"प्रयोग:खुशी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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-सारी ऊष्मा अन्दर ही रहती है | -सारी ऊष्मा अन्दर ही रहती है | ||
-यह | -यह अंतर्वस्तु का ताप बढ़ा देता है | ||
-भाप से व्याप्त हो जाने की क्रिया के द्वारा | -भाप से व्याप्त हो जाने की क्रिया के द्वारा | ||
+इसमें पानी का क्वथनांक बढ़जाता है | +इसमें [[पानी]] का क्वथनांक बढ़जाता है | ||
{लैम्प की बत्ती में तेल चढ़ता है, क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-154 | {लैम्प की बत्ती में तेल चढ़ता है, क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-154 | ||
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-गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है | -गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है | ||
-स्थितिज ऊर्जा बढ़ गई है | |||
-यांत्रिक ऊर्जा बढ़ गई है | -यांत्रिक ऊर्जा बढ़ गई है | ||
+ऊष्मीय ऊर्जा बढ़ गई है | +ऊष्मीय ऊर्जा बढ़ गई है | ||
{बर्फ पानी में तैरती है, परंतु ऐल्कोहल में डूब जाती है,क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-72 | {बर्फ [[पानी]] में तैरती है, परंतु ऐल्कोहल में डूब जाती है,क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-72 | ||
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-पानी ऐल्कोहल की अपेक्षा पारदर्शी होता है | -पानी ऐल्कोहल की अपेक्षा पारदर्शी होता है | ||
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+बर्फ पानी से हल्की होती है तथा ऐल्कोहल से भारी होता है | +बर्फ पानी से हल्की होती है तथा ऐल्कोहल से भारी होता है | ||
{हाइड्रोजन से भरा हुआ पॉलिथीन का एक गुब्बरा पृथ्वी के तल से छोड़ा जाता है। वायुमण्डल के ऊँचाई पर जाने से-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-95 | {हाइड्रोजन से भरा हुआ पॉलिथीन का एक गुब्बरा [[पृथ्वी]] के तल से छोड़ा जाता है। वायुमण्डल के ऊँचाई पर जाने से-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-95 | ||
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- | -गुब्बारे के आमाप में कमी आएगी | ||
- | -गुब्बारे चपटा होकर चक्रिका प्रकार के आकार में आएगा | ||
+गुब्बारे के आमाप में वृद्धि होगी | +गुब्बारे के आमाप में वृद्धि होगी | ||
-गुब्बारे का आमाप व आकार पहले के समान ही रहेगा | -गुब्बारे का आमाप व आकार पहले के समान ही रहेगा | ||
{पानी में लोहे की सूई डूब जाती है लेकिन जहाज तैरता रहता है। यह किस सिद्धांत पर आधारित है?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-155 | {[[पानी]] में लोहे की सूई डूब जाती है लेकिन जहाज तैरता रहता है। यह किस सिद्धांत पर आधारित है?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-155 | ||
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-पास्कल का सिद्धांत | -पास्कल का सिद्धांत | ||
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-प्रकाश की चाल से | -प्रकाश की चाल से | ||
{जल में वायु का बुलबुला जिसकी भाँति व्यवहार करेगा, वह है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-152|type="()"} | {[[जल]] में [[वायु]] का बुलबुला जिसकी भाँति व्यवहार करेगा, वह है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-152|type="()"} | ||
-उत्तल दर्पण | -उत्तल दर्पण | ||
-उत्तक लेंस | -उत्तक लेंस | ||
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{जब किसी बोतल में पानी भरा जाता है और उसे जमने दिया जाता है तो बोतल टूट जाती है, क्योंकि- (पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-53 | {जब किसी बोतल में पानी भरा जाता है और उसे जमने दिया जाता है तो बोतल टूट जाती है, क्योंकि- (पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-53 | ||
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+पानी जमने पर फैलता है | +[[पानी]] जमने पर फैलता है | ||
-बोतल हिमांक पर सिकुड़ती है | -बोतल हिमांक पर सिकुड़ती है | ||
-बोतल के बाहर का तापक्रम अंदर से ज्यादा होता है | -बोतल के बाहर का तापक्रम अंदर से ज्यादा होता है | ||
-पानी गर्म करने पर फैलता है | -पानी गर्म करने पर फैलता है | ||
{वस्तु के तथा उसी माध्यम में एवं उन्हीं परिस्थितियों में | {वस्तु के तथा उसी माध्यम में एवं उन्हीं परिस्थितियों में [[ध्वनि]] के वेग के अनुपात को कहते हैं- (पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-27 | ||
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-स्थायित्व संख्या | -स्थायित्व संख्या | ||
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+अर्द्धचालक पदार्थ | +अर्द्धचालक पदार्थ | ||
