"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 107: पंक्ति 107:
+[[गुजरात]]
+[[गुजरात]]
-[[राजस्थान]]
-[[राजस्थान]]
||[[चित्र:Rann-Of-Kachchh-4.jpg|right|100px|कच्छ का रण, गुजरात]]गुजरात [[भारत]] का अत्यंत महत्त्वपूर्ण राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा [[पाकिस्तान]] से लगी है। यहाँ मिले पुरातात्विक [[अवशेष|अवशेषों]] से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस राज्य में मानव सभ्यता का विकास पाँच हज़ार वर्ष पहले हो चुका था। कहा जाता है कि ई. पू. 2500 वर्ष पहले [[पंजाब]] से [[हड़प्पा]] वासियों ने '[[कच्छ के रण]]' को पार कर [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] की उपत्यका में मौजूदा [[गुजरात]] की नींव डाली थी। गुजरात ई. पू. तीसरी शताब्दी में [[मौर्य साम्राज्य]] में शामिल था। [[जूनागढ़]] के [[अभिलेख]] से इस बात की पुष्टि होती है। यहाँ के प्रसिद्ध मन्दिरों में शिल्पगौरव गलतेश्वर, [[द्वारिकाधीश मंदिर द्वारका|द्वारिकानाथ का मंदिर]], [[शत्रुंजय पर्वत|शत्रुंजय पालीताना]] के जैन मंदिर, सीदी सैयद मस्जिद की जालियाँ, [[पाटन]] की काष्ठकला इत्यादि काफ़ी महत्त्वपूर्ण हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुजरात]]


{निम्न में से कौन आठ [[वसु|वसुओं]] में से एक थे?
{निम्न में से कौन आठ [[वसु|वसुओं]] में से एक थे?
पंक्ति 114: पंक्ति 115:
-[[भीम]]
-[[भीम]]
-[[अश्वत्थामा]]
-[[अश्वत्थामा]]
||भीष्म [[हस्तिनापुर]] नरेश [[शांतनु]] के पुत्र थे, जो आठ [[वसु|वसुओं]] में से एक थे। [[भीष्म]] के जन्म से पहले [[गंगा]] के गर्भ से जो सात पुत्र पैदा हुए थे, उन्हें उत्पन्न होते ही गंगा ने पानी में डुबो दिया था। पत्नी के इस व्यवहार को [[शांतनु]] समझ नहीं पाते थे। किंतु वे उसे टोक भी नहीं सकते थे, क्योंकि [[विवाह]] से पहले ही गंगा ने शांतनु से कह दिया था कि यदि उसे किसी भी कार्य के लिए टोका गया तो वह उन्हें त्याग कर चली जायेगी। अंत में जब आठवीं संतान उत्पन्न होने पर गंगा ने उसे भी डुबाना चाहा, तब शांतनु ने उनको ऐसी निष्ठुरता करने से रोका। गंगा वह संतान शांतनु को सौंपकर अंतर्धान हो गईं। यहीं बालक 'द्युनामक' वसु था, जो आगे [[भीष्म]] के नाम से प्रसिद्ध हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भीष्म]]


{[[शिखंडी]] के गुरु का नाम क्या था?
{[[शिखंडी]] के गुरु का नाम क्या था?
पंक्ति 121: पंक्ति 123:
-[[व्यास]]
-[[व्यास]]
-[[विश्वामित्र]]
-[[विश्वामित्र]]
||[[चित्र:Dronacharya.jpg|right|100px|द्रोणाचार्य का वध करते धृष्टद्युम्न]]'द्रोणाचार्य' [[भारद्वाज]] के पुत्र थे। ये संसार के श्रेष्ठ धनुर्धर थे। [[द्रोण]] अपने [[पिता]] भारद्वाज मुनि के [[आश्रम]] में ही रहते हुये चारों [[वेद]] तथा [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र-शस्त्रों]] के ज्ञान में पारंगत हो गये थे। द्रोण का जन्म [[उत्तरांचल]] की राजधानी [[देहरादून]] में बताया जाता है। द्रोण के साथ प्रषत् नामक राजा के पुत्र [[द्रुपद]] भी शिक्षा प्राप्त करते थे तथा दोनों में प्रगाढ़ मैत्री थी। भारद्वाज मुनि के शरीरान्त होने के बाद द्रोण वहीं रहकर तपस्या करने लगे। वेद-वेदागों में पारंगत तथा तपस्या के धनी द्रोण का यश थोड़े ही समय में चारों ओर फैल गया। [[शिखंडी]] ने भी इन्हें अपना गुरु बनाया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[द्रोणाचार्य]]
</quiz>
</quiz>
|}
|}
|}
|}
__NOTOC__
__NOTOC__

07:54, 14 मई 2013 का अवतरण

1 सम्पूर्ण महाभारत में श्लोकों की संख्या कितनी है?(भारतकोश, महाभारत)

एक लाख
91 हज़ार
81 हज़ार
51 हज़ार

2 धर्मराज युधिष्ठिर महाभारत युद्ध में कितनी अक्षौहिणी सेना के स्वामी थे?(भारतकोश, महाभारत)

दस अक्षौहिणी
ग्यारह अक्षौहिणी
सात अक्षौहिणी
नौ अक्षौहिणी

3 पितामह भीष्म का वास्तविक नाम क्या था?(भारतकोश, भीष्म)

परीक्षित
संकर्षण
शांतनु
देवव्रत

4 महर्षि व्यास निम्न में से किसके पुत्र थे?(भारतकोश, भीष्म)

माद्री
कुंती
सत्यवती
अम्बालिका

5 पाण्डवों ने अपनी राजधानी किसे बनाया था?(भारतकोश)

इन्द्रप्रस्थ
हस्तिनापुर
गान्धार
कौशाम्बी

6 निम्नलिखित में से किसे 'पांचाली' कहा जाता था?

द्रौपदी
सुभद्रा
उत्तरा
इनमें से कोई नहीं

7 द्रौपदी किसके वरदान से पाँच पतियों की पत्नी बनी थी?

इन्द्र
विष्णु
शिव
ब्रह्मा

8 निम्नलिखित में से कौन-सा पाण्डव माद्री का पुत्र था?

भीम
अर्जुन
नकुल
उपरोक्त में से कोई नहीं

9 निम्न नगरी में से किस एक का नाम 'मधुनगरी' भी था?

द्वारिका
मथुरा
पांचाल
गोकुल

10 निम्नलिखित में से राधा किस गोप की पुत्री थीं?

नन्द
वसुदेव
उद्धव
वृषभानु

11 श्रीकृष्ण ने कालिया नाग का दमन किस स्थान पर किया था?

ब्रह्माण्डघाट
कंस टीला
कालियदह
कुण्ड

12 निम्नलिखित में से कौन दासी पुत्र थे?

कर्ण
विदुर
नकुल
उत्तर

14 निम्न में से कौन आठ वसुओं में से एक थे?

भीष्म
युधिष्ठिर
भीम
अश्वत्थामा