"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Sun-part.gif|right|100px|सूर्य]]सूर्य मुख्य रूप से [[हाइड्रोजन]] और [[हीलियम]] गैसों का एक विशाल गोला है। [[सूर्य]] की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हीलियम, [[लोहा]], [[निकल]], [[ऑक्सीजन]], [[सिलिकॉन]], [[सल्फर]], [[मैग्नीशियम]], [[कार्बन]], [[नियोन]], [[कैल्सियम]] और [[क्रोमियम]] [[तत्त्व|तत्त्वों]] से हुआ है। वर्तमान में सूर्य के [[द्रव्यमान]] का 71% हाइड्रोजन 26.5% हीलियम और 2.5% अन्य [[धातु]]/[[तत्त्व]] हैं। हैंस बेथ ने बताया कि 107 ºC [[ताप]] पर सूर्य के केन्द्र पर चारों हाइड्रोजन के [[नाभिक]] मिलकर एक हीलियम नाभिक का निर्माण करते हैं, अर्थात सूर्य के केन्द्र पर 'नाभिकीय संलयन' होता है। इस परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में [[ऊर्जा]] पैदा करता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूर्य]] | |||
{[[पंजाब]] में [[अमृतसर]] नगर को किसने स्थापित किया था?(पृ.सं. 659 | {[[पंजाब]] में [[अमृतसर]] नगर को किसने स्थापित किया था?(पृ.सं. 659 | ||
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-[[गुरु तेग बहादुर]] | -[[गुरु तेग बहादुर]] | ||
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||[[चित्र:Guru ramdas.jpg|right|100px|गुरु रामदास]]गुरु रामदास [[सिक्ख|सिक्खों]] के चौथे गुरु थे। इन्होंने [[सिक्ख धर्म]] के सबसे प्रमुख पद 'गुरु' को 1574 ई. में प्राप्त किया था। इस पद पर ये 1581 ई. तक बने रहे थे। [[गुरु रामदास]] सिक्खों के तीसरे [[गुरु अमरदास]] के दामाद थे। इन्होंने 1577 ई. में 'अमृत सरोवर' नामक एक नये नगर की स्थापना की थी, जो आगे चलकर [[अमृतसर]] के नाम से प्रसिद्ध हुआ। गुरु रामदास के समय में लोगों से 'गुरु' के लिए चंदा या दान लेने की परम्परा शुरू हुई थी। गुरुजी बड़े [[साधु]] स्वभाव के व्यक्ति थे। इस कारण सम्राट [[अकबर]] भी उनका सम्मान करता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु रामदास]] | |||
{निम्नांकित में से किसका सुमेल नहीं है?(पृ.सं. 659 | {निम्नांकित में से किसका सुमेल नहीं है?(पृ.सं. 659 |
08:36, 19 मार्च 2013 का अवतरण
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