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| ==भूगोल सामान्य ज्ञान== | | ==राष्ट्रीय राजमार्ग== |
| {| class="bharattable-green" width="100%" | | {| width="100%" class="bharattable-pink" |
| | |+आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई |
| |- | | |- |
| | valign="top"| | | ! क्रम संख्या |
| {| width="100%"
| | ! राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या |
| | ! मार्ग (रूट) |
| | ! लम्बाई (कि.मी.) |
| | |- |
| | |1. |
| | |4 |
| | |[[कर्नाटक]] सीमा-पाल्मानेर-[[चित्तूर ज़िला|चित्तूर]]-नरहरिपेटा से [[तमिलनाडु]] सीमा तक |
| | |83 |
| | |- |
| | |2. |
| | |5 |
| | |[[उड़ीसा]] सीमा से इच्छापुरम-नरसन्नापेटा-[[श्रीकाकुलम]]-भिमुनीपट्टनम-[[विशाखापट्टनम]]-प्रातीपडु-राजामुंदरी-इलूरू-[[विजयवाड़ा|विजयवाड़ा]]-गंतूर-ओंगल-नैल्लोर-गुंडुर से [[तमिलनाडु]] सीमा तक |
| | |1000 |
| | |- |
| | |3. |
| | |7 |
| | |[[महाराष्ट्र]] सीमा से अदीलाबाद-[[निर्मल (आंध्र प्रदेश)|निर्मल]]-रामायमपेट-[[हैदराबाद]]-[[कुरनूल]]-गूटी-[[अनंतपुर]]-पेनूकोंडा-[[कर्नाटक]] सीमा तक |
| | |753 |
| | |- |
| | |4. |
| | |9 |
| | |कर्नाटक सीमा से जहीराबाद-हैदराबाद-सूरियापेट-विजयवाड़ा-मछलीपत्तनम |
| | |430 |
| | |- |
| | |5. |
| | |16 |
| | |निजामाबाद-अरमूर-जगतियाल-चिन्नूर से महाराष्ट्र सीमा तक |
| | |220 |
| | |- |
| | |6. |
| | |18 |
| | |कुरनूल-नांदयाल-कुडापाह-रायाचोट-चित्तूर |
| | |369 |
| | |- |
| | |7. |
| | |43 |
| | |उड़ीसा सीमा से रामभद्रपुरम-विजयनगरम-नतवलसा के समीप रा रा-5 के साथ जंक्शन तक |
| | |83 |
| | |- |
| | |8. |
| | |63 |
| | |कर्नाटक सीमा से गुंटाकल-गूटी |
| | |62 |
| | |- |
| | |9. |
| | |202 |
| | |हैदराबाद-वारंगल-वैंकटपुरम से छत्तीसगढ सीमा तक |
| | |2 |
| | |- |
| | |10. |
| | |205 |
| | |अनंतपुर-कादिरी-मदनपल्ली-रेनीगुंटा से तमिलनाडु सीमा तक |
| | |360 |
| | |- |
| | |11. |
| | |214 |
| | |कातीपुदी-काकीनाडा-रजोल-नरसापुर-पामुरू |
| | |270 |
| | |- |
| | |12. |
| | |214ए |
| | |दिगमारू के समीप रा.रा.-214 के जंक्शन से प्रारम्भ होकर नरसापुर-मछलीपट्टनम-चल्लापल्ली-अवनीगड्डा-रिपल्ले-बापतला-चिरला को जोड़ते हुए औंगोल के समीप रा.रा.-5 के साथ अपने जंक्शन पर समाप्त होने वाला राजमार्ग |
| | |255 |
| | |- |
| | |13. |
| | |219 |
| | |मदनपल्ली-पुगानूरू-पाल्मानेर-कुप्पम से तमिलनाडु सीमा तक |
| | |128 |
| | |- |
| | |14. |
| | |221 |
| | |विजयवाड़ा के समीप रा.रा.-9 के जंक्शन से प्रारम्भ होकर कोंडापल्ली-मैलावरम-तिरूगुरू-पेनुबल्ली-कोटागुंडेम-पलवंचा-भद्राचलम-नैलीपाका-चिंतुरू-कोंटा को जोड़ते हुए छत्तीसगढ सीमा तक |
| | |155 |
| | |- |
| | |15. |
| | |222 |
| | |महाराष्ट्र सीमा से निरमल के समीप रा.रा.-7 के साथ जंक्शन तक |
| | |60 |
| | |- |
| | | |
| | | |
| | | | | |
| <quiz display=simple>
| | |4472 |
| {निम्नलिखित में से [[बॉक्साइट]] किसका अयस्क है?
