"प्रयोग:गोविन्द4": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) (पन्ने को खाली किया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
<noinclude>{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5" | |||
|-</noinclude> | |||
| style="background:transparent;"| | |||
{| style="background:transparent; width:100%" | |||
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"| <font color="#003366">एक आलेख</font> | |||
|- | |||
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}} | |||
<div style="padding:3px">[[चित्र:Braj-Kolaz.jpg|right|130px|ब्रज के विभिन्न दृश्य|border|link=ब्रज]]</div> | |||
<poem> | |||
'''[[ब्रज]]''' शब्द का प्रयोग [[वेद|वेदों]], [[रामायण]] और [[महाभारत]] के काल में गोष्ठ- 'गो-स्थान’ जैसे लघु स्थल के लिये होता था, वहीं पौराणिक काल में ‘गोप-बस्ती’ जैसे कुछ बड़े स्थानों के लिये किया जाने लगा। भागवत में ‘ब्रज’ क्षेत्र विशेष को इंगित करते हुए ही प्रयुक्त हुआ है। वहाँ इसे एक छोटे ग्राम की संज्ञा दी गई है। उसमें ‘पुर’ से छोटा ‘ग्राम’ और उससे भी छोटी बस्ती को ‘ब्रज’ कहा गया है। 16वीं शताब्दी में ‘ब्रज’ प्रदेश के अर्थ में होकर ‘[[ब्रजमंडल]]’ हो गया और तब उसका आकार '''[[ब्रज चौरासी कोस की यात्रा|चौरासी कोस]]''' का माना जाने लगा था। आज जिसे हम ब्रज क्षेत्र मानते हैं उसकी दिशाऐं, उत्तर में [[पलवल]], [[हरियाणा]], दक्षिण में [[ग्वालियर]], [[मध्य प्रदेश]], पश्चिम में [[भरतपुर]], [[राजस्थान]] और पूर्व में [[एटा]] [[उत्तर प्रदेश]] को छूती हैं।</poem> | |||
---- | |||
<center> | |||
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3" | |||
|- | |||
| [[चयनित लेख|पिछले विशेष आलेख]] → | |||
| [[होली]] · | |||
| [[कुम्भ मेला]] · | |||
| [[मैसूर]] · | |||
| [[दिल्ली]] · | |||
| [[अशोक]] | |||
|}</center> | |||
|}<noinclude>[[Category:विशेष आलेख के साँचे]]</noinclude> |
11:38, 2 अप्रैल 2013 का अवतरण
|