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| |+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 3 जून 2013|भारतकोश सम्पादकीय <small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font>
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| [[चित्र:doli.jpg|border|right|100px|link=भारतकोश सम्पादकीय 3 जून 2013]]
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| <center>[[भारतकोश सम्पादकीय 3 जून 2013|घूँघट से मरघट तक]]</center>
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| छोटे पहलवान: "एक किलो मैदा में कितनी कचौड़ी निकाल रहे हो ?"
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| हलवाई: "एक किलो में ! अठारह निकाल रहा हूँ... क्यों क्या हो गया ?" हलवाई ने ऐसे व्यंग्यपूर्ण मुद्रा में आश्चर्य व्यक्त किया जैसे जहाज़ चलाते हुए पायलॅट से कोई साधारण यात्री कॉकपिट में जाकर हवाई जहाज़ चलाने के बारे में सवाल कर रहा हो।"
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| छोटे पहलवान: "अठारह ? ये क्या कर रहे हो यार ? एक किलो मैदा में अठारह कचौड़ी ?" छोटे पहलवान ने आश्चर्य व्यक्त किया और हलवाई को कचौड़ियों का गणित स्कूल के हैडमास्टर की तरह विस्तार से समझाया। [[भारतकोश सम्पादकीय 3 जून 2013|...पूरा पढ़ें]]
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] →
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय 3 मई 2013|सभ्य जानवर]] ·
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय 15 अप्रॅल 2013|वोटरानी और वोटर]] ·
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय 19 मार्च 2013|कबीर का कमाल]]
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| |}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude>
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