"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 11: | पंक्ति 11: | ||
-[[केसरी वानर राज|केसरी]]-[[सुषेण वैद्य|सुषेण]] | -[[केसरी वानर राज|केसरी]]-[[सुषेण वैद्य|सुषेण]] | ||
+[[नल (रामायण)|नल]]-[[नील]] | +[[नल (रामायण)|नल]]-[[नील]] | ||
||'[[रामायण]]' में 'नल' और 'नील' नाम के दो वानरों का उल्लेख हुआ है, जो [[श्रीराम]] की सेना में थे। ये दोनों वानर [[देवता|देवताओं]] के शिल्पी [[विश्वकर्मा]] के अंशावतार थे। दक्षिण में [[समुद्र]] के किनारे पहुँचकर जब [[श्रीराम]] ने समुद्र की आराधना की, तब प्रसन्न होकर वरुणालय ने सगर पुत्रों से संबंधित होकर अपने को इक्ष्वाकु वंशीय बतलाकर राम की सहायता करने का वचन दिया। उसने कहा- "आपकी सेना में [[नल (रामायण)|नल]]-[[नील]] नामक विश्वकर्मा के पुत्र हैं। वह अपने हाथ से मेरे [[जल]] में जो कुछ भी छोड़ेंगे, वह तैरता रहेगा, डूबेगा नहीं।' इस प्रकार समुद्र पर पुल बना, जो 'नलसेतु' नाम से विख्यात हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नल (रामायण)|नल]]-[[नील]] | |||
{[[लंका]] के उस प्रसिद्ध वैद्य का क्या नाम था, जिसे [[लक्ष्मण]] की मूर्च्छा दूर करने हेतु [[हनुमान]] लंका से उठा लाये?(पृ.सं.-11 | {[[लंका]] के उस प्रसिद्ध वैद्य का क्या नाम था, जिसे [[लक्ष्मण]] की मूर्च्छा दूर करने हेतु [[हनुमान]] लंका से उठा लाये?(पृ.सं.-11 | ||
पंक्ति 25: | पंक्ति 26: | ||
-कपिध्वज | -कपिध्वज | ||
-मकरध्वज | -मकरध्वज | ||
||'जनक' [[मिथिला|मिथिला महाजनपद]] के राजा और [[श्रीराम]] के श्वसुर थे। इनका वास्तविक नाम 'सिरध्वज' और इनके भाई का नाम 'कुशध्वज' था। [[सीता]] महाराज [[जनक]] की ही पुत्री थीं, जिनका विवाह [[अयोध्या]] के [[राजा दशरथ]] के ज्येष्ठ पुत्र [[राम]] से सम्पन्न हुआ था। जनक अपने अध्यात्म तथा तत्त्वज्ञान के लिए अत्यन्त प्रसिद्ध थे। उनके पूर्वजों में [[निमि]] के ज्येष्ठ पुत्र देवरात थे। भगवान [[शिव]] का [[धनुष अस्त्र|धनुष]] उन्हीं की धरोहरस्वरूप राजा जनक के पास सुरक्षित था। जब राजा जनक ने एक [[यज्ञ]] किया, तब विश्वामित्र तथा मुनियों ने [[राम]] और [[लक्ष्मण]] को भी उस यज्ञ में सम्मिलित होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि उन दोनों को शिव-धनुष के दर्शन करने का अवसर भी प्राप्त होगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जनक]] | |||
{'[[वाल्मीकि रामायण]]' की रचना जिस [[छन्द]] में हुई, उसका नाम क्या है?(पृ.सं.-12 | {'[[वाल्मीकि रामायण]]' की रचना जिस [[छन्द]] में हुई, उसका नाम क्या है?(पृ.सं.-12 |
07:23, 4 मई 2013 का अवतरण
|