"कल्कि अवतार": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "श्रृंगार" to "शृंगार") |
||
पंक्ति 29: | पंक्ति 29: | ||
|व्रत-वार= | |व्रत-वार= | ||
|पर्व-त्योहार= | |पर्व-त्योहार= | ||
| | |शृंगार= | ||
|अस्त्र-शस्त्र= | |अस्त्र-शस्त्र= | ||
|निवास= | |निवास= |
13:19, 25 जून 2013 का अवतरण
कल्कि अवतार
| |
अवतार | भगवान विष्णु के दस अवतारों में अंतिम अवतार |
धर्म-संप्रदाय | हिंदू धर्म |
अन्य विवरण | धर्म ग्रंथों के अनुसार 'कल्कि अवतार' अभी प्रकट होने वाला है। |
कल्कि अवतार भगवान विष्णु का अन्तिम अवतार माना जाता है। इसके अतिरिक्त इसी आधार पर 'कल्कि पुराण' का भी नामकरण हुआ है।
- इसके अनुसार विष्णु का 'कल्कि' अवतार कलियुग के अन्त में होगा। कल्कि रूप में अवतरित होकर विष्णु 'कलि' का संहार कर सत युग का आविर्भाव करेंगे।
- इनके साथ ही पद्या रूप में लक्ष्मी भी अवतार लेंगी। कल्कि इनका पाणिग्रहण करेंगे।
- इसके बाद विश्वकर्मा द्वारा निर्मित 'शंभल' नगर में ये वास करेंगे।
- वहीं बौद्धों का दमन तथा कुथोदर नामक राक्षसी का वध करेंगे। इसके उपरान्त 'मल्लाह' नामक राजा की मुक्ति होगी।
- इसके उपरान्त भूलोक के समस्त अत्याचारों के विनाश के बाद सतयुग का आविर्भाव होगा। भूतल पर देव तथा गन्धर्व आदि प्रकट होंगे। अन्त में कल्कि भगवान वैकुण्ठ लौट जायेंगे।
|
|
|
|
|