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| जबरन धर्म परिवर्तन और रिंकल कुमारी
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| पिछले 8 महीनो में रिंकल कुमारी के जबरन धर्म परिवर्तन की खबरे पाकिस्तान विशेष रूप से सिंध के मीडिया में लगातार आती रही हे पर पाकिस्तान में हो रहे जबरन धर्म परिवर्तन पर भारत का मीडिया और राजनेतिक लोग बिलकुल उदासीन रहे हैं। कारण यदि सरहद पार का है तो में यही कहूँगा सरदे बाँट लेने से इंसानों को लगने वाली चोट की तासीर नहीं बदल जात।
| | नाम---------------सुधीर मौर्य 'सुधीर' |
| | | जन्म---------------०१/११/१९७९, कानपुर |
| अभी
| | माता - श्रीमती शकुंतला मौर्या |
| कुछ दिन पहले पंजाब के एक मंत्री ने लाहौर से अपनी बहन के गुम हो जाने का विरोध पकिस्तान में दर्ज कराया। यदि वो अपनी अप्रवासी बहन (शायद कनाडा में रहती हे) के बारे में बात कर सकते हैं तो रिंकल के बारे में क्यों नहीं। शायद इसलिए की वो उनकी रिश्तेदार नहीं है।
| | पिता - स्व. श्री राम सेवक मौर्या |
| | | पत्नी - श्रीमती शीलू मौर्या |
| आइये जानते हैं ये रिंकल कुमारी है कोन ?
| | राज्य---------------उत्तर प्रदेश |
| | | तालीम-------------अभियांत्रिकी में डिप्लोमा, इतिहास और दर्शन में स्नातक, प्रबंधन में पोस्ट डिप्लोमा. |
| पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के मीरपुर मेठेलो की रिंकल कुमारी का 24 फ़रवरी 2012 को उसके घर से अपहरण कर लिया गया। ठीक उसी दिन उसे जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया और दिन ढलते-ढलते उसे जबरन एक मुस्लिम लड़के की बीवी बना दिया गया। रिंकल अपने माँ-बाप के पास जाना चाहती थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में गया। सुनवाई के दोरान रिंकल ने रो-रो के माँ के साथ रहने की गुहार लगे। पर वकील के ये कहने पर लड़की ने कलमा पद लिया है उसे नारी निकेतन भेज दिया गया। रिंकल के विरोध करने पर पुलिस उसे घसीटते हुए ले गई।
| | सम्प्रति------------इंजिनियर, और स्वतंत्र लेखन. |
| | | कृतियाँ------------१) 'आह' (ग़ज़ल संग्रह), |
| रिंकल ने बख्तरबंद गाडी में चदते हुए अपने वकील अमरलाल से दर्द बरी आवाज़ में कहा - आप लोग मुझे बचा नहीं पाए , अब में क्या करू या तो अपने को कुर्बान कर दू या अपने घर वालो को कुर्बान कर दू। रिंकल का ये बयान काफी मायने रखता है।
| | प्रकाशक- साहित्य रत्नालय, ३७/५०, शिवाला रोड, |
| | | कानपुर- २०८००१ |
| नारी निकेतन में रिंकल से मिलने गई हिन्दू काउन्सिल की मंगला शर्मा को रिंकल ने उस पर हो तहे आत्याचार के बारे में बताया। जिससे रिंकल के दर्द और मज़बूरी का अंदाजा लगाया जा सकता है। रिंकल ने मंगला शर्मा से कहा उसे शायद पाकिस्तान में न्याय नहीं मिलेगा। रिंकल का ये अंदेशा में सच साबित हुआ।
| | २) 'लम्स' (ग़ज़ल और नज़्म संग्रह) |
| | | प्रकाशक- शब्द शक्ति प्रकाशन, ७०४ एल.आई.जी.-३, |
| आइये देखते हैं किस तरह रिंकल के मामले में न्याय की देवी सोती रही।
| | गंगापुर कालोनी, कानपुर |
| | | ३) 'हो न हो" (नज़्म संग्रह) |
| 1: 24 फ़रवरी 2012 को रिंकल का अपहरण उसके घर से नवेद शाह और उसके गन मेन ने किया।
| | प्रकाशक- मांडवी प्रकाशन, ८८, रोगन ग्रां, डेल्ही गेट, |
| | | गाजीयाबाद-२०१००१ |
| 2: उसे जबरन बरचुन्दी शरीफ ले जाया गया जहा ppa MNA मिया अब्दुल हक (मिया मिट्टू ने उसे जबरन इस्लाम काबुल करवाया।
| | ४) 'अधूरे पंख" (कहानी संग्रह) |
| | | प्रकाशक- उत्कर्ष प्रकशन, शक्यापुरी, कंकरखेडा, |
| 3: 25 फ़रवरी 2012 को रिंकल के रिश्त्व्दारो ने केश दर्ज किया।
| | मेरठ-२५००१ |
| | | ५) 'एक गली कानपुर की' (उपन्यास) |
| 4: कोर्ट में रिंकल ने कहा उसे बुरी तरह से मारा पीटा गया और इस्लाम काबुल न करने पर उसके परिवार को जान से मरने की धमकी दी गई।
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| | | संपर्क----------------ग्राम और पोस्ट-गंज जलालाबाद, जनपद-उन्नाव, |
| 5: रिंकल के इस बयां के बाद भी की वो अपने माँ-बाप के जाना चाहती है, जज हसन अली ने MNA मिया मिट्ठो के दबाव में सुनवाई अगली तारिक पर मुल्तवी कर दी।
| | पिन-२०९८६९, उत्तर प्रदेश |
| | | ईमेल ---------------sudheermaurya1979@rediffmail.com |
