"दस प्रतिनिधि कहानियाँ -मोहन राकेश": अवतरणों में अंतर
(''''दस प्रतिनिधि कहानियाँ''' कहानियों का संग्रह है, जिसम...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा पुस्तक | |||
|चित्र=Dus-Pratinidhi-Kahaniyan.jpg | |||
|चित्र का नाम='दस प्रतिनिधि कहानियाँ' पुस्तक का आवरण पृष्ठ | |||
| लेखक=[[मोहन राकेश]] | |||
| कवि= | |||
| मूल_शीर्षक ='दस प्रतिनिधि कहानियाँ | |||
| अनुवादक = | |||
| संपादक = | |||
| प्रकाशक =किताबघर प्रकाशन | |||
| प्रकाशन_तिथि =[[3 अप्रैल]], [[2006]] | |||
| भाषा = [[हिन्दी]] | |||
| देश = [[भारत]] | |||
| विषय = | |||
| शैली = | |||
| मुखपृष्ठ_रचना = | |||
| प्रकार =कहानी संग्रह | |||
| पृष्ठ =134 | |||
| ISBN =81-7016-546-6 | |||
| भाग = | |||
| टिप्पणियाँ = | |||
}} | |||
'''दस प्रतिनिधि कहानियाँ''' कहानियों का संग्रह है, जिसमें [[भारत]] के प्रसिद्ध साहित्यकार, नाटककार और उपन्यासकार [[मोहन राकेश]] की दस श्रेष्ठ कहानियाँ संकलित हैं। यह कहानी संग्रह का प्रकाशन [[3 अप्रैल]], [[2006]] को 'किताबघर प्रकाशन' द्वारा हुआ था। | '''दस प्रतिनिधि कहानियाँ''' कहानियों का संग्रह है, जिसमें [[भारत]] के प्रसिद्ध साहित्यकार, नाटककार और उपन्यासकार [[मोहन राकेश]] की दस श्रेष्ठ कहानियाँ संकलित हैं। यह कहानी संग्रह का प्रकाशन [[3 अप्रैल]], [[2006]] को 'किताबघर प्रकाशन' द्वारा हुआ था। | ||
पंक्ति 7: | पंक्ति 29: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{मोहन राकेश की रचनाएँ}} | |||
[[Category: | [[Category:कहानी]][[Category:मोहन राकेश]][[Category:गद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
08:28, 3 जनवरी 2013 का अवतरण
दस प्रतिनिधि कहानियाँ -मोहन राकेश
| |
लेखक | मोहन राकेश |
मूल शीर्षक | 'दस प्रतिनिधि कहानियाँ |
प्रकाशक | किताबघर प्रकाशन |
प्रकाशन तिथि | 3 अप्रैल, 2006 |
ISBN | 81-7016-546-6 |
देश | भारत |
पृष्ठ: | 134 |
भाषा | हिन्दी |
प्रकार | कहानी संग्रह |
दस प्रतिनिधि कहानियाँ कहानियों का संग्रह है, जिसमें भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार, नाटककार और उपन्यासकार मोहन राकेश की दस श्रेष्ठ कहानियाँ संकलित हैं। यह कहानी संग्रह का प्रकाशन 3 अप्रैल, 2006 को 'किताबघर प्रकाशन' द्वारा हुआ था।
मोहन राकेश की कहानियों के अनेक संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। इन सब में लगभग एक सी कहानियाँ ही संकलित की गई हैं। हालाँकि यह जरूरी नहीं कि एक समय-विशेष की बहुचर्चित कहानी रचनाकार की प्रिय कहानी भी हो और न ही यह आवश्यक है कि लेखक की प्रिय कहानी समय सिद्ध श्रेष्ठ कहानी भी स्वीकार की जा सके। इस तरह अन्य लेखकों, पाठकों, समीक्षकों, अनुवादकों और इतिहासकारों द्वारा पसंद की गई सभी कहानियाँ अनिवार्यत: उस कहानीकार की प्रतिनिधि कहानियाँ नहीं भी हो सकती हैं। तथापि प्रत्येक लेखक की कुछ कहानियाँ ऐसी ज़रूर होती हैं, जो इन तमाम वर्गों में समान रूप से ससम्मान सम्मिलित की जा सकती हैं। जहाँ तक मोहन राकेश का प्रश्न है, उनकी कहानियों के कथ्य-शिल्पगत प्रयोगों की संख्या और विविधता को देखते हुए यह एक मुश्किल काम है। फिर भी, राकेश जी के सहधर्मी और नई कहानी आंदोलन के सहयात्री राजेंद्र यादव 'मिस पाल', 'एक और ज़िंदगी', 'आर्द्रा', 'मलबे का मालिक' तथा 'जानवर और जानवर' को मोहन राकेश की श्रेष्ठ कहानियाँ मानते हैं तो मोहन गुप्त द्वारा संपादित संग्रह में 'पाँचवें माले का फ़्लैट', 'उसकी रोटी' तथा 'वारिस' को भी शामिल कर लिया गया है। स्वयं मोहन राकेश 'ग्लास टैंक', 'जँगला', 'मंदी', 'परमात्मा का कुत्ता', 'अपरिचित', 'एक ठहरा हुआ चाकू', 'वारिस', 'सुहागिनें', 'पाँचवें माले का फ़्लैट' तथा 'ज़ख्म' को अपनी प्रिय कहानियाँ मानते हैं। परंतु अपनी प्रतिनिधि कहानियों के अंग्रेज़ी अनुवाद के लिए कार्लो कपोला के साथ मिलकर राकेश जी ने ही 'उसकी रोटी', 'एक और ज़िंदगी', 'अपरिचित जानवर और जानवर' के अलावा 'सेफ्टी पिन', 'ग्लास टैंक', 'फ़ौलाद का आकाश', 'सुहागिनें', 'गुनाह-बेलज्जत', 'आदमी और दीवार', 'ज़ख्म', 'सोया हुआ शहर', 'काला घोड़ा' तथा '(काला) रोज़गार' को भी चुना था।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख