"दिल्ली के संग्रहालय": अवतरणों में अंतर
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पुराने क़िले में स्थित इस संग्रहालय में [[पुरातत्त्व]] खुदाई से प्राप्त पत्थर, | पुराने क़िले में स्थित इस संग्रहालय में [[पुरातत्त्व]] खुदाई से प्राप्त पत्थर, सिक़्क़े और अवशेष देखे जा सकते हैं। यहाँ 200 से 100 ईसा पूर्व के सिक़्क़े, मौर्यकालीन अवशेष, गुप्तकालीन सिक़्क़े, मानव अवशेष, 1266-86 काल के [[बलबन]] एवं 1325-57 कालीन [[मुहम्मद बिन तुग़लक़]] के शासन में चलने वाले सिक़्क़े भी यहाँ प्रदर्शित हैं। | ||
*;गांधी राष्ट्रीय संग्रहालय | *;गांधी राष्ट्रीय संग्रहालय | ||
[[राजघाट दिल्ली|राजघाट]] के सामने सड़क के उस पार स्थित इस संग्रहालय में गांधी जी की लाठी, [[चरखा]], चश्मा, चप्पल, छड़ी और कुछ पेन संग्रहित हैं। यहाँ गांधीजी द्वारा कारागृह में प्रयुक्त खाना बनाने के बर्तन एवं गांधी के सीने को छलनी करने वाली [[नाथूराम गौडसे]] के रिवॉल्वर की गोली भी प्रदर्शित है। | [[राजघाट दिल्ली|राजघाट]] के सामने सड़क के उस पार स्थित इस संग्रहालय में गांधी जी की लाठी, [[चरखा]], चश्मा, चप्पल, छड़ी और कुछ पेन संग्रहित हैं। यहाँ गांधीजी द्वारा कारागृह में प्रयुक्त खाना बनाने के बर्तन एवं गांधी के सीने को छलनी करने वाली [[नाथूराम गौडसे]] के रिवॉल्वर की गोली भी प्रदर्शित है। | ||
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यह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री [[जवाहर लाल नेहरू]] का 16 वर्षों तक निवास स्थान रहा है तथा अब इसे उनकी याद में संग्रहालय एवं शोध पुस्तकालय में बदल दिया गया है। इसका स्वरूप नेहरूकालीन ही रखा गया है। इसके पिछवाड़े में लगा गुलाब के फूलों का बगीचा दर्शनीय है। पर्यटकों के लिए यहाँ 'ट्रस्ट विद डेस्टिनी' नामक दृश्य श्रव्य प्रदर्शन (साउंड एण्ड लाइट शो) आयोजित किया जाता है, जिसमें भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन एवं श्री जवाहर लाल नहेरू के जीवन की झलक दिखाई जाती है। | यह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री [[जवाहर लाल नेहरू]] का 16 वर्षों तक निवास स्थान रहा है तथा अब इसे उनकी याद में संग्रहालय एवं शोध पुस्तकालय में बदल दिया गया है। इसका स्वरूप नेहरूकालीन ही रखा गया है। इसके पिछवाड़े में लगा गुलाब के फूलों का बगीचा दर्शनीय है। पर्यटकों के लिए यहाँ 'ट्रस्ट विद डेस्टिनी' नामक दृश्य श्रव्य प्रदर्शन (साउंड एण्ड लाइट शो) आयोजित किया जाता है, जिसमें भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन एवं श्री जवाहर लाल नहेरू के जीवन की झलक दिखाई जाती है। | ||
*;लाल क़िला संग्रहालय | *;लाल क़िला संग्रहालय | ||
