"वर्ण विक्षेपण": अवतरणों में अंतर
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*जब [[सूर्य]] का प्रकाश प्रिज्म से होकर गुजरता है, तो वह अपवर्तन के पश्चात् प्रिज्म के आधार की ओर झुकने के साथ-साथ विभिन्न [[रंग|रंगों]] के प्रकाश में बँट जाता है। इस प्रकार से प्राप्त रंगों के समूह को [[वर्णक्रम]] कहते हैं तथा [[श्वेत रंग|श्वेत]] प्रकाश का अपने अवयवी रंगों में विभक्त होने की क्रिया को वर्ण विक्षेपण कहते हैं। | *जब [[सूर्य]] का प्रकाश प्रिज्म से होकर गुजरता है, तो वह अपवर्तन के पश्चात् प्रिज्म के आधार की ओर झुकने के साथ-साथ विभिन्न [[रंग|रंगों]] के प्रकाश में बँट जाता है। इस प्रकार से प्राप्त रंगों के समूह को [[वर्णक्रम]] कहते हैं तथा [[श्वेत रंग|श्वेत]] प्रकाश का अपने अवयवी रंगों में विभक्त होने की क्रिया को '''वर्ण विक्षेपण''' कहते हैं। | ||
*सूर्य के प्रकाश से प्राप्त रंगों में [[बैंगनी रंग]] का विक्षेपण सबसे अधिक एवं [[लाल रंग]] का विक्षेपण सबसे कम होता है। | *सूर्य के प्रकाश से प्राप्त रंगों में [[बैंगनी रंग]] का विक्षेपण सबसे अधिक एवं [[लाल रंग]] का विक्षेपण सबसे कम होता है। | ||
*न्यूटन ने 1666 ई. में पाया कि भिन्न-भिन्न रंग भिन्न-भिन्न कोणों से विक्षेपित होते हैं। | *'''न्यूटन''' ने '''1666''' ई. में पाया कि भिन्न-भिन्न रंग भिन्न-भिन्न कोणों से विक्षेपित होते हैं। | ||
*वर्ण-विक्षेपण किसी पारदर्शी पदार्थ में भिन्न-भिन्न रंगों के प्रकाश के भिन्न-भिन्न वेग होने के कारण होता है। अतः किसी [[पदार्थ]] का [[अपवर्तनांक]] भिन्न-भिन्न होता हैं। | *'''वर्ण-विक्षेपण''' किसी पारदर्शी पदार्थ में भिन्न-भिन्न रंगों के प्रकाश के भिन्न-भिन्न वेग होने के कारण होता है। अतः किसी [[पदार्थ]] का [[अपवर्तनांक]] भिन्न-भिन्न होता हैं। | ||
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10:59, 28 जुलाई 2010 का अवतरण
- जब सूर्य का प्रकाश प्रिज्म से होकर गुजरता है, तो वह अपवर्तन के पश्चात् प्रिज्म के आधार की ओर झुकने के साथ-साथ विभिन्न रंगों के प्रकाश में बँट जाता है। इस प्रकार से प्राप्त रंगों के समूह को वर्णक्रम कहते हैं तथा श्वेत प्रकाश का अपने अवयवी रंगों में विभक्त होने की क्रिया को वर्ण विक्षेपण कहते हैं।
- सूर्य के प्रकाश से प्राप्त रंगों में बैंगनी रंग का विक्षेपण सबसे अधिक एवं लाल रंग का विक्षेपण सबसे कम होता है।
- न्यूटन ने 1666 ई. में पाया कि भिन्न-भिन्न रंग भिन्न-भिन्न कोणों से विक्षेपित होते हैं।
- वर्ण-विक्षेपण किसी पारदर्शी पदार्थ में भिन्न-भिन्न रंगों के प्रकाश के भिन्न-भिन्न वेग होने के कारण होता है। अतः किसी पदार्थ का अपवर्तनांक भिन्न-भिन्न होता हैं।
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