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*[[रोहिणी]] और [[देवकी]] इसकी रानियां थीं और राम और केशव इनके पुत्र। | *[[रोहिणी]] और [[देवकी]] इसकी रानियां थीं और राम और केशव इनके पुत्र। | ||
*स्पष्ट ही है कि यह कहानी [[श्री कृष्ण]] की कथा का जैन रूप है। | *स्पष्ट ही है कि यह कहानी [[श्री कृष्ण]] की कथा का जैन रूप है। |
07:59, 3 सितम्बर 2012 का अवतरण
- जैन उत्तराध्ययन सूत्र में वसुदेव को यहाँ का राजा बताया गया है।
- रोहिणी और देवकी इसकी रानियां थीं और राम और केशव इनके पुत्र।
- स्पष्ट ही है कि यह कहानी श्री कृष्ण की कथा का जैन रूप है।
- यह नगर शूरसेन या मथुरा ही जान पड़ता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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