|
|
पंक्ति 1: |
पंक्ति 1: |
| <noinclude>{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
| | |
| |-</noinclude>
| |
| | style="background:transparent;"|
| |
| {| style="background:transparent; width:100%"
| |
| |+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">एक व्यक्तित्व</font>
| |
| |-
| |
| {{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
| |
| [[चित्र:Devkinandan-Khatri.jpg|right|100px|link=देवकीनन्दन खत्री|border]]
| |
| <poem>
| |
| '''[[देवकीनन्दन खत्री]]''' [[हिन्दी]] के प्रथम तिलिस्मी लेखक थे। उन्होंने '[[चन्द्रकान्ता (उपन्यास)|चन्द्रकान्ता ]]', '[[चंद्रकांता संतति]]', 'काजर की कोठरी', 'नरेंद्र-मोहिनी', 'कुसुम कुमारी', 'वीरेंद्र वीर', 'गुप्त गोंडा', 'कटोरा भर' और '[[भूतनाथ -देवकीनन्दन खत्री|भूतनाथ]]' जैसी रचनाएँ कीं। हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में उनके उपन्यास 'चन्द्रकान्ता' का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इस उपन्यास का रसास्वादन करने के लिए कई गैर-हिन्दीभाषियों ने हिन्दी भाषा सीखी। बाबू देवकीनन्दन खत्री ने 'तिलिस्म', 'ऐय्यार' और 'ऐय्यारी' जैसे शब्दों को हिन्दीभाषियों के बीच लोकप्रिय बना दिया। [[देवकीनन्दन खत्री|... और पढ़ें]]
| |
| </poem>
| |
| ----
| |
| <center>
| |
| {| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3"
| |
| |-
| |
| | [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
| |
| | [[तुलसीदास]] ·
| |
| | [[सुमित्रानंदन पंत]] ·
| |
| | [[सुभाष चंद्र बोस]] ·
| |
| | [[स्वामी विवेकानन्द]]
| |
| |}</center>
| |
| |}<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>
| |