"प्रयोग:Nahida": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
| | | | ||
<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{प्रथम आधुनिक ट्रेड यूनियन कहाँ और कब स्थापित हुई? | {प्रथम आधुनिक ट्रेड यूनियन कहाँ और कब स्थापित हुई? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-बम्बई ट्रेड यूनियन, [[1910]] | -बम्बई ट्रेड यूनियन, [[1910]] | ||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
-अहमदाबाद ट्रेड यूनियन, [[1917]] | -अहमदाबाद ट्रेड यूनियन, [[1917]] | ||
{निम्नलिखित में से कौन एक [[आर्य समाज]] के साथ सम्बद्ध नहीं था? | {निम्नलिखित में से कौन एक [[आर्य समाज]] के साथ सम्बद्ध नहीं था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[दयानन्द सरस्वती]] | -[[दयानन्द सरस्वती]] | ||
पंक्ति 20: | पंक्ति 20: | ||
-[[लाला लाजपत राय]] | -[[लाला लाजपत राय]] | ||
{मिश्रित अर्थव्यवस्था किसने प्रारम्भ की थी? | {मिश्रित अर्थव्यवस्था किसने प्रारम्भ की थी? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[महात्मा गांधी]] | -[[महात्मा गांधी]] | ||
पंक्ति 26: | पंक्ति 26: | ||
+[[जवाहरलाल नेहरू]] | +[[जवाहरलाल नेहरू]] | ||
-[[इंदिरा गांधी]] | -[[इंदिरा गांधी]] | ||
||[[चित्र:Jawahar-Lal-Nehru.jpg|right|100px|जवाहरलाल नेहरू]] भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सामने आर्थिक प्रगति हेतु दो मॉडल थे, एक [[संयुक्त राज्य अमरीका]] और उसके मित्र राष्ट्रों का पूंजीवादी प्रगति का मॉडल और दूसरा सोवियत यूनियन ऑफ एशिया का कम्युनिस्ट मॉडल। पं. नेहरू की वैचारिक दूरदर्शिता ने इन दोनों विपरीत ध्रुवीय आर्थिक अवधारणाओं की अच्छाइयां और बुराइयां, लाभ और हानियों की गंभीरता को समझ लिया था और [[भारत]] जैसे उदीयमान विकासशील राष्ट्र के लिए 'मिक्सड इकॉनॉमी' अथवा मिश्रित अर्थव्यवस्था के मॉडल को अपना लिया। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जवाहरलाल नेहरू]] | |||
{निम्नलिखित में से कौन एत्तुतोगै संग्रह का अंग है? | {निम्नलिखित में से कौन एत्तुतोगै संग्रह का अंग है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+पुरुनानूरु | +पुरुनानूरु | ||
पंक्ति 34: | पंक्ति 35: | ||
-तोलकाप्पियम | -तोलकाप्पियम | ||
{क्यूनीफार्म लिपि का सर्वप्रथम प्रयोग किस प्राचीन सभ्यता ने किया था? | {क्यूनीफार्म लिपि का सर्वप्रथम प्रयोग किस प्राचीन सभ्यता ने किया था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[चीन]] | -[[चीन]] | ||
पंक्ति 41: | पंक्ति 42: | ||
+सुमेर | +सुमेर | ||
{निम्नलिखित में से किसे 'जाटों का प्लेटो' कहा जाता था? | {निम्नलिखित में से किसे 'जाटों का प्लेटो' कहा जाता था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[राजाराम]] | -[[राजाराम]] | ||
पंक्ति 47: | पंक्ति 48: | ||
+[[सूरजमल]] | +[[सूरजमल]] | ||
-[[बदनसिंह]] | -[[बदनसिंह]] | ||
|| [[चित्र:Maharaja-Surajmal-1.jpg|right|100px|सूरजमल]] राजा सूरजमल सुयोग्य शासक था। उसने [[ब्रज]] में एक स्वतंत्र हिन्दू राज्य को बना इतिहास में गौरव प्राप्त किया। उसके शासन का समय सन् 1755 से सन् 1763 है। वह सन् 1755 से कई साल पहले से अपने पिता [[बदन सिंह]] के शासन के समय से ही वह राजकार्य सम्भालता था। [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में सूरजमल को 'जाटों का प्लेटो' कहकर भी सम्बोधित किया गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूरजमल]] | |||
{ निम्नांकित में से किसने अपने लेखन 'प्रेज़ ऑफ़ फौली' में क्षमापात्रों की बिक्री की कटु आलोचना की है? | { निम्नांकित में से किसने अपने लेखन 'प्रेज़ ऑफ़ फौली' में क्षमापात्रों की बिक्री की कटु आलोचना की है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-हेनरी तृतीय | -हेनरी तृतीय | ||
