"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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-नैविल चेम्बरलेन | -नैविल चेम्बरलेन | ||
+ | +रेम्जे मैकडौनल्ड | ||
-विन्सटन चर्चिल | -विन्सटन चर्चिल | ||
||'साम्प्रदायिक निर्णय' [[4 अगस्त]], [[1932]] ई. को ब्रिटिश प्रधानमंत्री रेम्जे मेकडोनाल्ड के द्वारा दिया गया था। साम्प्रदायिकता के आधार पर विशेष प्रतिनिधित्व देने की माँग न केवल [[मुस्लिम|मुस्लिमों]] वरन् [[सिक्ख]], [[ईसाई]], [[जैन]], [[पारसी]] और जनजातियों की तरफ़ से भी उठाई गई। लगातार तीन '[[गोलमेज सम्मेलन]]' भी हुए, जिनका कोई नतीजा नहीं निकला। ऐसी स्थिति में [[ब्रिटेन]] के प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड को 'फूट डालो और शासन करो' के सिद्धान्त को कार्यरूप में परिणत करने का उत्तम अवसर प्राप्त हो गया। उसने [[4 अगस्त]], [[1932]] ई. को '[[साम्प्रदायिक निर्णय]]' घोषित किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[साम्प्रदायिक निर्णय]] | |||
{[[औरंगज़ेब]] ने [[ | {[[औरंगज़ेब]] ने [[जज़िया]] पुन: किस वर्ष में लगाया? (पृ.सं.-11) | ||
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||'औरंगज़ेब' ने [[राजपूत|राजपूतों]] के प्रति [[धर्म]] के मामले में अनुदारता की नीति अपनायी। '[[क़ुरान]]' का कट्टर समर्थक होने के नाते वह अन्य धर्मों, मुख्यतः [[हिन्दू धर्म]] के प्रति बहुत असहिष्णु था। उसने [[12 अप्रैल]], 1679 ई. को हिन्दुओं पर दोबारा फिर से '[[जज़िया कर]]' लगा दिया। सर्वप्रथम यह कर [[मारवाड़]] पर लागू किया गया। धार्मिक क्रिया-कलापों, त्यौहारों एवं उत्सवों को प्रतिबन्धित करते हुए [[औरंगज़ेब]] ने हिन्दुओं से 'तीर्थयात्रा कर' पुनः वसूलना शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में हिन्दू मंदिरों को तोड़वाने का आदेश देकर नवीन एवं पुराने मंदिरों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जज़िया]] | |||
{[[विदिशा]] के राजा भागभद्र के पास हिन्द-[[यवन]] राजा ने एक दूत भेजा था, उसका नाम क्या था? (पृ.सं.-9) | {[[विदिशा]] के राजा भागभद्र के पास हिन्द-[[यवन]] राजा ने एक दूत भेजा था, उसका नाम क्या था? (पृ.सं.-9) |
09:48, 18 जनवरी 2013 का अवतरण
इतिहास सामान्य ज्ञान
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