"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
-[[बी. आर. अम्बेडकर]] | -[[बी. आर. अम्बेडकर]] | ||
||[[चित्र:DadaBhai-Naoroji.jpg|right|150px|दादाभाई नौरोजी]]दादाभाई नौरोजी को '''भारतीय राजनीति का पितामह''' कहा जाता है। वह दिग्गज राजनेता, उद्योगपति, शिक्षाविद और विचारक भी थे। ब्रिटिश शासन को वे भारतीयों के लिए दैवी वरदान मानते थे। [[1906]] ई. में उनकी अध्यक्षता में प्रथम बार [[कांग्रेस]] के [[कांग्रेस अधिवेशन कलकत्ता|कलकत्ता अधिवेशन]] में स्वराज्य की मांग की गयी। [[दादाभाई नौरोजी]] ने कहा था कि- "हम दया की भीख नहीं मांगते। हम केवल न्याय चाहते हैं। ब्रिटिश नागरिक के समान अधिकारों का जिक्र नहीं करते, हम स्वशासन चाहते है।" अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने भारतीय जनता के तीन मौलिक अधिकारों का वर्णन किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दादाभाई नौरोजी]] | ||[[चित्र:DadaBhai-Naoroji.jpg|right|150px|दादाभाई नौरोजी]]दादाभाई नौरोजी को '''भारतीय राजनीति का पितामह''' कहा जाता है। वह दिग्गज राजनेता, उद्योगपति, शिक्षाविद और विचारक भी थे। ब्रिटिश शासन को वे भारतीयों के लिए दैवी वरदान मानते थे। [[1906]] ई. में उनकी अध्यक्षता में प्रथम बार [[कांग्रेस]] के [[कांग्रेस अधिवेशन कलकत्ता|कलकत्ता अधिवेशन]] में स्वराज्य की मांग की गयी। [[दादाभाई नौरोजी]] ने कहा था कि- "हम दया की भीख नहीं मांगते। हम केवल न्याय चाहते हैं। ब्रिटिश नागरिक के समान अधिकारों का जिक्र नहीं करते, हम स्वशासन चाहते है।" अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने भारतीय जनता के तीन मौलिक अधिकारों का वर्णन किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दादाभाई नौरोजी]] | ||
{हम्बूराबी के नियम किस सभ्यता के थे? (पृ.सं.-8) | {हम्बूराबी के नियम किस सभ्यता के थे? (पृ.सं.-8) | ||
पंक्ति 28: | पंक्ति 20: | ||
+बेबीलोन की सभ्यता | +बेबीलोन की सभ्यता | ||
-[[चीन]] की सभ्यता | -[[चीन]] की सभ्यता | ||
{किस ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने '[[साम्प्रदायिक निर्णय]]' दिया था? (पृ.सं.-12) | {किस ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने '[[साम्प्रदायिक निर्णय]]' दिया था? (पृ.सं.-12) | ||
पंक्ति 81: | पंक्ति 65: | ||
-पन्द्रहवीं शताब्दी | -पन्द्रहवीं शताब्दी | ||
+सोलहवीं शताब्दी | +सोलहवीं शताब्दी | ||
{[[विजयनगर साम्राज्य]] का सबसे प्रसिद्ध राजकीय त्यौहार कौन-सा था? (पृ.सं.-10) | |||
|type="()"} | |||
-[[बसंत पंचमी|बसंत]] | |||
-[[महानवमी]] | |||
+[[रामनवमी]] | |||
-[[विनायक चतुर्थी]] | |||
||[[चित्र:Ramayana.jpg|right|80px|रामनवमी]]'रामनवमी' एक ऐसा पर्व है, जिस पर [[चैत्र मास]] के [[शुक्ल पक्ष]] की [[प्रतिपदा]] को प्रतिवर्ष नये [[विक्रम संवत|विक्रम सवंत्सर]] का प्रारंभ होता है। [[रामनवमी]] को [[राम]] के जन्मदिन की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु बड़ी संख्या में उनके जन्मोत्सव को मनाने के लिए राम की मूर्तियों को पालने में झुलाते हैं। राम को भगवान [[विष्णु]] का [[अवतार]] माना जाता है। भगवान विष्णु ने राम के रूप में [[असुर|असुरों]] का संहार करने के लिए [[पृथ्वी]] पर अवतार लिया और जीवन में मर्यादा का पालन करते हुए "मर्यादा पुरुषोत्तम" कहलाए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महानवमी]] | |||
