"केशिनी नदी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''केशिनी नदी''' का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में हुआ है...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
कात्या सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''केशिनी नदी''' का उल्लेख [[वाल्मीकि रामायण]] में हुआ है। इसी नदी को [[अयोध्या]] के निकट प्रवाहित बताया गया है- | '''केशिनी नदी''' का उल्लेख [[वाल्मीकि रामायण]] में हुआ है। इसी नदी को [[अयोध्या]] के निकट प्रवाहित बताया गया है- | ||
<blockquote>'तत्र तां रजनीमुष्यकेशिन्यां रघुनंदन:, प्रभाते पुनरुत्थाय लक्ष्मण: प्रययौ तदा। ततोऽर्ध दिवसे प्राप्ते प्रविवेश महारथ:, अयोध्यां रत्नसंपूर्णा हष्टपुष्टजनावृताम्’<ref>[[वाल्मीकि रामायण]], उत्तर. 52, 1-2.</ref></blockquote> | <blockquote> | ||
<poem>'तत्र तां रजनीमुष्यकेशिन्यां रघुनंदन:, | |||
प्रभाते पुनरुत्थाय लक्ष्मण: प्रययौ तदा। | |||
ततोऽर्ध दिवसे प्राप्ते प्रविवेश महारथ:, | |||
अयोध्यां रत्नसंपूर्णा हष्टपुष्टजनावृताम्’<ref>[[वाल्मीकि रामायण]], उत्तर. 52, 1-2.</ref></poem></blockquote> | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
07:18, 28 अगस्त 2012 का अवतरण
केशिनी नदी का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में हुआ है। इसी नदी को अयोध्या के निकट प्रवाहित बताया गया है-
'तत्र तां रजनीमुष्यकेशिन्यां रघुनंदन:,
प्रभाते पुनरुत्थाय लक्ष्मण: प्रययौ तदा।
ततोऽर्ध दिवसे प्राप्ते प्रविवेश महारथ:,
अयोध्यां रत्नसंपूर्णा हष्टपुष्टजनावृताम्’[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 587 |
- ↑ वाल्मीकि रामायण, उत्तर. 52, 1-2.