| |
| |type="()"} | |
| -[[सीसा]]
| |
| +[[ऐल्युमिनियम]]
| |
| -[[जस्ता]]
| |
| -[[ताँबा]]
| |
| ||[[चित्र:Aluminium.jpg|right|100px|ऐल्युमिनियम]]'ऐल्युमिनियम' एक [[तत्त्व|रासायनिक तत्त्व]] है, जो [[धातु]] रूप में पाया जाता है। [[रसायन विज्ञान]] में इसका संकेत AI तथा [[परमाणु संख्या]] 13 होती है। [[ऐल्युमिनियम]] का [[परमाणु भार]] 26.98 होता है। औद्योगिक रूप में ऐल्युमिनियम [[बॉक्साइट]] से प्राप्त किया जाता है। बॉक्साइट (Al2O3.2H2O) ऐल्युमिनियम का मुख्य अयस्क है, जो ऐल्युमिनियम के जलयोजित ऑक्साइड के रूप में पाया जाता है। चूँकि यह अयस्क सर्वप्रथम [[फ्रांस]] के 'बॉक्स' नामक स्थान पर पाया गया था, इसलिए इसका नाम बॉक्साइट रखा गया। ऐल्युमिनियम धातु का निष्कर्षण मुख्यतः बॉक्साइट अयस्क से विद्युत अपघटन विधि द्वारा किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ऐल्युमिनियम]]
| |
| | |
| {[[छत्तीसगढ़]] के [[धमतरी ज़िला|धमतरी ज़िले]] में कौन-सा अभयारण्य स्थित है?
| |
| |type="()"}
| |
| +[[सीतानंदी अभयारण्य]]
| |
| -[[भोरमदेव अभयारण्य]]
| |
| -[[बारनावापारा वन्य जीवन अभयारण्य]]
| |
| -[[भितरकनिका अभयारण्य]]
| |
| ||[[चित्र:Chital-Sitanadi-Wildlife-Sanctuary.jpg|right|120px|चीतल, सीतानंदी अभयारण्य]]'सीतानंदी अभयारण्य' [[मध्य भारत|मध्य भारत]] के [[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ़ राज्य]] के [[धमतरी ज़िला|धमतरी ज़िले]] में स्थित एक सर्वाधिक प्रसिद्ध और महत्त्वपूर्ण वन्य जीव अभयारण्य है। इस अभयारण्य की स्थापना 'वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम-1972' के तहत [[1974]] में की गई थी। अभयारण्य में 556 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में अत्यंत ऊंचे-नीचे पहाड़ और पहाड़ी तराईयाँ हैं। यह सुंदर अभयारण्य सीतानंदी नदी के नाम पर बनाया गया है, जो [[सीतानंदी अभयारण्य]] के बीच से बहती है और [[देवकूट]] के पास [[महानदी]] नामक नदी से जुड़ती है। अभयारण्य की वनस्पति में मुख्यत: नम पेनिन सुलर साल, टीक और [[बांस]] के वन शामिल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सीतानंदी अभयारण्य]]
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| | |
| {निम्न में से किस वृक्ष का [[पुष्प]] [[उत्तर प्रदेश]] का राज्य पुष्प है?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[शमी वृक्ष|शमी]]
| |
| +[[पलाश वृक्ष|पलाश]]
| |
| -[[साल वृक्ष|साल]]
| |
| -[[सेमल वृक्ष|सेमल]]
| |
| ||[[चित्र:Palash-Tree.jpg|right|100px|पलाश वृक्ष]]'पलाश' अथवा 'पलास' [[भारत]] के सुंदर फूलों वाले प्रमुख वृक्षों में से एक है। प्राचीन काल से ही इस वृक्ष के फूलों से '[[होली]]' के [[रंग]] तैयार किये जाते रहे हैं। [[ऋग्वेद]] में 'सोम', 'अश्वत्थ' तथा 'पलाश' वृक्षों की विशेष महिमा वर्णित है। कहा जाता है कि [[पलाश वृक्ष]] में सृष्टि के प्रमुख [[देवता]]- [[ब्रह्मा]], [[विष्णु]] और [[महेश]] का निवास है। अत: पलाश का उपयोग [[ग्रह|ग्रहों]] की शांति हेतु भी किया जाता है। पलाश का [[फूल]] [[उत्तर प्रदेश]] सरकार का राज्य पुष्प है और इसको 'भारतीय डाकतार विभाग' द्वारा [[डाक टिकट]] पर प्रकाशित कर सम्मानित किया जा चुका है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पलाश वृक्ष]]
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| | |
| {किस [[महासागर]] का [[जल]] [[वर्ष]] में दो बार दिशा बदलता है?
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| |type="()"}
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| -[[भूमध्य सागर]]
| |
| -[[कैस्पियन सागर]]
| |
| -[[अरब सागर]]
| |
| +[[हिंद महासागर]]
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| ||[[चित्र:Indian-Ocean-2.jpg|right|100px|हिंद महासागर]]'हिंद महासागर' [[एशिया]] के दक्षिण में [[अफ्रीका]] और [[ऑस्ट्रेलिया]] के बीच फैला हुआ है। [[हिंद महासागर]] का अधिकांश भाग [[पृथ्वी]] के दक्षिणी गोलार्ध में आता है। इसके उत्तरी छोर पर भारतीय उपमहाद्वीप है, दक्षिण में [[अंटार्कटिका महाद्वीप|अंटार्कटिका]], पश्चिम में अफ्रीका और पूर्व में इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया हैं। हिंद महासगर युवा [[महासागर]] है, इसने केवल 3.6 करोड़ वर्ष पहले ही अपना वर्तमान रूप ग्रहण किया है। महासागरों में पानी एक ही दिशा में बहता है, लेकिन हिंद महासागर में पानी का बहाव साल में दो बार दिशा बदलता है, गर्मियों में [[मानसून|मानसूनी]] हवाओं के कारण पानी [[भारत]] की ओर बहता है और सर्दियों में अफ्रीका की ओर बहने लगता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हिंद महासागर]]
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| {जिन क्षेत्रों में जमाव बिंदु एक विशेष मौसम में ही होता है, उन ठंडे [[रेगिस्तान|रेगिस्तानों]] को क्या कहा जाता है?
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| |type="()"}
| |
| -[[ऊष्मा द्वीप]]
| |
| -[[ध्रुवीय कटिबन्ध]]
| |
| +[[टुण्ड्रा प्रदेश]]
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| -[[शीतोष्ण कटिबन्ध]]
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| ||[[चित्र:Tundra.jpg|right|100px|टुण्ड्रा क्षेत्र]]'टुण्ड्रा' एक प्रकार का बायोम है। ध्रुवीय क्षेत्र के [[रेगिस्तान]] ठंडे होते हैं तथा वर्ष भर बर्फ से ढके रहते हैं। यहाँ [[वर्षा]] नगण्य होती है तथा धरती की सतह पर सदैव बर्फ की चादर-सी बिछी रहती है। जिन क्षेत्रों में जमाव बिंदु एक विशेष मौसम में ही होता है, उन ठंडे रेगिस्तानों को ही '[[टुण्ड्रा]]' कहते हैं। यहाँ पूरे [[वर्ष]] [[तापमान]] शून्य डिग्री सेल्सियस से कम रहता है। ऐसे स्थान सदैव बर्फ आच्छादित रहते हैं। [[उत्तरी अमेरिका]] के टुण्ड्रा निवासियों को 'एस्किमो' तथा यूरेशिया के टुण्ड्रा निवासियों को 'लैप्स', 'फिन' या 'याकूत' कहा जाता है। टुण्ड्रा निवासी सील मछली की चर्बी जलाकर अपने घरों को गरम रखते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[टुण्ड्रा प्रदेश]]
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| {[[न्यूमूर द्वीप]] किस खाड़ी में स्थित है?
