"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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{[[हनुमान]] जब [[अशोक वाटिका]] में [[सीता|सीताजी]] से मिलने गए थे, उस समय वे किस वृक्ष पर छिपे थे?(पृ.सं.-16 | {[[हनुमान]] जब [[अशोक वाटिका]] में [[सीता|सीताजी]] से मिलने गए थे, उस समय वे किस वृक्ष पर छिपे थे?(पृ.सं.-16 | ||
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+अशोक | +[[अशोक वृक्ष|अशोक]] | ||
-[[शमी वृक्ष|शमी]] | -[[शमी वृक्ष|शमी]] | ||
-[[साल वृक्ष|साल]] | -[[साल वृक्ष|साल]] | ||
-अश्वत्थ | -अश्वत्थ | ||
||[[चित्र:Ashoka-Tree-1.jpg|right|100px|अशोक का वृक्ष]]अशोक के वृक्ष को [[हिन्दू धर्म]] में काफ़ी पवित्र, लाभकारी और विभिन्न मनोरथों को पूर्ण करने वाला माना गया है। अशोक का शब्दिक अर्थ होता है- "किसी भी प्रकार का शोक न होना"। यह पवित्र वृक्ष जिस स्थान पर होता है, वहाँ पर किसी प्रकार का शोक व अशान्ति नहीं रहती। मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों में [[अशोक वृक्ष|अशोक]] के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। इस वृक्ष पर प्राकृतिक शक्तियों का विशेष प्रभाव माना गया है, जिस कारण यह वृक्ष जिस जगह पर भी उगता है, वहाँ पर सभी कार्य पूर्णतः निर्बाध रूप से सम्पन्न होते चले जाते हैं। भगवान [[श्रीराम]] ने भी स्वयं ही इसे शोक दूर करने वाले पेड़ की उपमा दी थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अशोक वृक्ष]] | |||
{[[कुबेर]] को [[ब्रह्मा|ब्रह्माजी]] ने जो विमान दिया था, उसका नाम क्या था?(पृ.सं.-16 | {[[कुबेर]] को [[ब्रह्मा|ब्रह्माजी]] ने जो विमान दिया था, उसका नाम क्या था?(पृ.सं.-16 |
07:17, 24 मई 2013 का अवतरण
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