पंक्ति 55: | पंक्ति 57: | ||
-कैल्विन | -कैल्विन | ||
{निम्नांकित में से किस शासक ने अपने सिक्कों पर ये अंकित किया था- 'प्रभुसत्ता हर व्यक्ति को नहीं दी जाती है, बल्कि उसे दी जाती है जो चुना गया हो' | {निम्नांकित में से किस शासक ने अपने सिक्कों पर ये अंकित किया था- 'प्रभुसत्ता हर व्यक्ति को नहीं दी जाती है, बल्कि उसे दी जाती है जो चुना गया हो' | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[इल्तुतमिश]] | -[[इल्तुतमिश]] | ||
पंक्ति 61: | पंक्ति 63: | ||
+[[मुहम्मद बिन तुग़लक|मुहम्मद तुग़लक]] | +[[मुहम्मद बिन तुग़लक|मुहम्मद तुग़लक]] | ||
-[[बहलोल लोदी]] | -[[बहलोल लोदी]] | ||
|| [[चित्र:The-Tomb-Of-Ghayasuddin-Tughlak.jpg|right|100px|ग़यासुद्दीन तुग़लक़ का मक़बरा]][[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]] की मृत्यु के बाद उसका पुत्र 'जूना ख़ाँ', मुहम्मद बिन तुग़लक़ (1325-1351 ई.) के नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा। इसका मूल नाम 'उलूग ख़ाँ' था। राजामुंदरी के एक अभिलेख में मुहम्मद तुग़लक़ (जौना या जूना ख़ाँ) को दुनिया का ख़ान कहा गया है। सम्भवतः मध्यकालीन सभी सुल्तानों में मुहम्मद तुग़लक़ सर्वाधिक शिक्षित, विद्वान एवं योग्य व्यक्ति था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मुहम्मद बिन तुग़लक|मुहम्मद तुग़लक]] | |||
{[[भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन]] के संदर्भ में उषा मेहता की ख्याति है- | {[[भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन]] के संदर्भ में उषा मेहता की ख्याति है- | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[द्वितीय गोलमेज सम्मेलन]] में सहभागिता हेतु | -[[द्वितीय गोलमेज सम्मेलन]] में सहभागिता हेतु | ||
पंक्ति 68: | पंक्ति 71: | ||
-[[आज़ाद हिन्द फ़ौज]] की एक टुकड़ी का नेतृत्व करने के कारण | -[[आज़ाद हिन्द फ़ौज]] की एक टुकड़ी का नेतृत्व करने के कारण | ||
-[[जवाहरलाल नेहरू]] की अंतरिम सरकार के गठन में सहायक भूमिका निभाने के लिए | -[[जवाहरलाल नेहरू]] की अंतरिम सरकार के गठन में सहायक भूमिका निभाने के लिए | ||
|| [[बम्बई]] में उषा मेहता एवं उनके कुछ साथियों ने कई महीने तक कांग्रेस रेडियो का प्रसारण किया। [[राममनोहर लोहिया]] नियमित रूप से रेडियो पर बोलते थे। [[नवम्बर]] [[1942]] ई. में पुलिस ने इसे खोज निकाला और जब्त कर लिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नेताओं की गिरफ़्तारी#भारत छोड़ो आंदोलन|भारत छोड़ो आंदोलन]] | |||
{[[हीरा]] उत्खनन किससे सम्बन्धित है? | {[[हीरा]] उत्खनन किससे सम्बन्धित है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[फ़तेहपुर सीकरी]] | -[[फ़तेहपुर सीकरी]] | ||
-[[आगरा]] | -[[आगरा]] | ||
+[[ | +[[गोलकुंडा]] | ||
-[[लाहौर]] | -[[लाहौर]] | ||
||[[चित्र:Golconda-Fort.jpg|100px|right]] गोलकुंडा एक क़िला व भग्नशेष नगर है। यह [[आंध्र प्रदेश]] का एक ऐतिहासिक नगर है। [[हैदराबाद]] से पांच मील पश्चिम की ओर [[बहमनी वंश]] के सुल्तानों की राजधानी गोलकुंडा के विस्तृत खंडहर स्थित हैं। गोलकुंडा पहले [[हीरा]] उत्खनन के लिए विख्यात था जिनमें से [[कोहिनूर हीरा]] सबसे मशहूर है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोलकुंडा]] | |||
{[[1942]] के [[भारत छोड़ो आंदोलन]] के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-की एक टिप्पणी सत्य नहीं है? | {[[1942]] के [[भारत छोड़ो आंदोलन]] के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-की एक टिप्पणी सत्य नहीं है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-यह आंदोलन अहिंसक था | -यह आंदोलन अहिंसक था | ||