यह लाल क़िले के अन्दर मुमताज़ महल में स्थित है। इस संग्रहालय में मुग़लकालीन तलवारें, हुक़्क़ा, शतरंज, ग़लीचे, कपड़े, आईने एवं | यह लाल क़िले के अन्दर मुमताज़ महल में स्थित है। इस संग्रहालय में मुग़लकालीन तलवारें, हुक़्क़ा, शतरंज, ग़लीचे, कपड़े, आईने एवं सिक़्क़े आदि संग्रहित हैं। इसके एक भाग में, जो अन्तिम मुग़ल बादशाह [[बहादुर शाह जफ़र]] को समर्पित हैं, में उनसे सम्बन्धित चाँदी का हुक़्क़ा एवं पहनने के कपड़े आदि संग्रहित हैं। यहाँ दिल्ली का पुराना मानचित्र एवं 1857 की क्रान्ति से सम्बन्धित विशेष सामग्री भी प्रदर्शित है। [[चित्र:Teen Murti Bhavan.jpg|thumb|250px|left|नेहरू स्मृति संग्रहालय (तीन मूर्ति भवन)]] | ||
*;स्वतंत्रता संग्रहालय | *;स्वतंत्रता संग्रहालय | ||
लाल क़िले में स्थित इस संग्रहालय में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से सम्बन्धित यादें संजोई गई हैं। 1846-47 का दिल्ली का राजपत्र (गजट) भी यहाँ भली प्रकार से सुरक्षित रखा गया है। यहाँ भारतीय स्वतंत्रता सैनानियों के प्लास्टर ऑफ़ पेरिस से बने आदमक़द पुतले भी दर्शाये गए हैं। | लाल क़िले में स्थित इस संग्रहालय में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से सम्बन्धित यादें संजोई गई हैं। 1846-47 का दिल्ली का राजपत्र (गजट) भी यहाँ भली प्रकार से सुरक्षित रखा गया है। यहाँ भारतीय स्वतंत्रता सैनानियों के प्लास्टर ऑफ़ पेरिस से बने आदमक़द पुतले भी दर्शाये गए हैं। |
14:38, 11 फ़रवरी 2013 का अवतरण
- वायुसेना एवं युद्ध संग्रहालय
पालम के नज़दीक स्थित इस संग्रहालय में भारतीय वायुसेना की ऐतिहासिक वस्तुओं का अवलोकन किया जा सकता है। प्रथम विश्वयुद्ध के समय के हवाई जहाज़, चित्र एवं साहसिक दुस्साहसिक प्रदर्शन के फ़ोटोग्राफ़्स का यहाँ दुर्लभ संग्रह है। राष्ट्र के सम्मान में अपना सर्वस्त्र न्यौछावर करने वाले वासुसेना के पायलटों को श्रद्धाजंली देता युद्ध संग्रहालय भी यहीं पर स्थित है।
- हस्तशिल्प संग्रहालय
- ग्रामीण जनजीवन की झाँकी प्रस्तुत करता लोक एवं आदिवासी कलाकृतियों का यह अनूठा संग्रहालय है। यह संग्रहालय प्रगति मैदान के अदिती पवैलियन में स्थित है। इस संग्रहालय में भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को प्रदर्शित किया गया है।
- गुड़िया संग्रहालय
संग्रहालय एवं स्मृति भवन |
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लगभग 6,000 गुड़ियों से भरा यह संग्रहालय बाल पुस्तक ट्रस्ट का ही एक हिस्सा है। यहाँ अंतर्राष्ट्रीय संग्रह की अधिकांश गुड़िया अपनी पारम्परिक वेशभूषा में प्रदर्शित हैं। प्रख्यात पत्रकार शंकर द्वारा स्थापित यह संग्रहालय बहादुर शाह जफ़र मार्ग के पूर्व में स्थित है। यहाँ विश्व भर के खिलौना निर्माताओं का आगमन रहता है। यहीं स्थित बी.सी. रॉय बाल पुस्तकालय है, जिसमें बच्चों के लिए उत्तम पुस्तकों का संग्रह है। छोटे बच्चों के लिए यहाँ खेलघर भी बना है।
- भू-संग्रहालय (फ़ील्ड म्यूज़ियम)