{जब कुछ पानी का | {जब कुछ [[पानी]] का लगातार मंथन (churrning) किया जाता है तब उसका ताप बढ़ जाता है। इस क्रिया में -(पुjस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न10 | ||
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-ऊष्मा ऊर्जा का रूपांतरण ऊष्मीय ऊर्जा में होता है | -ऊष्मा ऊर्जा का रूपांतरण ऊष्मीय ऊर्जा में होता है | ||
पंक्ति 181: | पंक्ति 181: | ||
-ऊष्मीय ऊर्जा का रूपांतरण यांत्रिक ऊर्जा में होता है | -ऊष्मीय ऊर्जा का रूपांतरण यांत्रिक ऊर्जा में होता है | ||
{जब कोई नाव नदी से समुन्द्र में प्रवेश करती है तो-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.- | {जब कोई नाव नदी से समुन्द्र में प्रवेश करती है तो-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-74 | ||
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+थोड़ी ऊपर की ओर उठ जाती है | +थोड़ी ऊपर की ओर उठ जाती है | ||
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-ऊपर उठना या डूबना नाव के पदार्थ पर निर्भर करता है | -ऊपर उठना या डूबना नाव के पदार्थ पर निर्भर करता है | ||
{हाईड्रोजन से भरा रबड़ का गुब्बरा वायु में ऊपर जाकर फट जाता है, क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-99 | {हाईड्रोजन से भरा रबड़ का गुब्बरा [[वायु]] में ऊपर जाकर फट जाता है, क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-99 | ||
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-हाईड्रोजन का भार बढ़ जाता है | -हाईड्रोजन का भार बढ़ जाता है | ||
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+वायुदाब घट जाता है | +वायुदाब घट जाता है | ||
{द्रव में आंशिक या पूर्णत: डूबे हुए किसी ठोस द्वारा प्राप्त उछाल की मात्रा निर्भर करती है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-159 | {[[द्रव]] में आंशिक या पूर्णत: डूबे हुए किसी ठोस द्वारा प्राप्त उछाल की मात्रा निर्भर करती है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-159 | ||
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+ठोस द्वारा हटाये गए द्रव की मात्रा पर | +[[ठोस]] द्वारा हटाये गए [[द्रव]] की मात्रा पर | ||
-ठोस के द्रव्यमान पर | -[[ठोस]] के [[द्रव्यमान]] पर | ||
-ठोस के भार पर | -[[ठोस]] के भार पर | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{अत्यधिक शीत ऋतु में पहाड़ों पर पानी की पाइपलाइनें फट जाती है। इसका कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-54 | {अत्यधिक [[शीत ऋतु]] में पहाड़ों पर [[पानी]] की पाइपलाइनें फट जाती है। इसका कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-54 | ||
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-पाइप ठण्डक से सिकुड़ जाता है | -पाइप ठण्डक से सिकुड़ जाता है | ||
-पाइप में पानी जमने के कारण सिकुड़ जाता है | -पाइप में [[पानी]] जमने के कारण सिकुड़ जाता है | ||
+पाइप में पानी जमने पर फैल जाता है | +पाइप में [[पानी]] जमने पर फैल जाता है | ||
-पाइप ठंडक पाकर बढ़ जाते हैं | -पाइप ठंडक पाकर बढ़ जाते हैं | ||
{मैक अंकों का प्रयोग वेग के सम्बन्ध में किया जाता है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-28 | {मैक अंकों का प्रयोग वेग के सम्बन्ध में किया जाता है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-28 | ||
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-ध्वनि के | -[[ध्वनि]] के | ||
-जलयान के | -जलयान के | ||
+वायुयान के | +वायुयान के | ||
-अंतरिक्ष यान के | -[[अंतरिक्ष यान]] के | ||
{प्रकाश में सात रंग होते हैं। रंगों को अलग करने का क्या तरीका है ?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-156 | {प्रकाश में सात रंग होते हैं। रंगों को अलग करने का क्या तरीका है ?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-156 | ||
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-फिल्टर से रंगों को अलग-अलग किया जा सकता है | -फिल्टर से रंगों को अलग-अलग किया जा सकता है | ||
-पौधों से रंगों को अलग-अलग किया जा सकता है | -पौधों से रंगों को अलग-अलग किया जा सकता है | ||
- रंगों को अलग-अलग नहीं किया जा सकता है | -रंगों को अलग-अलग नहीं किया जा सकता है | ||
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{सामान्य ताप पर किसी पात्र में जल को यदि भार-युक्त मथनी से मंथन (churning) करते है तो उसके ताप में -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न11 | {सामान्य ताप पर किसी पात्र में [[जल]] को यदि भार-युक्त मथनी से मंथन (churning) करते है तो उसके ताप में -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न11 | ||
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+वृद्धि होगी | +वृद्धि होगी | ||
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-पहले घटेगा फिर बढ़ेगा | -पहले घटेगा फिर बढ़ेगा | ||
