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ब्रिटिश शासन के दौरान अंबोली शहर का उपयोग एक ऊँची पोस्ट के रूप में होता था, जहाँ से मध्य व [[दक्षिण भारत]] में सैनिकों के लिए चौकियाँ बनाई जाती थीं। 1880 में अंबोली को एक हिल स्टेशन घोषित कर दिया गया। [[सावंतवाड़ी]] के स्थानीय लोगों ने [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] से भी पहले इस जगह की खूबसूरती को खोज लिया था। मानसून में महाराष्ट्र का सबसे अधिक [[वर्षा]] वाला स्थान होने के कारण अंग्रेज़ों ने मेथरन को गर्मियों में अपना पसंदीदा स्थल बना लिया। परिणामस्वरुप एक लंबे समय तक महाराष्ट्र के नक्शे पर अंबोली एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहा। | ब्रिटिश शासन के दौरान अंबोली शहर का उपयोग एक ऊँची पोस्ट के रूप में होता था, जहाँ से मध्य व [[दक्षिण भारत]] में सैनिकों के लिए चौकियाँ बनाई जाती थीं। 1880 में अंबोली को एक हिल स्टेशन घोषित कर दिया गया। [[सावंतवाड़ी]] के स्थानीय लोगों ने [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] से भी पहले इस जगह की खूबसूरती को खोज लिया था। मानसून में महाराष्ट्र का सबसे अधिक [[वर्षा]] वाला स्थान होने के कारण अंग्रेज़ों ने मेथरन को गर्मियों में अपना पसंदीदा स्थल बना लिया। परिणामस्वरुप एक लंबे समय तक महाराष्ट्र के नक्शे पर अंबोली एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहा।<ref name="ab">{{cite web |url=http://hindi.nativeplanet.com/amboli/|title=अंबोली|accessmonthday=25 जनवरी|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | ||
====पर्यटन स्थल==== | ====पर्यटन स्थल==== | ||
सप्ताहांत बिताने के लिए अंबोली एक बहुत ही अच्छी जगह है। इसके साथ ही यह एक रोमांटिक स्थान भी है। भागती-दौड़ती जिन्दगी की रफ़्तार कुछ कम करने के लिए पर्यटक यहाँ आ सकते हैं। अंबोली झरनों का स्वर्ग है। यहाँ पाए जाने वाले अनेक झरनों में से कुछ झरनें हैं- | सप्ताहांत बिताने के लिए अंबोली एक बहुत ही अच्छी जगह है। इसके साथ ही यह एक रोमांटिक स्थान भी है। भागती-दौड़ती जिन्दगी की रफ़्तार कुछ कम करने के लिए पर्यटक यहाँ आ सकते हैं। अंबोली झरनों का स्वर्ग है। यहाँ पाए जाने वाले अनेक झरनों में से कुछ झरनें हैं- | ||
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#नंगर्ता झरना | #नंगर्ता झरना | ||
यहाँ का नंगर्ता झरना पिकनिक और आराम के लिए एक बेहतरीन जगह है। हिरण्यकेषी झरने की गुफ़ाओं के मुख के पास एक छोटा-सा पुरातन [[शिव]] का मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर स्वयं शिवजी ने बनाया था। हिरण्यकेषी मंदिर को यह नाम [[पार्वती]] से मिला था, जो उन्हीं का एक नाम है। एक हिल स्टेशन होने के कारण अंबोली में अनेक दशनीय स्थल हैं, जैसे- सी व्यू प्वाइंट, कावेलसद प्वाइंट, परीक्षित प्वाइंट और महादेव प्वाइंट। इन सभी जगहों से [[अरब सागर]] और कोंकण तट के संगम के मनोरम दृश्य दिखाई देते हैं। | यहाँ का नंगर्ता झरना पिकनिक और आराम के लिए एक बेहतरीन जगह है। हिरण्यकेषी झरने की गुफ़ाओं के मुख के पास एक छोटा-सा पुरातन [[शिव]] का मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर स्वयं शिवजी ने बनाया था। हिरण्यकेषी मंदिर को यह नाम [[पार्वती]] से मिला था, जो उन्हीं का एक नाम है। एक हिल स्टेशन होने के कारण अंबोली में अनेक दशनीय स्थल हैं, जैसे- सी व्यू प्वाइंट, कावेलसद प्वाइंट, परीक्षित प्वाइंट और महादेव प्वाइंट। इन सभी जगहों से [[अरब सागर]] और कोंकण तट के संगम के मनोरम दृश्य दिखाई देते हैं।<ref name="ab"/> | ||
==कब जाएँ== | ==कब जाएँ== | ||
क्योंकि अधिक ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का मौसम ठंडा रहता है, इसलिए गर्मियों में यहाँ आना अधिक अच्छा है। मानसून में यहाँ का [[तापमान]] 20 डिग्री सेन्टीग्रेट हो जाने से इस जगह पर रहना सुखद होता है। सर्दियों में भी यहाँ आना अच्छा रहेगा। | क्योंकि अधिक ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का मौसम ठंडा रहता है, इसलिए गर्मियों में यहाँ आना अधिक अच्छा है। मानसून में यहाँ का [[तापमान]] 20 डिग्री सेन्टीग्रेट हो जाने से इस जगह पर रहना सुखद होता है। सर्दियों में भी यहाँ आना अच्छा रहेगा। | ||