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| |type="()"}
| |
| -[[फ़ारस की खाड़ी]]
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| -[[अदन की खाड़ी]]
| |
| +[[बंगाल की खाड़ी]]
| |
| -[[ओमान की खाड़ी]]
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| ||[[चित्र:Bay-Of-Bengal.jpg|right|100px|बंगाल की खाड़ी]]'बंगाल की खाड़ी' विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है। यह [[हिन्द महासागर]] का उत्तरपूर्वी भाग है। इसका नाम भारतीय राज्य [[पश्चिम बंगाल]] के नाम पर आधारित है। [[बंगाल की खाड़ी]] में ही [[न्यूमूर द्वीप]] स्थित है, जो कि एक निर्जन द्वीप है। इस [[द्वीप]] को [[भारत]] में 'पुरबाशा' और [[बांग्लादेश]] में 'दक्षिण तलपट्टी' के नाम से जाना जाता है। आकार में यह खाड़ी त्रिभुजाकार है, जिसके उत्तर में बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल, पूर्व में [[म्यांमार]] और [[अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह]] और पश्चिम में भारत तथा [[श्रीलंका]] स्थित हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंगाल की खाड़ी]]
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| {'एलिफ़ैंट पर्वतमाला' के नाम से किसे जाना जाता है?
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| |type="()"}
| |
| -[[राजमहल पहाड़ियाँ]]
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| +[[अन्नामलाई पहाड़ियाँ]]
| |
| -[[खासी पहाड़ियाँ]]
| |
| -[[उत्तरी कछार पहाड़ियाँ]]
| |
| ||[[चित्र:Anamalai-Hills.jpg|right|100px|अन्नामलाई पहाड़ियाँ]]'अन्नामलाई पहाड़ियाँ', [[पश्चिमी घाट पर्वत|पश्चिमी घाट]], [[तमिलनाडु|तमिलनाडु राज्य]], दक्षिण-पूर्वी भारत में स्थित हैं। ये पहाड़ियाँ पूर्वी व पश्चिमी घाटों का संधि स्थल है और पश्चिमोत्तर व दक्षिण-पूर्व की ओर उन्मुख हैं। [[अन्नामलाई पहाड़ियाँ]] 'एलिफ़ैंट पर्वतमाला' के नाम से भी जानी जाती हैं। शीशम, चन्दन, सागौन व साबुदाने के पेड़ों से युक्त सघन वन इस क्षेत्र के ज़्यादातर हिस्से को ढंकते हैं। [[एल्युमीनियम]] व लौह धातु के ऑक्साइड से युक्त यहाँ की [[मिट्टी]] चित्तीदार लाल व भूरी है, जिसका उपयोग भवन व सड़क के निर्माण में होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अन्नामलाई पहाड़ियाँ]]
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| {निम्न में से किस देश को 'गन्ने का जन्म स्थान' कहा जाता है?
