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| |+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 21 सितम्बर 2013|भारतकोश सम्पादकीय <small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font>
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| [[चित्र:Phansi.jpg|right|80px|link=भारतकोश सम्पादकीय 21 सितम्बर 2013]]
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| <center>[[भारतकोश सम्पादकीय 21 सितम्बर 2013|समाज का ऑपरेटिंग सिस्टम]]</center>
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| ऑपरेटिंग सिस्टम के नये से नये रूपांतरण (वर्ज़न) लाना और लगातार सॉफ़्टवेयर अपडेट का आना ही माइक्रोसॉफ़्ट की सफलता का राज़ है। ज़माना अपडेट्स का है। न्यायपालिका और कार्यपालिका भी समाज के ऑपरेटिंग सिस्टम हैं। जिनको समय-समय पर नये रूपान्तरण (वर्ज़न) और अद्यतन (अपडेट) की आवश्यकता होती है। [[भारतकोश सम्पादकीय 21 सितम्बर 2013|...पूरा पढ़ें]]
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] →
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय 11 अगस्त 2013|ग़रीबी का दिमाग़]] ·
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय 9 जुलाई 2013|कल आज और कल]] ·
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय 3 जून 2013|घूँघट से मरघट तक]]
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| |}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude>
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