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'''होमनाबाद''' 19वीं शती के पूर्वाध में दाक्षिणात्य संत मानिकप्रभु का निवास्थान माना जाता है।  
'''होमनाबाद''' 19वीं शती के पूर्वाध में दाक्षिणात्य संत मानिकप्रभु का निवास्थान माना जाता है।  
*होमनाबाद [[मैसूर]] में है।
*होमनाबाद [[मैसूर]] में है।
*उन्होंनें सब धर्मों की एकता पर बहुत जोर दिया था और उन के शिष्य सभी मतों तथा जातियों में पाये जाते थे।  
*उन्होंनें सब [[धर्म|धर्मों]] की एकता पर बहुत जोर दिया था और उन के शिष्य सभी मतों तथा जातियों में पाये जाते थे।  
*मानिकप्रभु का मठ होमनाबाद में आज भी देखा जा सकता है।  
*मानिकप्रभु का मठ होमनाबाद में आज भी देखा जा सकता है।  
*यहां उनके शिष्य संत की परम्परा को बनाए हुए हैं।
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10:54, 19 नवम्बर 2012 के समय का अवतरण

होमनाबाद 19वीं शती के पूर्वाध में दाक्षिणात्य संत मानिकप्रभु का निवास्थान माना जाता है।

  • होमनाबाद मैसूर में है।
  • उन्होंनें सब धर्मों की एकता पर बहुत जोर दिया था और उन के शिष्य सभी मतों तथा जातियों में पाये जाते थे।
  • मानिकप्रभु का मठ होमनाबाद में आज भी देखा जा सकता है।
  • यहां उनके शिष्य संत की परम्परा को बनाए हुए हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


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