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<div style="padding:3px">[[चित्र:Kolaz-Holi.jpg|होली के विभिन्न दृश्य|right|120px|link=होली|border]]</div>
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         '''[[बसंत पंचमी]]''' प्रसिद्ध भारतीय त्योहार है। इस दिन विद्या की [[सरस्वती|देवी सरस्वती]] की [[पूजा]] की जाती है। यह पूजा सम्पूर्ण [[भारत]] में बड़े उल्लास के साथ की जाती है। इस दिन स्त्रियाँ [[पीला रंग|पीले]] वस्त्र धारण करती हैं। बसंत पंचमी के पर्व से ही 'बसंत ऋतु' का आगमन होता है। बसंत को 'ऋतुओं का राजा' अर्थात सर्वश्रेष्ठ ऋतु माना गया है। शांत, ठंडी, मंद वायु, कटु शीत का स्थान ले लेती है तथा सब को नवप्राण व उत्साह से स्पर्श करती है। बसंत पंचमी के दिन वाग्देवी सरस्वती जी को पीला भोग लगाया जाता है और घरों में भोजन भी पीला ही बनाया जाता है। इस दिन विशेषकर मीठा चावल बनाया जाता है जिसमें बादाम, किशमिश, काजू आदि डालकर [[खीर]] आदि विशेष व्यंजन बनाये जाते हैं। [[बसंत पंचमी|... और पढ़ें]]
         '''[[होली]]''' [[भारत]] का प्रमुख त्योहार है। [[पुराण|पुराणों]] में वर्णित है कि [[हिरण्यकशिपु]] की बहन [[होलिका]] वरदान के प्रभाव से नित्य अग्नि स्नान करती थी। हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका से [[प्रह्लाद]] को गोद में लेकर अग्निस्नान करने को कहा। उसने समझा कि ऐसा करने से प्रह्लाद अग्नि में जल जाएगा तथा होलिका बच जाएगी। होलिका ने ऐसा ही किया, किंतु होलिका जल गयी, प्रह्लाद बच गये। इस पर्व को 'नवान्नेष्टि यज्ञपर्व' भी कहा जाता है, क्योंकि खेत से आये नवीन अन्न को इस दिन [[यज्ञ]] में हवन करके प्रसाद लेने की परम्परा भी है। उस अन्न को 'होला' कहते है। इसी से इसका नाम 'होलिकोत्सव' पड़ा। सभी लोग आपसी भेदभाव को भुलाकर इसे हर्ष व उल्लास के साथ मनाते हैं। होली पारस्परिक सौमनस्य एकता और समानता को बल देती है। [[होली|... और पढ़ें]]
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13:36, 11 फ़रवरी 2014 का अवतरण

एक आलेख
होली के विभिन्न दृश्य
होली के विभिन्न दृश्य

        होली भारत का प्रमुख त्योहार है। पुराणों में वर्णित है कि हिरण्यकशिपु की बहन होलिका वरदान के प्रभाव से नित्य अग्नि स्नान करती थी। हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका से प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्निस्नान करने को कहा। उसने समझा कि ऐसा करने से प्रह्लाद अग्नि में जल जाएगा तथा होलिका बच जाएगी। होलिका ने ऐसा ही किया, किंतु होलिका जल गयी, प्रह्लाद बच गये। इस पर्व को 'नवान्नेष्टि यज्ञपर्व' भी कहा जाता है, क्योंकि खेत से आये नवीन अन्न को इस दिन यज्ञ में हवन करके प्रसाद लेने की परम्परा भी है। उस अन्न को 'होला' कहते है। इसी से इसका नाम 'होलिकोत्सव' पड़ा। सभी लोग आपसी भेदभाव को भुलाकर इसे हर्ष व उल्लास के साथ मनाते हैं। होली पारस्परिक सौमनस्य एकता और समानता को बल देती है। ... और पढ़ें


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