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'''प्रभावती गुप्ता''' [[गुप्त]] सम्राट [[चन्द्रगुप्त द्वितीय]] की पुत्री थी। उसका [[विवाह]] [[वाकाटक वंश|वाकाटक]] नरेश [[रुद्रसेन द्वितीय]] के साथ सम्पन्न हुआ था।
'''प्रभावती गुप्ता''' [[गुप्त]] सम्राट [[चन्द्रगुप्त द्वितीय]] की पुत्री थी। उसका [[विवाह]] [[वाकाटक वंश|वाकाटक]] नरेश [[रुद्रसेन द्वितीय]] के साथ सम्पन्न हुआ था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय इतिहास कोश |लेखक= सच्चिदानन्द भट्टाचार्य|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=250|url=}}</ref>


*रुद्रसेन द्वितीय की पाँच वर्ष के अल्प शासन काल के बाद ही 390 ई. में मृत्यु हो गई।
*रुद्रसेन द्वितीय की पाँच वर्ष के अल्प शासन काल के बाद ही 390 ई. में मृत्यु हो गई।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==

12:12, 5 सितम्बर 2012 का अवतरण

प्रभावती गुप्ता गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय की पुत्री थी। उसका विवाह वाकाटक नरेश रुद्रसेन द्वितीय के साथ सम्पन्न हुआ था।[1]

  • रुद्रसेन द्वितीय की पाँच वर्ष के अल्प शासन काल के बाद ही 390 ई. में मृत्यु हो गई।
  • इसके बाद प्रभावती गुप्ता ने 13 वर्ष तक अपने अवयस्क पुत्र दामोदर सेन की संरक्षिका बनकर अपने पिता की मदद से राज्य सम्भाला।
  • उसके वंशज कई शताब्दियों तक दक्षिण भारत पर शासन करते रहे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 250 |

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