पुराने क़िले में स्थित इस संग्रहालय में पुरातत्त्व खुदाई से प्राप्त पत्थर, सिक़्क़े और अवशेष देखे जा सकते हैं। यहाँ 200 से 100 ईसा पूर्व के सिक़्क़े, मौर्यकालीन अवशेष, गुप्तकालीन सिक़्क़े, मानव अवशेष, 1266-86 काल के बलबन एवं 1325-57 कालीन मुहम्मद बिन तुग़लक़ के शासन में चलने वाले सिक़्क़े भी यहाँ प्रदर्शित हैं।
- गांधी राष्ट्रीय संग्रहालय
राजघाट के सामने सड़क के उस पार स्थित इस संग्रहालय में गांधी जी की लाठी, चरखा, चश्मा, चप्पल, छड़ी और कुछ पेन संग्रहित हैं। यहाँ गांधीजी द्वारा कारागृह में प्रयुक्त खाना बनाने के बर्तन एवं गांधी के सीने को छलनी करने वाली नाथूराम गौडसे के रिवॉल्वर की गोली भी प्रदर्शित है।
- भारतीय युद्ध स्मृति संग्रहालय
लाल क़िले में नौबतख़ाने के ठीक ऊपरी भाग में स्थित इस संग्रहालय में प्रमुख विश्वयुद्ध से मुग़लकालीन युद्धों में प्रयुक्त अस्त्र-शस्त्र आदि संग्रहित हैं।
- इंदिरा गांधी संग्रहालय
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का राजकीय निवास 1, सफ़दरजंग रोड को अब संग्रहालय में बदल दिया गया है। यहाँ श्रीमती इंदिरा गांधी की व्यक्तिगत यादें संजाई गई हैं। राष्ट्रीय आन्दोलनों में नेहरू-गांधी परिवार के सहयोग से सम्बन्धित कई छायाचित्र भी यहाँ दर्शनीय हैं। यहाँ 1984 में हुई इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या के स्थल को भी दर्शाया गया है।
- राष्ट्रीय संग्रहालय
1960 तक राष्ट्रपति भवन में चल रहे इस संग्रहालय को 1960 में वर्तमान जगह पर स्थानान्तरित किया गया। यह भारत के ऐतिहासिक एवं महत्त्वपूर्ण संग्रहालयों में से एक है। यहाँ देखने के लिए एक पूरे दिन की आवश्यकता होती है। भारत में कहीं पर भी प्राप्त कलाकृतियों का यह अनूठा संग्रह है। तीन विभिन्न मंज़िलों में बंटे इस संग्रहालय में ऐतिहासिक मानव सभ्यता के अवशेष, मौर्यकालीन, गांधार, गुप्त एवं अन्य राजवंशों के समय के भित्तिचित्र, प्रस्तर खण्ड, ताम्र पत्रादि एवं अनगिनत दुर्लभ कलाकृतियाँ प्रदर्शित हैं। यहीं पर हस्तशिल्प वीथिका में कपड़ा एवं सजावटी वस्तुएँ प्रदर्शित हैं। यहीं पर दिल्ली की खुदाई के अवशेष हैं। यहीं पास में पुराने काग़ज़ात एवं अभिलेख संग्रहित हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित पुस्तकें यहीं प्रवेशद्वार से ख़रीदी जा सकती हैं।
- राष्ट्रीय रेल संग्रहालय
अपनी तरह का यह भारत का पहला संग्रहालय है। दस एकड़ क्षेत्र में फैले आठ कोण वाले इस भवन की स्थापना 1 फ़रवरी 1977 को हुई थी। यहाँ भारत की दुर्लभ पुरानी रेलगाड़ियाँ संग्रहित हैं। सूचनापरक आन्तरिक संग्रहालय में पुरानी 26 चलायमान गाड़ियाँ, 17 अनूठे मालवाहक डिब्बे एवं कई सैलून हैं। यहाँ बच्चों के लिए एक छोटी खिलौना रेल भी चलती है, जो बच्चों को संग्रहालय में घुमाती है।
- प्राकृतिक ऐतिहासिक राष्ट्रीय संग्रहालय
तानसेन मार्ग पर फ़ैडरेशन हाउस में स्थित इस संग्रहालय पर मृत जानवरों एवं पक्षियों के नमूने दर्शाये गए हैं। यहाँ बच्चों के लिए अक्सर वन्य जीवन से सम्बन्धित चलचित्र प्रदर्शन इत्यादि भी आयोजित किए जाते हैं।
