"डामर": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''डामर''' भगवान शिव द्वारा प्रणीत शास्त्रों में एक ह...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "Category:हिन्दू धर्म कोश" to "Category:हिन्दू धर्म कोशCategory:धर्म कोश") |
||
पंक्ति 22: | पंक्ति 22: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:वैदिक साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:श्रुति ग्रन्थ]] | [[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]][[Category:वैदिक साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:श्रुति ग्रन्थ]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
12:15, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण
डामर भगवान शिव द्वारा प्रणीत शास्त्रों में एक है। इसका शाब्दिक अर्थ है 'चमत्कार'।[1]
- इस शास्त्र में भूतों के चमत्कार का वर्णन है।
- काशीखण्ड[2] में इसका उल्लेख है-
'डामरी डामरकल्पी नवाक्षरदेवीमंत्रस्य प्रतिपादको ग्रंथ।'
(दुर्गा देवी के नौ अक्षर वाले मंत्र का रहस्यविस्तारक ग्रंथ 'डामर' कहलाता है।)
- वाराहीतंत्र में डामर की टीका मिलती है। इसके अनुसार डामर छ: प्रकार का है-
- योग डामर
- शिव डामर
- दुर्गा डामर
- सारस्वत डामर
- ब्रह्म डामर
- गन्धर्व डामर
- 'कोटचक्र' विशेष का नाम भी डामर है। 'समयामृत' ग्रंथ में आठ प्रकार के कोटचक्रों का वर्णन है, जिनमें डामर भी एक है।
|
|
|
|
|