{[[लॉर्ड मैकाले|मैकाले]] की शिक्षा व्यवस्था किसके लिए थी? (पृ.सं.-11) | {[[लॉर्ड मैकाले|मैकाले]] की शिक्षा व्यवस्था किसके लिए थी? (पृ.सं.-11) | ||
पंक्ति 96: | पंक्ति 88: | ||
-कुछ कमियों को दूर करना | -कुछ कमियों को दूर करना | ||
{ | {[[हैदराबाद]] नगर की स्थापना किसने की थी? (पृ.सं.-3) | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[ | -[[इब्राहीम क़ुतुबशाह]] | ||
+[[ | +[[मुहम्मद क़ुली क़ुतुबशाह]] | ||
-[[ | -[[मुहम्मद क़ुतुबशाह]] | ||
-[[ | -[[जमशेद क़ुतुबशाह]] | ||
||[[चित्र: | ||[[चित्र:Muhammad-Quli-Qutb-Shah-Portrait.jpg|right|80px|मुहम्म्द क़ुली क़ुतुबशाह]]मुहम्म्द क़ुली क़ुतुबशाह (1580 ई. से 1612 ई.) [[भारतीय इतिहास]] में प्रसिद्ध [[गोलकुंडा]] के [[क़ुतुबशाही वंश]] का पाँचवाँ सुल्तान था। उसका जन्म 1565 ई. में और मृत्यु 1612 ई. में हुई थी। मुहम्म्द क़ुली क़ुतुबशाह एक अच्छा कवि और निर्माणकर्ता था। [[भारत]] के प्रसिद्ध नगरों में से एक [[हैदराबाद]] नगर की स्थापना उसने की थी। दक्कनी [[उर्दू]] में लिखित प्रथम काव्य-संग्रह या 'दीवान' का लेखक भी वही था। उसके इन्हीं दुर्लभ गुणों के कारण उसकी चर्चा आज भी होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मुहम्मद क़ुली क़ुतुबशाह]] | ||
{दक्षिण में 'जब्त व्यवस्था' [[शाहजहाँ]] के शासनकाल के अंतिम वर्षों में किसके द्वारा स्थापित की गयी थी? (पृ.सं.-6) | {दक्षिण में 'जब्त व्यवस्था' [[शाहजहाँ]] के शासनकाल के अंतिम वर्षों में किसके द्वारा स्थापित की गयी थी? (पृ.सं.-6) | ||
पंक्ति 117: | पंक्ति 109: | ||
+जहाज़ के जरिये इंग्लैण्ड से [[दक्षिण अफ़्रीका]] जा रहे थे। | +जहाज़ के जरिये इंग्लैण्ड से [[दक्षिण अफ़्रीका]] जा रहे थे। | ||
-जब वह [[चम्पारण सत्याग्रह|चम्पारण आंदोलन]] का नेतृत्व कर रहे थे। | -जब वह [[चम्पारण सत्याग्रह|चम्पारण आंदोलन]] का नेतृत्व कर रहे थे। | ||
{'स्यादवाद' का सिद्धान्त किससे सम्बन्धित है-(पृ.सं.-3) | |||
|type="()"} | |||
-[[बौद्ध धर्म]] से | |||
+[[जैन धर्म]] से | |||
-[[सांख्य दर्शन]] से | |||
-[[वेदान्त|वेदान्त दर्शन]] से | |||
||[[चित्र:Jainism-Symbol.jpg|right|80px|जैन धर्म का प्रतीक चिह्न]]'जैन धर्म' [[भारत]] की श्रमण परम्परा से निकला [[धर्म]] और [[दर्शन]] है। प्राचीन समय से ही जैन धर्म का प्रचार-प्रसार भारत में होने लगा था। इस धर्म के सातवें [[तीर्थंकर]] [[सुपार्श्वनाथ]] का विहार [[मथुरा]], [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। अनेक विहार-स्थल पर कुबेरा देवी द्वारा जो [[स्तूप]] बनाया गया था, वह जैन धर्म के इतिहास में बड़ा प्रसिद्ध रहा है। चौदहवें तीर्थंकर [[अनंतनाथ]] का स्मारक तीर्थ भी मथुरा में [[यमुना नदी]] के तट पर था। बाईसवें तीर्थंकर [[नेमिनाथ]] को जैन धर्म में [[कृष्ण]] के समकालीन और उनका चचेरा भाई माना जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जैन धर्म]] | |||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
10:20, 18 जनवरी 2013 का अवतरण
इतिहास सामान्य ज्ञान
|