"उज्जृम्भ": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
|उदाहरण=
|उदाहरण=
|विशेष=उत्कृष्टशक्तिरुत्साह उदारश्चोत्सवप्रियः,
|विशेष=उत्कृष्टशक्तिरुत्साह उदारश्चोत्सवप्रियः,
उज्जृम्भ उद्भवश्चोग्र उदग्रश्चोग्रलोचनः<br/>-सुब्रह्मण्य सहस्रनाम स्तोत्रम्-ध्यानम्-12 श्लोक<ref>{{cite web |url=http://sanskritdocuments.org/all_sa/subrasahasra_sa.html |title=उज्जृम्भ |accessmonthday=8 जुलाई |accessyear=2010 |authorlink= |format=एच टी एम एल |publisher= |language=संस्कृत }}</ref>
उज्जृम्भ उद्भवश्चोग्र उदग्रश्चोग्रलोचनः<br/>-सुब्रह्मण्य सहस्रनाम स्तोत्रम्-ध्यानम्-12 श्लोक<ref>{{cite web |url=http://sanskritdocuments.org/all_sa/subrasahasra_sa.html |title=श्री सुब्रह्मण्य सहस्रनाम स्तोत्रम् |accessmonthday=8 जुलाई |accessyear=2010 |authorlink= |format=एच टी एम एल |publisher=Kirk Wortman |language=संस्कृत }}</ref>
|पर्यायवाची=विकसित, प्रफुल्ल
|पर्यायवाची=विकसित, प्रफुल्ल
|संस्कृत=(वि॰) [ब॰ स॰] फूँक भरा हुआ, फुलाया हुआ <br/>'''उज्जृम्भवदनाम्भोजा भिनत्त्यङ्गानि सङ्गना'''
|संस्कृत=(वि॰) [ब॰ स॰] फूँक भरा हुआ, फुलाया हुआ <br/>'''उज्जृम्भवदनाम्भोजा भिनत्त्यङ्गानि सङ्गना'''

06:04, 13 जुलाई 2010 का अवतरण

शब्द संदर्भ
हिन्दी वि॰ फूला, खिला हुआ, खुला हुआ
-व्याकरण    [स॰ उद् जृम्भ्+घञ्], पुंल्लिग खिलने या फुलने की क्रिया/ भाव
-उदाहरण  
-विशेष    उत्कृष्टशक्तिरुत्साह उदारश्चोत्सवप्रियः,

उज्जृम्भ उद्भवश्चोग्र उदग्रश्चोग्रलोचनः
-सुब्रह्मण्य सहस्रनाम स्तोत्रम्-ध्यानम्-12 श्लोक[1]

-विलोम   
-पर्यायवाची    विकसित, प्रफुल्ल
संस्कृत (वि॰) [ब॰ स॰] फूँक भरा हुआ, फुलाया हुआ
उज्जृम्भवदनाम्भोजा भिनत्त्यङ्गानि सङ्गना
अन्य ग्रंथ साहित्य दर्पण- दरारदार, खुला हुआ
संबंधित शब्द
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. श्री सुब्रह्मण्य सहस्रनाम स्तोत्रम् (संस्कृत) (एच टी एम एल) Kirk Wortman। अभिगमन तिथि: 8 जुलाई, 2010।