{पानी का घनत्व होता है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-75 | {[[पानी]] का [[घनत्व]] होता है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-75 | ||
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+4डिग्री C पर | +4डिग्री C पर | ||
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-अधिक दाब के कारण उबलते पानी का ताप कम हो जाता है | -अधिक दाब के कारण उबलते पानी का ताप कम हो जाता है | ||
-चारों ओर से बन्द होने के कारण वायु का प्रभाव नहीं पड़ता है | -चारों ओर से बन्द होने के कारण वायु का प्रभाव नहीं पड़ता है | ||
+अधिक दाब के कारण उबलते पानी का ताप बढ़ जाता है | +अधिक दाब के कारण उबलते [[पानी]] का ताप बढ़ जाता है | ||
-प्रयुक्त पानी का वाष्पन बहुत कम हो जाता है | -प्रयुक्त पानी का वाष्पन बहुत कम हो जाता है | ||
{जल पृष्ट पर लोहे के टुकड़े के न तैरने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-160 | {[[जल]] पृष्ट पर लोहे के टुकड़े के न तैरने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-160 | ||
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+लोहे द्वारा विस्थापित जल का भार लोहे के भार के भार से कम होता है | +लोहे द्वारा विस्थापित जल का भार लोहे के भार के भार से कम होता है | ||
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-वाद्य यंत्र | -वाद्य यंत्र | ||
-वाद्य स्वर | -वाद्य स्वर | ||
+ध्वनि स्तर के मापन की इकाई | +[[ध्वनि]] स्तर के मापन की इकाई | ||
-शोर की तरंगदैर्ध्य | -शोर की तरंगदैर्ध्य | ||
{क्षितिज के समीप सूर्य एवं चन्द्रमा के दीर्घ वृत्ताकार दिखाई देने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-154 | {[[क्षितिज]] के समीप सूर्य एवं चन्द्रमा के दीर्घ वृत्ताकार दिखाई देने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-154 | ||
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+पूर्ण आंतरिक | +पूर्ण आंतरिक | ||
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-उनका वास्तविक आकृति | -उनका वास्तविक आकृति | ||
{तांबा मुख्य रूप से विद्युत् चालन के लिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-431;प्रश्न-17 | {[[तांबा]] मुख्य रूप से विद्युत् चालन के लिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-431;प्रश्न-17 | ||
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-इसका गलनांक अधिक होता है | -इसका गलनांक अधिक होता है | ||
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+इसकी विद्युत् परिरोधकता निम्न होती है | +इसकी विद्युत् परिरोधकता निम्न होती है | ||
{सामान्य ताप पर किसी पात्र में जल को यदि भार-युक्त मथनी से मंथन (churning) करते है तो उसके ताप में -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न11 | {सामान्य ताप पर किसी पात्र में [[जल]] को यदि भार-युक्त मथनी से मंथन (churning) करते है तो उसके ताप में -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न11 | ||
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+वृद्धि होगी | +वृद्धि होगी | ||
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-पहले घटेगा फिर बढ़ेगा | -पहले घटेगा फिर बढ़ेगा | ||
{तैराक को नदी के मुकाबले समुन्द्री पानी में तैरना आसन क्यों लगता है?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-77 | {तैराक को नदी के मुकाबले समुन्द्री [[पानी]] में तैरना आसन क्यों लगता है?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-77 | ||
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-समुद्री पानी में प्रदूषण कम होता है | -समुद्री पानी में प्रदूषण कम होता है | ||
-समुद्री तरंगे तैराक को तैरने में सहायक होती है | -समुद्री तरंगे तैराक को तैरने में सहायक होती है | ||
+समुद्री पानी का घनत्व साधारण पानी से ज्यादा होता है | +समुद्री पानी का घनत्व साधारण पानी से ज्यादा होता है | ||
-समुद्र में पानी का आयतन ज्यादा होता है | -[[समुद्र]] में पानी का आयतन ज्यादा होता है | ||
{सूर्य पर ऊर्जा का निर्माण होता है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-101 | {[[सूर्य]] पर ऊर्जा का निर्माण होता है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-101 | ||
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-नाभिकीय विखण्डन द्वारा | -नाभिकीय विखण्डन द्वारा | ||
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{महान् वैज्ञानिक आर्किमिडीज किस देश से सम्बन्धित थे?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-162 | {महान् वैज्ञानिक आर्किमिडीज किस देश से सम्बन्धित थे?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-162 | ||