पंक्ति 83: | पंक्ति 88: | ||
-इसने सामान्य श्रमिक वर्ग को आकर्षित नहीं किया था। | -इसने सामान्य श्रमिक वर्ग को आकर्षित नहीं किया था। | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा क्षेत्र हैदराबाद कटिन जैन्सी के बकाया राशि के न अदा करने पर [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा अधिकार में कर लिया गया था और वह कब्जा 1947 तक कायम रहा- | {निम्नलिखित में से कौन-सा क्षेत्र हैदराबाद कटिन जैन्सी के बकाया राशि के न अदा करने पर [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा अधिकार में कर लिया गया था और वह कब्जा 1947 तक कायम रहा- | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[बरार]] | +[[बरार]] | ||
पंक्ति 89: | पंक्ति 94: | ||
-[[उस्मानाबाद]] | -[[उस्मानाबाद]] | ||
-उत्तरी सरकार | -उत्तरी सरकार | ||
|| बरार [[कपास]] उत्पादक क्षेत्र, पूर्वी-मध्य [[महाराष्ट्र]] राज्य के पश्चिमी भारत में है।13वीं शताब्दी में [[मुस्लिम]] सेनाओं के आक्रमण के बाद बरार एक स्पष्ट राजनीतिक इकाई के रूप में उभरा था। मुस्लिम साम्राज्य के बिखरने तक यह अनेक मुस्लिम राज्यों का हिस्सा रहा और उसके बाद [[हैदराबाद]] के निज़ाम के अधीन हो गया। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बरार]] | |||
{[[1931]] में [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के [[कराची]] अधिवेशन के लिए, जिसकी अध्यक्षता [[सरदार पटेल]] कर रहे थे, किसने मूल अधिकारों तथा आर्थिक कार्यक्रम पर संकल्प प्रारूपित किया था? | {[[1931]] में [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के [[कराची]] अधिवेशन के लिए, जिसकी अध्यक्षता [[सरदार पटेल]] कर रहे थे, किसने मूल अधिकारों तथा आर्थिक कार्यक्रम पर संकल्प प्रारूपित किया था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[महात्मा गांधी]] | -[[महात्मा गांधी]] | ||
पंक्ति 96: | पंक्ति 102: | ||
-[[राजेन्द्र प्रसाद]] | -[[राजेन्द्र प्रसाद]] | ||
-[[भीमराव अम्बेडकर]] | -[[भीमराव अम्बेडकर]] | ||
||[[चित्र:Jawahar-Lal-Nehru.jpg|right|100px|जवाहरलाल नेहरू]] पंडित जवाहरलाल नेहरू, [[भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन|भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम]] के महान सेनानी एवं स्वतन्त्र [[भारत]] के प्रथम [[प्रधानमंत्री]] (1947-1964) थे। जवाहर लाल नेहरू, संसदीय सरकार की स्थापना और विदेशी मामलों में 'गुटनिरपेक्ष' नीतियों के लिए विख्यात हुए। [[1930]] और [[1940]] के दशक में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से वह एक थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जवाहरलाल नेहरू]] | |||
{नहपाण के अंतर्गत सुवर्ण एवं कर्षापण की विनिमय दर क्या थी? | {नहपाण के अंतर्गत सुवर्ण एवं कर्षापण की विनिमय दर क्या थी? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-1 : 5 | -1 : 5 | ||
पंक्ति 104: | पंक्ति 111: | ||
+1 : 35 | +1 : 35 | ||
{ निम्नलिखित में से कौन [[भक्ति आंदोलन]] का प्रस्तावक नहीं था? | { निम्नलिखित में से कौन [[भक्ति आंदोलन]] का प्रस्तावक नहीं था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[तुकाराम]] | -[[तुकाराम]] | ||
पंक्ति 110: | पंक्ति 117: | ||
+[[नागार्जुन]] | +[[नागार्जुन]] | ||
-[[वल्लभाचार्य]] | -[[वल्लभाचार्य]] | ||
|| [[चित्र:Nagarjun.jpg|right|80px]] नागार्जुन के अतिरिक्त सभी भक्ति आंदोलन के प्रस्तावक रहे। नागार्जुन प्रगतिवादी विचारधारा के लेखक और कवि हैं। नागार्जुन ने 1945 ई. के आसपास साहित्य सेवा के क्षेत्र में क़दम रखा। | |||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
11:08, 27 जनवरी 2013 का अवतरण
इतिहास सामान्य ज्ञान
|