| 6: 27 फ़रवरी 2012 तक पीडिता रिंकल कुमारी को पुलिस कस्टडी में रखा गया जहा उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ। 27 फ़रवरी को रिंकल को मिया मिट्ठू के गन मेन की कस्दी में कोर्ट लाया गया। किसी भी हिन्दू को मिया मिट्ठू के गन मेनो ने अन्दर नहीं जाने दिया। जज सामी-उल- कुरैशी ने रिंकल के बयां की परवाह न करते हुए फैसला नवेद शाह के हक में सुनाया। उस वक़्त कोर्ट में रिंकल का कोई भी रिश्तेदार मौजूद नहीं था।
| | s[[चित्र:[[चित्र:उदाहरण.jpg]][[चित्र:[[चित्र:उदाहरण.jpg]]]]]]udheermaurya2010@gmail.com |
| | | blog --------------http://sudheer-maurya.blogspot.com |
| 7: आल हिन्दू काउन्सिल की अर्जी पर 12 मार्च 2012 सिंध हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए रिंकल को दारुल-अमन भेज दिया।
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| | | [[Category:Enter new category name]][[Category:Author]] |
| 8: 26 मार्च 2012 को रिंकल कुमारी ने सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस इफ्तिकार चौधरी के सामने ब्यान दिया उसे दारुल-अमन न भेजा जाये। रिंकल ने कहा इसके बदले वो मरना पसंद करेगी। रिंकल ने कहा आप दारुल-अमन में एक रात गुजरने की कल्पना भी नहीं कर सकते। पर जज ने उसे वापस कराची शेल्टर हॉउस में भेज दिया।
| | [[Category:Author]] |
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| 9: 26 मार्च से 18 अप्रैल 2012 तक दारुल-अमन में रिंकल पर भयंकर आत्याचार हुए। उसके साथ कई बार रैप किया गया।
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| 10: 18 अप्रैल 2012 को जज ने रिंकल की बात को अनसुना करते हुए उसे जबरन नवेद शाह के साथ भेज दिया।
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| तब से लेकर अब तक रिंकल कुमारी मिया मिट्ठू की प्राईवेट जेल में केद हे। और निरंतर यातना को बोग रही है।
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| धर्म परिवर्तन एक अलग मुद्दा है। पर क्या इक्कीसवी सदी में किसी इन्सान को इस तरह गुलाम / दास बनाना जायज है। हाँ रिंकल मिया मिट्ठू की हवेली में SLAVE है एक SEX SLAVE .
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| क्या हमारा दायित्वा कुछ नहीं। क्या हम अब भी मध्य युग में जी रहे हैं। ये एक यक्ष सवाल है जो रिंकल के केस ने उठाया है।
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| सुधीर मौर्य 'सुधीर'
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| अभियंता और स्वतंत्र लेखन
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| ग्राम और पोस्ट - गंज जलालाबाद | |
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| जनपद- उन्नाव , 209869 | |
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| sudheermaurya1979@rediffmail.com | |
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| Sudheer Maurya
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| [[Category:धर्म परिवर्तन ]] | |
नाम---------------सुधीर मौर्य 'सुधीर'
जन्म---------------०१/११/१९७९, कानपुर
माता - श्रीमती शकुंतला मौर्या
पिता - स्व. श्री राम सेवक मौर्या
पत्नी - श्रीमती शीलू मौर्या
राज्य---------------उत्तर प्रदेश
तालीम-------------अभियांत्रिकी में डिप्लोमा, इतिहास और दर्शन में स्नातक, प्रबंधन में पोस्ट डिप्लोमा.
सम्प्रति------------इंजिनियर, और स्वतंत्र लेखन.
कृतियाँ------------१) 'आह' (ग़ज़ल संग्रह),
प्रकाशक- साहित्य रत्नालय, ३७/५०, शिवाला रोड,
कानपुर- २०८००१
२) 'लम्स' (ग़ज़ल और नज़्म संग्रह)
प्रकाशक- शब्द शक्ति प्रकाशन, ७०४ एल.आई.जी.-३,
गंगापुर कालोनी, कानपुर
३) 'हो न हो" (नज़्म संग्रह)
प्रकाशक- मांडवी प्रकाशन, ८८, रोगन ग्रां, डेल्ही गेट,
गाजीयाबाद-२०१००१
४) 'अधूरे पंख" (कहानी संग्रह)
प्रकाशक- उत्कर्ष प्रकशन, शक्यापुरी, कंकरखेडा,
मेरठ-२५००१
५) 'एक गली कानपुर की' (उपन्यास)
संपर्क----------------ग्राम और पोस्ट-गंज जलालाबाद, जनपद-उन्नाव,
पिन-२०९८६९, उत्तर प्रदेश
ईमेल ---------------sudheermaurya1979@rediffmail.com
s[[चित्र:[[चित्र:]]]]udheermaurya2010@gmail.com
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