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-ब्रिटेन | -[[ब्रिटेन]] | ||
-जर्मनी | -[[जर्मनी]] | ||
-सं.रा.अ. | -सं.रा.अ. | ||
+ग्रीस | +ग्रीस | ||
{चांदी ऊष्मीय चालकता तांबे की ऊष्मीय चालकता की अपेक्षा-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-66 | {[[चांदी]] ऊष्मीय चालकता तांबे की ऊष्मीय चालकता की अपेक्षा-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-66 | ||
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-कमहोती है | -कमहोती है | ||
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-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{साधारण बातचीत के ध्वनि की तीर्वता होती है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-30 | {साधारण बातचीत के [[ध्वनि]] की तीर्वता होती है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-30 | ||
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-20-30 डेसीबल | -20-30 डेसीबल | ||
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-90-100डेसीबल | -90-100डेसीबल | ||
{हमें वास्तविक सूर्योदय से कुछ मिनट पूर्व ही सूर्य दिखाई देने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-157 | {हमें वास्तविक सूर्योदय से कुछ मिनट पूर्व ही [[सूर्य]] दिखाई देने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-157 | ||
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-प्रकाश का प्रकीर्णन | -प्रकाश का प्रकीर्णन | ||
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+घनत्व | +घनत्व | ||
{सूर्य की ऊर्जा उत्पन्न होती है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-102 | {[[सूर्य]] की [[ऊर्जा]] उत्पन्न होती है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-102 | ||
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-आयन्न द्वारा | -आयन्न द्वारा | ||
+नाभिकीय संलयन द्वारा | +नाभिकीय संलयन द्वारा | ||
-नाभिकीय विखण्डन द्वारा | -नाभिकीय विखण्डन द्वारा | ||
ऑक्सीजन द्वारा | [[ऑक्सीजन]] द्वारा | ||
{किई भी नाव डूब जाएगी, यदि वह पानी हटाती है,अपने-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-161 | {किई भी नाव डूब जाएगी, यदि वह पानी हटाती है,अपने-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-161 | ||
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-समान प्रतिरोध पर | -समान प्रतिरोध पर | ||
{ऊष्मा का SI मात्रक है -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न13 | {[[ऊष्मा]] का SI मात्रक है -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न13 | ||
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-वाट | -वाट | ||
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-न्यूटन | -न्यूटन | ||
{वायुमण्डल में बादलों के तैरने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-78 | {[[वायुमण्डल]] में बादलों के तैरने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-78 | ||
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-ताप | -ताप | ||
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-घनत्व | -घनत्व | ||
{सूर्य में निरंतर ऊर्जा का सृजन किस कारण होता रहता है?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-103 | {[[सूर्य]] में निरंतर [[ऊर्जा]] का सृजन किस कारण होता रहता है?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-103 | ||
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+नाभिकीय संलयन | +नाभिकीय संलयन | ||
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-कृत्रिम रेडियोसक्रियता | -कृत्रिम रेडियोसक्रियता | ||
{पानी के एक गिलास में एक बर्फ का टुकड़ा तैर रहा है। जब बर्फ पिघलती है तो पानी के स्तर पर क्या प्रभाव होगा?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-412;प्रश्न-167 | {[[पानी]] के एक गिलास में एक बर्फ का टुकड़ा तैर रहा है। जब बर्फ पिघलती है तो पानी के स्तर पर क्या प्रभाव होगा?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-412;प्रश्न-167 | ||
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-बढ़ेगा | -बढ़ेगा | ||
पंक्ति 436: | पंक्ति 436: | ||
{ध्वनि के किस लक्षण के कारण कोई ध्वनि मोटी (Grave) या पतली (shrill) होती है?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-32 | {[[ध्वनि]] के किस लक्षण के कारण कोई ध्वनि मोटी (Grave) या पतली (shrill) होती है?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-32 | ||
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-तीव्रता (Intensity) | -तीव्रता (Intensity) |
07:08, 21 मार्च 2014 का अवतरण
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