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| |type="()"}
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| -ब्राजील
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| -क्यूबा
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| +[[भारत]]
| |
| -[[चीन]]
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| ||[[चित्र:Sugarcane.jpg|right|100px|गन्ने की फ़सल]][[गन्ना]] सारे विश्व में पैदा होने वाली एक पुमुख फ़सल है। [[भारत]] को गन्ने का जन्म स्थान माना जाता है, जहाँ आज भी विश्व में गन्ने के अन्तर्गत सर्वाधिक क्षेत्रफल 35 प्रतिशत पाया जाता है। वर्तमान में गन्ना उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। यद्यपि ब्राजील एवं क्यूबा भी भारत के लगभग बराबर ही गन्ना पैदा करते हैं। देश में र्निमित सभी मुख्य मीठाकारकों के लिए गन्ना एक मुख्य कच्चा माल है। इसका उपयोग दो प्रमुख कुटीर उद्योगों मुख्यत: गुड़ तथा खंडसारी उद्योगों में भी किया जाता है। इन दोनों उद्योगों से लगभग 10 मिलियन टन मीठाकारकों का उत्पादन होता है, जिसमें देश में हुए गन्ने के उत्पादन का लगभग 28-35% गन्ने का उपयोग होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भारत की कृषि]], [[गन्ना]]
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| {[[ताप्ती नदी]] निम्नलिखित में से किस नदी के लगभग समानांतर बहती है?
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| |type="()"}
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| +[[नर्मदा नदी|नर्मदा]]
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| -[[चम्बल नदी|चम्बल]]
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| -[[यमुना नदी|यमुना]]
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| -उपरोक्त में से कोई नहीं
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| ||[[चित्र:Tapi-River.jpg|right|100px|ताप्ती नदी]]'ताप्ती नदी' को 'तापी नदी' भी कहा जाता है। यह नदी [[मध्य भारत]], दक्षिण [[मध्य प्रदेश|मध्य प्रदेश राज्य]], [[दक्कन का पठार|दक्कन के पठार]] में गाविलगढ़ पहाड़ियों से निकलती है। [[ताप्ती नदी]] पश्चिम की ओर [[सतपुड़ा पर्वत श्रेणी]] के दो पहाड़ों के बीच से होकर [[महाराष्ट्र|महाराष्ट्र राज्य]] के जलगाँव पठार को पार करके [[गुजरात|गुजरात राज्य]] में [[सूरत]] के मैदान से होते हुए [[खंभात की खाड़ी]] में गिरती है। नदी अपने उत्तर में बहने वाली अपेक्षाकृत लंबी [[नर्मदा नदी]] के लगभग समानांतर बहती है, जिससे यह मुख्य सतपुड़ा श्रेणी द्वारा विभाजित होती है। नदी की कुल लंबाई लगभग 700 किलोमीटर है और यह 65,300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अपवाहित करती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नर्मदा नदी]]
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| {निम्न में से किस नदी को "उत्तर भारत की अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड" कहा गया है?
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| |type="()"}
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| -[[यमुना नदी]]
| |
| -[[रामगंगा नदी]]
| |
| +[[गंगा नदी]]
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| -[[ताप्ती नदी]]
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| ||[[चित्र:Ganga-Varanasi.jpg|right|100px|गंगा नदी, वाराणसी]][[भारत]] की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी [[गंगा]], [[उत्तर भारत]] के मैदानों की विशाल नदी है। गंगा भारत और [[बांग्लादेश]] में मिलकर 2,510 किलोमीटर की दूरी तय करती हुई उत्तरांचल में [[हिमालय]] से निकलकर [[बंगाल की खाड़ी]] में भारत के लगभग एक-चौथाई भू-क्षेत्र को अपवाहित करती है तथा अपने बेसिन में बसे विराट जनसमुदाय के जीवन का आधार बनती है। जिस गंगा के मैदान से होकर यह प्रवाहित होती है, वह इस क्षेत्र का हृदय स्थल है, जिसे 'भारत' कहते हैं। [[गंगा नदी]] को '''उत्तर भारत की अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड''' भी कहा गया है। नदी अपना अधिकांश सफ़र भारतीय इलाक़े में ही तय करती है, लेकिन उसके विशाल डेल्टा क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा बांग्लादेश में है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गंगा नदी]]
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| </quiz>
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| |}
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| |} | | |} |
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