- राष्ट्रीय डाक-तार (फ़िलटैलिक) संग्रहालय
डाक-तार भवन में स्थित इस संग्रहालय में भारत के प्रथम डाक टिकट, जो सिन्ध डाक द्वारा 1854 में जारी किया गया था, सहित अब तक जारी डाकटिकटों का विशाल एवं दुर्लभ संग्रह है। स्वतंत्रता से पहले डाकटिकट तत्कालीन राजा द्वारा किसी विशेष अवसर पर जारी किए जाते थे, लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सरकार द्वारा विशेष अवसरों, महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों आदि पर जारी किए जाते हैं। इन सभी डाकटिकटों का यहाँ पर संग्रह है।
- नेहरू स्मृति संग्रहालय (तीन मूर्ति भवन)
यह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू का 16 वर्षों तक निवास स्थान रहा है तथा अब इसे उनकी याद में संग्रहालय एवं शोध पुस्तकालय में बदल दिया गया है। इसका स्वरूप नेहरूकालीन ही रखा गया है। इसके पिछवाड़े में लगा गुलाब के फूलों का बगीचा दर्शनीय है। पर्यटकों के लिए यहाँ 'ट्रस्ट विद डेस्टिनी' नामक दृश्य श्रव्य प्रदर्शन (साउंड एण्ड लाइट शो) आयोजित किया जाता है, जिसमें भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन एवं श्री जवाहर लाल नहेरू के जीवन की झलक दिखाई जाती है।
- लाल क़िला संग्रहालय
यह लाल क़िले के अन्दर मुमताज़ महल में स्थित है। इस संग्रहालय में मुग़लकालीन तलवारें, हुक़्क़ा, शतरंज, ग़लीचे, कपड़े, आईने एवं सिक़्क़े आदि संग्रहित हैं। इसके एक भाग में, जो अन्तिम मुग़ल बादशाह बहादुर शाह जफ़र को समर्पित हैं, में उनसे सम्बन्धित चाँदी का हुक़्क़ा एवं पहनने के कपड़े आदि संग्रहित हैं। यहाँ दिल्ली का पुराना मानचित्र एवं 1857 की क्रान्ति से सम्बन्धित विशेष सामग्री भी प्रदर्शित है।
- स्वतंत्रता संग्रहालय
लाल क़िले में स्थित इस संग्रहालय में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से सम्बन्धित यादें संजोई गई हैं। 1846-47 का दिल्ली का राजपत्र (गजट) भी यहाँ भली प्रकार से सुरक्षित रखा गया है। यहाँ भारतीय स्वतंत्रता सैनानियों के प्लास्टर ऑफ़ पेरिस से बने आदमक़द पुतले भी दर्शाये गए हैं।
- तिब्बती संग्रहालय
लोदी रोड पर स्थित यह एक छोटा संग्रहालय है, जहाँ तिब्बती कला एवं संस्कृति की झलक देखी जा सकती है। यहाँ 15वीं सदी के तिब्बती जीवन की तंगखास सहित बहुमूल्य संगह है। यहाँ बुद्ध की तांबे से बनी प्रतिमा दर्शनीय है।
- दिल्ली के अन्य संग्रहालय हैं
कोटला रोड पर स्थित बच्चों का संग्रहालय एवं एक्वेरियम, संगीत नाटक अकादमी में स्थित वाद्य यंत्र वीथिका (गैलरी), राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र एवं श्रीनिवास मल्लाह समागार हस्तशिल्प संग्रहालय (थिएटर क्राफ़्ट्स म्यूज़ियम)।
इन्हें भी देखें: संग्रहालय सूची दिल्ली
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