलोम होटल के सभागार में दिनांक १६ से २१ दिसंबर २०११ तक आयोजित चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन में हिंदी के मुख्य ब्लॉग विश्लेषक एवं वहुचर्चित साहित्यकार रवीन्द्र प्रभात को हिंदी ब्लॉगिंग में उल्लेखनीय योगदान हेतु सृजन श्री सम्मान से अलंकृत किया गया। उन्हें इस सम्मान के अंतर्गत स्मृति चिन्ह, मान पत्र, अंग वस्त्र और एक निश्चित धनराशि के साथ साहित्यिक कृतियाँ भेंट की गयी। उल्लेखनीय है कि लखनऊ निवासी रवीन्द्र प्रभात ने हिंदी ब्लॉगिंग के क्षेत्र में कुछ विशेष कार्य किये हैं। हिंदी ब्लॉगिंग की पहली मूल्यांकनपरक पुस्तक के वे संपादक तथा हिंदी ब्लॉगिंग के पहले इतिहासकार हैं।