"स्वर्ण जयंती": अवतरणों में अंतर
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'''स्वर्ण जयंती''' | '''स्वर्ण जयंती''' का प्रयोग 50वीं जयंती अथवा 50वीं वर्षगाँठ के लिये किया जाता है। उदाहरण के लिये यदि [[भारत]] [[15 अगस्त]] [[1947]] को आज़ाद हुआ तो इसके 50 वर्ष बाद 15 अगस्त [[1997]] को स्वतंत्रता प्राप्ति की स्वर्ण जयंती होगी। ध्यान देने की बात ये भी है कि इसी उदाहरण में 15 अगस्त 1997 भारत का 51वां [[स्वतंत्रता दिवस]] होगा। चूंकि जयंती घटना के एक साल बाद से प्रारम्भ होती है इसलिये ये घटना की वास्तविक सँख्या से एक कम चलती है। [[अंग्रेज़ी]] भाषा में स्वर्ण जयंती के लिए 'गोल्डेन जुबली' (Golden Jubilee) शब्द का प्रयोग होता है। | ||
==स्वर्ण जयंती वर्ष== | ==स्वर्ण जयंती वर्ष== | ||
घटना की 49वीं वर्षगाँठ के दिन से लेकर स्वर्ण जयंती तक चलने वाले एक [[वर्ष]] को स्वर्ण जयंती वर्ष कहा जाता है। अधिकतर समूह या संगठन जो किसी घटना का स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहे होते हैं, वो इस पूरे वर्ष कोई न कोई आयोजन अथवा समारोह करते रहते हैं जो कि अंत में स्वर्ण जयंती के दिन सम्पन्न होते हैं। | घटना की 49वीं वर्षगाँठ के दिन से लेकर स्वर्ण जयंती तक चलने वाले एक [[वर्ष]] को स्वर्ण जयंती वर्ष कहा जाता है। अधिकतर समूह या संगठन जो किसी घटना का स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहे होते हैं, वो इस पूरे वर्ष कोई न कोई आयोजन अथवा समारोह करते रहते हैं जो कि अंत में स्वर्ण जयंती के दिन सम्पन्न होते हैं। |
13:41, 2 जनवरी 2014 का अवतरण
स्वर्ण जयंती का प्रयोग 50वीं जयंती अथवा 50वीं वर्षगाँठ के लिये किया जाता है। उदाहरण के लिये यदि भारत 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ तो इसके 50 वर्ष बाद 15 अगस्त 1997 को स्वतंत्रता प्राप्ति की स्वर्ण जयंती होगी। ध्यान देने की बात ये भी है कि इसी उदाहरण में 15 अगस्त 1997 भारत का 51वां स्वतंत्रता दिवस होगा। चूंकि जयंती घटना के एक साल बाद से प्रारम्भ होती है इसलिये ये घटना की वास्तविक सँख्या से एक कम चलती है। अंग्रेज़ी भाषा में स्वर्ण जयंती के लिए 'गोल्डेन जुबली' (Golden Jubilee) शब्द का प्रयोग होता है।
स्वर्ण जयंती वर्ष
घटना की 49वीं वर्षगाँठ के दिन से लेकर स्वर्ण जयंती तक चलने वाले एक वर्ष को स्वर्ण जयंती वर्ष कहा जाता है। अधिकतर समूह या संगठन जो किसी घटना का स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहे होते हैं, वो इस पूरे वर्ष कोई न कोई आयोजन अथवा समारोह करते रहते हैं जो कि अंत में स्वर्ण जयंती के दिन सम्पन्न होते हैं।
इन्हें भी देखें: रजत जयंती एवं हीरक जयंती
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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