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[[सावंतवाड़ी]] और [[गोवा]] के निकट स्थित होने के कारण वायु, रेल व सड़क मार्ग द्वारा आसानी से अंबोली पहुँचा जा सकता है। वायुमार्ग से आने के लिए लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोवा का घरेलू हवाई अड्डा सबसे समीप है। रेलमार्ग से आने के लिए सावंतवाड़ी रेलवे स्टेशन का प्रयोग किया जा सकता है। रेलवे स्टेशन से टैक्सी लेकर पर्यटक अंबोली पहुँच सकते हैं। 550 किलोमीटर की दूरी पर [[मुंबई]] और 400 किलोमीटर की दूरी पर [[पुणे]] होने से अनेक बसें न केवल इन दो शहरों से बल्कि अन्य शहरों से भी उपलब्ध होती है। | [[सावंतवाड़ी]] और [[गोवा]] के निकट स्थित होने के कारण वायु, रेल व सड़क मार्ग द्वारा आसानी से अंबोली पहुँचा जा सकता है। वायुमार्ग से आने के लिए लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोवा का घरेलू हवाई अड्डा सबसे समीप है। रेलमार्ग से आने के लिए सावंतवाड़ी रेलवे स्टेशन का प्रयोग किया जा सकता है। रेलवे स्टेशन से टैक्सी लेकर पर्यटक अंबोली पहुँच सकते हैं। 550 किलोमीटर की दूरी पर [[मुंबई]] और 400 किलोमीटर की दूरी पर [[पुणे]] होने से अनेक बसें न केवल इन दो शहरों से बल्कि अन्य शहरों से भी उपलब्ध होती है।<ref name="ab"/> | ||
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12:27, 25 जनवरी 2013 का अवतरण
अंबोली महाराष्ट्र में स्थित एक छोटा-सा पहाड़ी क्षेत्र है। यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहयाद्रि पर्वतमाला में है, जो सिंधुदुर्ग ज़िले में आता है। सन 1880 में अंबोली को हिल स्टेशन का दर्जा प्रदान किया गया था। परिवार आदि के साथ यह स्थान छुट्टियाँ बिताने के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहाँ का मौसम अधिकांशत: ठण्डा रहता है, इसीलिए यहाँ गर्मी के दिनों में आना ठीक रहता है।
इतिहास
ब्रिटिश शासन के दौरान अंबोली शहर का उपयोग एक ऊँची पोस्ट के रूप में होता था, जहाँ से मध्य व दक्षिण भारत में सैनिकों के लिए चौकियाँ बनाई जाती थीं। 1880 में अंबोली को एक हिल स्टेशन घोषित कर दिया गया। सावंतवाड़ी के स्थानीय लोगों ने अंग्रेज़ों से भी पहले इस जगह की खूबसूरती को खोज लिया था। मानसून में महाराष्ट्र का सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान होने के कारण अंग्रेज़ों ने मेथरन को गर्मियों में अपना पसंदीदा स्थल बना लिया। परिणामस्वरुप एक लंबे समय तक महाराष्ट्र के नक्शे पर अंबोली एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहा।[1]
पर्यटन स्थल
सप्ताहांत बिताने के लिए अंबोली एक बहुत ही अच्छी जगह है। इसके साथ ही यह एक रोमांटिक स्थान भी है। भागती-दौड़ती जिन्दगी की रफ़्तार कुछ कम करने के लिए पर्यटक यहाँ आ सकते हैं। अंबोली झरनों का स्वर्ग है। यहाँ पाए जाने वाले अनेक झरनों में से कुछ झरनें हैं-
- श्रीगाँवकर झरना
- महादेव झरना
- नंगर्ता झरना
यहाँ का नंगर्ता झरना पिकनिक और आराम के लिए एक बेहतरीन जगह है। हिरण्यकेषी झरने की गुफ़ाओं के मुख के पास एक छोटा-सा पुरातन शिव का मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर स्वयं शिवजी ने बनाया था। हिरण्यकेषी मंदिर को यह नाम पार्वती से मिला था, जो उन्हीं का एक नाम है। एक हिल स्टेशन होने के कारण अंबोली में अनेक दशनीय स्थल हैं, जैसे- सी व्यू प्वाइंट, कावेलसद प्वाइंट, परीक्षित प्वाइंट और महादेव प्वाइंट। इन सभी जगहों से अरब सागर और कोंकण तट के संगम के मनोरम दृश्य दिखाई देते हैं।[1]
कब जाएँ
क्योंकि अधिक ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का मौसम ठंडा रहता है, इसलिए गर्मियों में यहाँ आना अधिक अच्छा है। मानसून में यहाँ का तापमान 20 डिग्री सेन्टीग्रेट हो जाने से इस जगह पर रहना सुखद होता है। सर्दियों में भी यहाँ आना अच्छा रहेगा।
परिवहन
सावंतवाड़ी और गोवा के निकट स्थित होने के कारण वायु, रेल व सड़क मार्ग द्वारा आसानी से अंबोली पहुँचा जा सकता है। वायुमार्ग से आने के लिए लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोवा का घरेलू हवाई अड्डा सबसे समीप है। रेलमार्ग से आने के लिए सावंतवाड़ी रेलवे स्टेशन का प्रयोग किया जा सकता है। रेलवे स्टेशन से टैक्सी लेकर पर्यटक अंबोली पहुँच सकते हैं। 550 किलोमीटर की दूरी पर मुंबई और 400 किलोमीटर की दूरी पर पुणे होने से अनेक बसें न केवल इन दो शहरों से बल्कि अन्य शहरों से भी उपलब्ध होती है।[1]
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